डॉ. प्रदीप कुमार
इस को विकिपीडिया पर पृष्ठों को हटाने की नीति के अंतर्गत शीघ्र हटाने के लिये नामांकित किया गया है। इसका नामांकन निम्न मापदंड के अंतर्गत किया गया है: ल2 • साफ़ प्रचार इसमें वे सभी पृष्ठ आते हैं जिनमें केवल प्रचार है, चाहे वह किसी व्यक्ति-विशेष का हो, किसी समूह का, किसी प्रोडक्ट का, अथवा किसी कंपनी का। इसमें प्रचार वाले केवल वही लेख आते हैं जिन्हें ज्ञानकोष के अनुरूप बनाने के लिये शुरू से दोबारा लिखना पड़ेगा। यदि लेख के इतिहास में कोई ऐसा अवतरण है जो कि पूर्णतया प्रचार नहीं था और जिसमें कुछ जानकारी ज्ञानकोष के अनुरूप भी थी, तो लेख को उस अवतरण पर पूर्वव्रत कर दिया जाना चाहिए।यदि यह लेख इस मापदंड के अंतर्गत नहीं आता तो कृपया यह नामांकन टैग हटा दें। स्वयं बनाए पृष्ठों से नामांकन न हटाएँ। यदि यह आपने बनाया है, और आप इसके नामांकन का विरोध करते हैं, तो इसके हटाए जाने पर आपत्ति करने के लिए नीचे दिये बटन पर क्लिक करें। इससे आपको इस नामांकन पर आपत्ति जताने के लिये एक पूर्व-स्वरूपित जगह मिलेगी जहाँ आप इस पृष्ठ को हटाने के विरोध का कारण बता सकते हैं। ध्यान रखें कि नामांकन के पश्चात् यदि यह पृष्ठ किसी वैध मापदंड के अंतर्गत नामांकित है तो इसे कभी भी हटाया जा सकता है। प्रबंधक: जाँचें कड़ियाँ, पृष्ठ इतिहास (पिछला संपादन), और लॉग, उसके बाद ही हटाएँ। वैकल्पिक रूप से आप चाहें तो डॉ. प्रदीप कुमार के लिये गूगल परिणाम: खोज • पुस्तक • समाचार • विद्वान • जाँच लें।
|
डॉ. प्रदीप कुमार | |
---|---|
जन्म |
1 मई 1985 गांगनौली, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा | एमएससी रसायन शास्त्र |
पेशा | मानवाधिकार सुरक्षा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष |
पुरस्कार | शिक्षा सलाहकार अवार्ड |
डॉ. प्रदीप कुमार (जन्म 1 मई 1985) मानव अधिकार सुरक्षा संगठन के अध्यक्ष हैं।[1] वह श्री राम इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी एंड योग संस्थान के संस्थापक हैं, यह संस्थान योग और नेचुरोपैथी के अलावा योग डॉक्टरों और नेचुरोपैथी से जुड़े लोगों की मदद करता है।[2][3]
जीवनी और उपलब्धियाँ[संपादित करें]
प्रदीप कुमार का जन्म गांगनौली में हुआ था वह बागपत ज़िले में शिक्षा और जागरूकता के लिए जाने जाते हैं।[4] कुमार ने श्रीराम प्राकृतिक चिकित्सा और योग संस्थान की स्थापना की, जो प्राकृतिक उपचार के माध्यम से बीमारियों का इलाज करता है।[5][6][7] वह स्वास्थ्य जागरूकता के लिए शिविरों का आयोजन करते हैं।[8] वह 21 वर्षों से श्रीराम एडुवर्सिटी बड़ौत में शिक्षा सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं।[9]
2020 में प्रदीप कुमार को आईएनओ और सूर्या फाउंडेशन द्वारा प्रदेश सह-संयोजक नियुक्त किया गया, यह समूह मेडिकल शिक्षा के लिए काम करता है।[10]
पुरस्कार[संपादित करें]
- आइकोनिक पीस अवार्ड 2024
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
- महर्षि अरविन्द का शिक्षा दर्शन
- महात्मा गांधी का शिक्षा दर्शन
- शिक्षाशास्त्री
- भारतीय शिक्षा का इतिहास
- भारतीय शिक्षा
- भारत की शिक्षा व्यवस्था
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "मानवाधिकार सुरक्षा संगठन की टीम का हुआ गठन". Hindustan. अभिगमन तिथि 2024-04-17.
- ↑ "योग संस्थानों को खोलने की अनुमति से हर्ष". Hindustan. अभिगमन तिथि 2024-04-17.
- ↑ "नेचुरोपैथी-योग के महत्व की जानकारी दी". Hindustan. अभिगमन तिथि 2024-04-17.
- ↑ "युवाओं को योग क्रियाओं का अभ्यास कराया". Amar Ujala. अभिगमन तिथि 2024-04-17.
- ↑ "भाप स्नान और मिट्टी की पट्टी से उपचार किया". Amar Ujala. अभिगमन तिथि 2024-04-17.
- ↑ "योग को दिनचर्या में शामिल करने का संकल्प -". Jagran. अभिगमन तिथि 2024-04-17.
- ↑ "स्वयंसेवकों को प्राकृतिक चिकित्सा के लाभ बताए". Amar Ujala. अभिगमन तिथि 2024-04-17.
- ↑ "ेकैसे हो शरीर स्वस्थ, बताया योग के माध्मम से - ेकैसे हो शरीर स्वस्थ, बताया योग के माध्मम से - Uttar Pradesh Bagpat Health News". Jagran. अभिगमन तिथि 2024-04-17.
- ↑ "योग को दिनचर्या में शामिल करने का संकल्प -". Jagran. अभिगमन तिथि 2024-04-17.
- ↑ "प्रकृति की ओर लौटो कार्यक्रम का होगा आयोजन - प्रकृति की ओर लौटो कार्यक्रम का होगा आयोजन - Uttar Pradesh Bagpat Common Man Issues News". Jagran. अभिगमन तिथि 2024-04-17.