नील कमल (1968 फ़िल्म)
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नीलकमल | |
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नील कमल का पोस्टर | |
निर्देशक | राम महेश्वरी |
लेखक | गुलशन नन्दा |
निर्माता | पन्नालाल महेश्वरी |
अभिनेता |
वहीदा रहमान राज कुमार मनोज कुमार |
छायाकार | फली मिस्त्री |
संगीतकार |
रवि (संगीतकार) साहिर (गीतकार) |
प्रदर्शन तिथि |
1968 |
लम्बाई |
160 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
नीलकमल 1968 में प्रदर्शित हिन्दी भाषा की फिल्म है जिसमें वहीदा रहमान, राज कुमार, मनोज कुमार व ललिता पवार मुख्य भूमिका में है।
संक्षेप
[संपादित करें]एक महान मूर्तिकार चित्रसेन के काम से खुश होकर राज्य का महाराजा उससे मनोवांछित वर मांगने के लिए कहता है वर में चित्रसेन राजकुमारी नील कमल को मांग लेता है उसके दुसाहस से क्रोधित होकर राजा उसे जिंदा दीवार में चिनवा देता है। अगले जन्म में जब नील कमल सीता के रूप मे जन्म लेती है तो चित्रसेन की आत्मा उसे रातों में पुकारती है और वह अपना होश खोकर आवाज़ की ओर चल देती है।
चरित्र
[संपादित करें]अभिनेता | भूमिका |
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वहीदा रहमान | नील कमल / सीता |
राज कुमार | चित्रसेन |
मनोज कुमार | राम |
ललिता पवार | ठकुराईन |
बलराज साहनी | रायचंद |
महमूद | गिरधर गोपाल अग्रवाल |
शशि कला | चंचल |
रामायण तिवारी | महाराज |
पी जयराज | डॉक्टर |
डेविड अब्राहम | गुरु जी |
संगीत
[संपादित करें]क्रम | गीत | गायक |
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१ | आजा तुझको पुकारें मेरा प्यार | मोहम्मद रफ़ी |
२ | दोनो के विच | आशा भोंसले |
३ | बाबुल की दुआएँ लेंती जा | मोहम्मद रफ़ी |
४ | शर्मा के यूं न देंख | मोहम्मद रफ़ी |
५ | ये ज़िन्दगी जो थी अब तक तेरी | आशा भोंसले |
६ | हे रोम-रोम में बसने वाले राम | आशा भोंसले |
७ | खाली डब्बा खाली बोतलें | मन्ना डे |
नामांकन और पुरस्कार
[संपादित करें]फ़िल्म को 16वें फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार में विभिन्न श्रेणियों में नामांकित किया गया।
श्रेणी | उम्मीदवार | परिणाम |
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फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार | वहीदा रहमान | जीत |
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार | पन्नालाल महेश्वरी | नामित |
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ कथा पुरस्कार | गुलशन नन्दा | नामित |
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | मोहम्मद रफ़ी (बाबुल की दुआएँ लेती जा) | नामित |