क्षोभमण्डल
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क्षोभमण्डल या ट्रोपोस्फ़ीयर (troposphere) पृथ्वी के वायुमंडल का सबसे निचला हिस्सा है। इसी परत में आर्द्रता, जलकण, धूलकण, वायुधुन्ध तथा सभी मौसमी घटनाएं होती हैं। यह पृथ्वी की वायु का सबसे घना भाग है और पूरे वायुमंडल के द्रव्यमान का ८०% हिस्सा इसमें मौजूद है। भूमध्य रेखा (इक्वेटर) पर इसकी ऊंचाई 18 किमी है जो ध्रुवों पर घटकर सिर्फ़ 8 किमी ही रह जाती है। क्षोभमण्डल की औसत ऊँचाई 10 से 12 कीमी है। वायुमंडल में इसके ऊपर की परत को समतापमण्डल या स्ट्रैटोस्फ़ीयर कहते हैं। इन दोनों परतों के बीच की रेखा का नाम क्षोभसीमा है। इस मंडल का तापमान १५℃ से -५६℃ तक होता है। ऊँचाई के साथ इसमे वायुदाब व तापमान में कमी होती है वायुमंडल में प्रति 165 m की ऊंचाई पर 1 डिग्री तापमान में कमी आती है तथा 1 किलोमीटर की ऊंचाई पर 6.5 डिग्री सेल्सियस तापमान में कमी आती है गर्मियों में क्षोभ मंडल की ऊंचाई बढ़ जाती है तथा सर्दियों में घट जाती है
विशेषताएँ
[संपादित करें]धरातल से ऊपर जानें पए प्रति १,००० फीट की ऊचाई पर तापमान में ३.६ डिग्री फारेनहाइट की गिरावट आती जाती हैं।
वायुमंडल की परतें |
क्षोभमण्डल | समतापमण्डल | मध्यमण्डल | तापमण्डल | आयनमण्डल | बाह्यमण्डल |