चकमा स्वायत्त ज़िला परिषद

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उत्तर-पूर्वी स्वायत्त डिवीजनों
उत्तर-पूर्वी स्वायत्त डिवीजनों

लोगों की जानकारी कमी के कारण चाकमा लोगों का टाइटल गलत दर्शाया गया है, गूगल पर हर जगह (चकमा) दर्शाया जाए जोकी पूर्णता रूप से गलत है।


चाकमा स्वायत्त जिला परिषद (चाकमा आटोनोमस डिस्ट्रिक्ट काउन्सिल) का गठन भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के तहत २९ अप्रैल १९७२ को किया गया था। यह परिषद राज्य विधान सभा की प्रतिकृति है और विशेष रूप से आवंटित विभागों पर कार्यपालिका रूप से प्रशासन किया करती है। यह उत्तर-पूर्व भारत में मिज़ोरम में स्थित तीन स्वायत्त जिला परिषदों में से एक है। यह दक्षिण-पश्चिमी मिजोरम और बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा से लगे क्षेत्रों में रहने वाले चाकमा लोगों के लिये एक स्वायत्त परिषद है। परिषद के अधीन इस क्षेत्र का १५०० वर्ग किलोमीटर क्षेत्र आता है[1] जिसमें जनसंख्या 2001 में ३४,५२८  से बढ़कर २००८ तक  ४०,२६५ हो चुकी है। स्थानीय चाकमा लोगों की मांग अब एक चाकमा स्वायत्त जिला "चाकमालैण्ड" के रूप में एक संघ शासित क्षेत्र बनाने की है। लोगों की जानकारी कमी के कारण चाकमा लोगों का टाइटल गलत दर्शाया गया है, गूगल पर हर जगह (चकमा) दर्शाया जाए जोकी पूर्णता रूप से गलत है।

जनसंख्या[संपादित करें]

मिजोरम की कुल चकमा जनसंख्या  100,000 से अधिक होने का अनुमान है। चाकमा स्वायत्त जिला परिषद के अंतर्गत पूरी जनसंख्या अनुसूचित जनजाति ही है। २०११ की जनगणना के अनुसार इस क्षेत्र की कुल जनसंख्या 43,528 है जिसमें से ७०% लोग कृषि पर निर्भर है.

मुख्यालय[संपादित करें]

चाकमा स्वायत्त जिला परिषद का मुख्यालय कमलानगर है जिसका चकमा भाषा में संतरे का शहर है। इसे चौङ्ग्ते-सी कहते हैं। इसके कमलानगर-१,२,३ और ४ नामक चार भाग हैं। यहां एक महाविद्यालय भी है जिसका नाम कमलानगर गवर्नमेण्ट कालेज है और कमलानगर-१ फ़ुटबाल मैदान के निकट स्थित है। 

धर्म[संपादित करें]

चाकमा जिला परिषद के अधिकांष लोग थेरावद बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं। ये इस धर्म का अनुसरण लम्बे समय से कर रहे हैं।

नोट[संपादित करें]

  1. "Chakma Autonomous District Council" Agriculture Department, Mizoram State Annual Plan 2003-2004 Archived 2011-07-21 at the वेबैक मशीन page 284, last accessed 23 December 2010