अशोक महतो गिरोह

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अशोक महतो गिरोह, भारत के बिहार में सक्रिय एक अपराधी संगठन था, जिसका नेतृत्व अशोक महतो नामक व्यक्ति के द्वारा किया जाता था। इसमें सहायक के रूप में उनके मित्र पिंटू महतो भी शामिल थें। 2005 में सांसद, लोक सभा के सदस्य राजो सिंह की हत्या के लिए अशोक महतो गिरोह ही जिम्मेदार माना जाता है। इस हत्याकांड के उपरांत इस गिरोह के प्रमुख सदस्य अशोक महतो को गिरफ्तार कर लिया गया था परन्तु 2002 में वे नवादा जेल से भागने में कामयाब रहे। उनके सहयोगी पिंटू महतो ने जेल से उन्हें भगाने में विशेष भूमिका निभाई थी। इस दौरान उन्होंने तीन पुलिस अधिकारियों की हत्या भी कर दी। इस गिरोह के सक्रिय सदस्यों के बारे में कहा जाता है कि वे या तो कुर्मी या फिर कोइरी जाति के थें और उन्हें नवादा और शेखपुरा के क्षेत्रों में पिछड़ी जातियों का समर्थन प्राप्त था। अशोक महतो गिरोह का मुख्य आक्रोश शोषक और उच्च जाति भूमिहारों के खिलाफ था और उन्हीं के खिलाफ इसने प्रतिशोध की लड़ाई भी छेड़ी थी। अशोक महतो गिरोह 1990 के दशक के अंत में बड़ी संख्या में अगड़ी जाति के लोगों की हत्याओं के लिए भी जिम्मेदार घोषित किया गया था।[1][2][3][4]अब अशोक महतो जेल से बाहर हैं। लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन कानूनी कार्रवाई के डर से खुद ना लड़के किसी और को चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया । चुनाव के लिए 65 वर्ष के उम्र में विवाह किया। उनकी पत्नी का नाम अनिता देवी हैं शादी के अगले दिन अनीता देवी को राजद स चुनाव लड़ने के लिए टिकट भी मिल गया अनीता देवी मुंगेर से लोकसभा का चुनाव साल 2024 में जदयू के नेता राजीव रंजन ऊर्फ ललन सिंह के खिलाफ लड़ रहीं हैं।

अशोक महतो और अखिलेश सिंह के मध्य विवाद[संपादित करें]

अशोक महतो गिरोह के नेतृत्वकर्ता अशोक महतो और विधानसभा सदस्य अरुणा देवी के पति अखिलेश सिंह के मध्य की प्रतिद्वंद्विता ने बिहार के नवादा, नालंदा और शेखपुरा जिलों के 100 से अधिक गांवों को प्रभावित कर रखा था। 1998 से 2006 के बीच नवादा जिले में इस प्रतिद्वंद्विता एवं भूमिहारों और कोइरियों के बीच के जातिगत संघर्ष के कारण 200 से अधिक लोगों की जान जाने की घटना सामने आई थी। इन दोनों समूहों के बीच का संघर्ष उपरोक्त जिलों में पत्थर तोड़ने और बालू उठाने की व्यवस्था पर सत्ता तय करने के लिए था। 2003 में अशोक महतो गिरोह ने अखिलेश सिंह की पत्नी (विधायक) अरुणा देवी, उनके पिता और छह साल के बालक के साथ पांच अन्य लोगों की कथित तौर पर हत्या कर दी थी। यह माना जाता है कि भूतकाल में अखिलेश सिंह गिरोह द्वारा कथित तौर पर मारे गए सात मजदूरों की मौत के प्रतिशोध में ये हत्याएँ की गई थी। 2000 में इस गिरोह ने एक विधायक के घर पर हमला किया था और वहाँ 11 लोगों को मार डाला।[5][6][7][8]

अशोक महतो और अखिलेश सिंह की यह प्रतिद्वंद्विता धीरे-धीरे वर्चस्व स्थापित करने के लिए बन गई और इन दोनों गिरोहों के समर्थन में जातियों का एक संघटन भी सक्रिय हो गया था। 2005 के चुनाव के दौरान अखिलेश सिंह की पत्नी अरुणा देवी अपने क्षेत्र की विधान सभा के लिए लोक जनशक्ति पार्टी की उम्मीदवार बनी थी। उसी वर्ष अखिलेश सिंह ने अपने समुदाय और भूमिहारों के सम्मान की रक्षा की बात उठाई। यहीं से अशोक महतो और उनके मध्य का विरोध तीव्र हो गया। अशोक महतो अपने क्षेत्र में बड़ी संख्या में उच्च जाति के लोगों की हत्या के लिए भी जिम्मेदार माने जाते है।[9]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Mahto keeps mum on allegation against Lalan and CM". Outlook India. Press Trust of India. 14 August 2006. मूल से 4 March 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-03-04.सीएस1 रखरखाव: अन्य (link)
  2. Balchand, K. (17 फरवरी 2003). "बदला लेने के लिए किया गया हमला?". द हिन्दू. मूल से 27 September 2004 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-03-04.
  3. R. K. Bhonsle (2006). भारतीय सुरक्षा क्षेत्र 2006 एक नया महान खेल. Gyan Publishing House. पपृ॰ 193–194. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 8178355124. मूल से 8 August 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 जुलाई 2022.
  4. "लालू की जमीन में रेत के लिए मारामारी". टाइम्स ऑफ इंडिया. अभिगमन तिथि 4 मार्च 2023.
  5. Mishra, Dipak (20 February 2003). "Singh-Mahto crossfire has affected 100 Bihar villages". The Times of India. मूल से 1 September 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-03-04.
  6. Ramesh, P. R. (15 October 2015). "The Liberation Struggle of Bihar". Open Magazine. मूल से 13 December 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-04-30. Bihar's Koeris joined hands with their once-bitter enemies, the land-owning Bhumihars, a group of upper- castes with whom they has been engaged in battles in Nitish Kumar's own Nalanda district (besides Nawada and Sheikhpura) under the leadership of Ashok Mahto.
  7. "Nitish's record gets beating". Hindustan Times. 23 May 2006. मूल से 4 March 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-03-04.
  8. "MLAs' kin among seven killed in Bihar gang war". Rediff. Press Trust of India. 16 February 2003. मूल से 14 April 2005 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-03-04.सीएस1 रखरखाव: अन्य (link)
  9. Kumar, Salil. "Laloo, Aaloo and Baloo". reddif.com. मूल से 26 May 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 May 2022.