चंद्रा एक्स-रे वेधशाला

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चंद्रा एक्स-रे वेधशाला

Annotated illustration of CXO
सामान्य जानकारी
एनएसएसडीसी आईडी 1999-040B
संगठन NASA, SAO, CXC
प्रमुख ठेकेदार TRW, Northrop Grumman
लॉन्च की तारीख 23 जुलाई 1999
लॉन्च स्थान Kennedy Space Center, USA
प्रक्षेपण यान Space Shuttle Columbia STS-93
मिशन लंबाई

planned: 5 years[1]
elapsed: 24 वर्ष, 9 महीने और

3 दिन
वजन 4,790 कि॰ग्राम (10,560 पौंड)
कक्षा ऊंचाई

apogee 133,000 कि॰मी॰ (83,000 मील)


perigee 16,000 कि॰मी॰ (9,900 मील)
कक्षा अवधि 64.2 hours
तरंग दैर्ध्य X-ray (0.1 - 10 keV)
व्यास 1.2 मी॰ (3.9 फीट)
एकत्रित क्षेत्र 0.04 मी2 (0.43 वर्ग फुट) at 1 keV
फोकल लम्बाई 10 मी॰ (33 फीट)
Instruments
वेबसाइट chandra.harvard.edu

चंद्रा एक्स-रे वेधशाला (Chandra X-ray Observatory), एक कृत्रिम उपग्रह है जिसे २३ जुलाई १९९९ को STS-93 पर नासा द्वारा प्रक्षेपित किया गया। इसका नामकरण भारतीय - अमेरिकी भौतिक विज्ञानी सुब्रमण्यम चंद्रशेखर के सम्मान में किया गया जो कि सफ़ेद बौने तारों के लिए अधिकतम द्रव्यमान का निर्धारण करने के लिए जाने जाते हैं। संस्कृत में चन्द्र का अर्थ ' चन्द्रमा' और 'चमक' भी होता है।

चंद्रा वेधशाला नासा की चार महान वेधशालाओं में से तीसरी वेधशाला है। सबसे पहली हबल अंतरिक्ष दूरदर्शी, दूसरी कॉम्पटॉन गामा रे वेधशाला (१९९१ में प्रक्षेपित) और अंतिम स्पिट्जर अंतरिक्ष दूरदर्शी है। सफल प्रक्षेपण से पहले चंद्रा वेधशाला को AXAF ' एडवांस एक्स -रे एस्ट्रोफिजिक्स फेसिलिटी ' के रूप में जाना जाता था।| AXAF का परिक्षण रेडोन्ड़ो तट, केलिफोर्निया में TRW (अब नोर्थरोप ग्रुम्मान एयरोस्पेस सिस्टम) द्वारा किया गया था। चंद्रा एक्स-रे अपने उच्च कोणीय रिज़ॉल्यूशन दर्पण के कारण किसी भी पिछले एक्स-रे दूरबीन की तुलना में १०० गुना अधिक संवेदनशील है।

पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा अधिकतम प्रकार की एक्स-रे का बड़ी मात्रा में अवशोषण कर लिया जाता है जिसका धरती आधारित दूरबीनों से पता नहीं लगाया जा सकता | इस कारण अवलोकन के लिए एक अंतरिक्ष आधारित दूरबीन बनानेकी आवश्यकता हुई।

इतिहास[संपादित करें]

सन् १९७६ में चन्द्रा एक्स-रे वेधशाला (तत्कालीन नाम AXAF) को रिच्कार्दो ग़िअक्कोनि और हार्वे तानान्बौम द्वारा नासा के लिए प्रस्तावित किया गया था। इसका प्रारंभिक कार्य मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर (MSFC) और स्मिथसोनियन एस्ट्रोफिजिकल ऑब्जरवेटोरी (SAO) में अगले वर्ष शुरू किया गया। इस बीच सन् १९७८ में नासा के पहले इमेजिंग एक्स - रे दूरबीन, आइंस्टीन (HEAO 2) कक्षा में स्थापित किया गया। चन्द्रा परियोजना पर कार्य सन् १९८० और सन् १९९० में जारी रहा। सन् १९९२ में कम लागत करने हेतु अंतरिक्ष यान को फिर से डिजाइन किया गया।

सन् १९९८ में AXAF का नाम चंद्रा कर दिया गया और सन् १९९९ में इसे शटल कोलंबिया (STS-93) द्वारा प्रक्षेपित किया गया।

सन्दर्भ[संपादित करें]