परवरिश (1977 फ़िल्म)
परवरिश | |
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परवरिश का पोस्टर | |
निर्देशक | मनमोहन देसाई |
लेखक | कादर ख़ान (संवाद) |
पटकथा | प्रयाग राज |
निर्माता | ए॰ ए॰ नाडियाडवाला |
अभिनेता |
शम्मी कपूर, अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, नीतू सिंह, शबाना आज़मी, कादर ख़ान, अमज़द ख़ान |
संगीतकार | लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल |
प्रदर्शन तिथियाँ |
11 नवंबर, 1977 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
परवरिश 1977 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह मनमोहन देसाई द्वारा निर्देशित है।[1] फिल्म में अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना ने दो भाइयों की भूमिका निभाई है। शबाना आज़मी और नीतू सिंह ने प्रेमिकाओं की भूमिका निभाई है। अमज़द ख़ान और कादर ख़ान खलनायक हैं। इस फिल्म का संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने दिया और गीत के बोल मजरुह सुल्तानपुरी ने लिखें।
यह "हिट" रही थी और बॉक्स ऑफिस पर साल की चौथी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी। यह मनमोहन देसाई की उस साल की चार हिट फिल्मों में से एक थी, जिनमें अन्य चाचा भतीजा, धरम वीर और अमर अकबर एन्थोनी थी। इस फिल्म से शम्मी कपूर का चरित्र भूमिकाओं में पूरी तरह से प्रवेश हुआ, जिसे वह अगले दो दशकों तक निभाते रहे।
संक्षेप
[संपादित करें]डीएसपी शमशेर सिंह (शम्मी कपूर) कुख्यात डाकू मंगल सिंह (अमज़द ख़ान) को तब ही पकड़ लेते हैं, जब मंगल की पत्नी बच्चे को जन्म देने वाली होती है। वह प्रसव के दौरान मर जाती है, लेकिन डीएसपी से अपने बेटे की देखभाल करने का वादा ले लेती है। इसके बाद, डीएसपी अपने साथ लड़के को पालता है। हालाँकि डीएसपी सिंह का अपना बेटा किशन (विनोद खन्ना) दुष्ट है, लेकिन मंगल का बेटा, अमित (अमिताभ बच्चन) ईमानदार स्वभाव से संपन्न है।
14 साल जेल में रहने के बाद, मंगल को पता चलता है कि उसका बेटा उसकए पुराने दुश्मन के पास है। वह किशन को अपना बेटा मानने की गलती करता है और उसे शमशेर के परिवार के खिलाफ लड़ने के लिए उकसाता है। वे अंडरवर्ल्ड गिरोह में शामिल हो जाते हैं और कहर फैलाते हैं। अमित ईमानदार पुलिस अधिकारी बन जाता है और उसे उस गिरोह को पकड़ने का काम सौंपा जाता है। गलतफहमी के बाद, किशन को विश्वास हो जाता है कि वह वास्तव में मंगल का पुत्र है और डाकू के प्रभाव में आ जाता है। हालांकि वह डीएसपी के घर में रहना जारी रखता है।
फिल्म के शेष हिस्से में पता चलता है कि किस तरह किशन और अमित अपने जन्म के बारे में सच्चाई का पता लगाते हैं और कैसे स्थिति पर प्रतिक्रिया करते हैं।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- शम्मी कपूर ― डीएसपी शमशेर सिंह
- अमिताभ बच्चन ― अमित सिंह (पुलिस ओफिसर)
- विनोद खन्ना ― किशन सिंह
- नीतू सिंह ― नीतू
- शबाना आज़मी ― शब्बू
- कादर ख़ान ― सुप्रीमो (गैंग लीडर)
- अमज़द ख़ान ― मंगल सिंह (डाकु, स्मगलर)
- देव कुमार ― मंगल का भाई
- इन्द्रानी मुखर्जी ― आशा सिह (डीएसपी की पत्नी)
- हिना कौशर ― मंगल की पत्नी
- टोम आल्टर - जैक्सन (सुप्रीमो का साथी)
- राम सेठी - नीतु और शब्बो के पिता
- चांद उस्मानी - नीतु और शब्बो की माता
- सोपारीवाला - मंगल सिंह का मेहमान (कववाली के दौरान),
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत मजरुह सुल्तानपुरी द्वारा लिखित; सारा संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "हम प्रेमी प्रेम करना जाने" | मोहम्मद रफी, किशोर कुमार, शैलेन्द्र सिंह | 5:25 |
2. | "अजी ठहरो ज़रा देखों" | अमित कुमार, शैलेन्द्र सिंह, आशा भोंसले, आरती मुखर्जी | 6:25 |
3. | "बंद आँख से देख तमाशा" | किशोर कुमार, अमित कुमार | 2:50 |
4. | "संभल जाये ज़रा" | लता मंगेशकर, उषा मंगेशकर | 7:05 |
5. | "आईये शौक से कहिये" | आशा भोंसले, किशोर कुमार | 3:20 |
6. | "सब जनता का है ये" | लता मंगेशकर, उषा मंगेशकर | 3:15 |
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "इस निर्देशक संग अमिताभ बच्चन ने की सबसे ज्यादा फ़िल्में, सुपरहिट थी जोड़ी". आज तक. मूल से 30 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 अप्रैल 2019.