अनुच्छेद 64 (भारत का संविधान)

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अनुच्छेद 64 (भारत का संविधान)  
मूल पुस्तक भारत का संविधान
लेखक भारतीय संविधान सभा
देश भारत
भाग भाग 5
प्रकाशन तिथि 1949
उत्तरवर्ती अनुच्छेद 64 (भारत का संविधान)

अनुच्छेद 64 भारत के संविधान का एक अनुच्छेद है। यह संविधान के भाग 5 में शामिल है और उपराष्ट्रपति का राज्य सभा का पदेन सभापति होना का वर्णन करता है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 64 के मुताबिक, उपराष्ट्रपति राज्य सभा के पदेन सभापति होते हैं और लाभ का कोई और पद नहीं धारण करते. साथ ही, उपराष्ट्रपति राज्यों की परिषद के पदेन अध्यक्ष भी होते हैं. संविधान के अनुच्छेद 89 में उप-राष्ट्रपति (सभापति) और राज्यसभा के उपसभापति का प्रावधान है।

पृष्ठभूमि[संपादित करें]

मसौदा अनुच्छेद पर 28 दिसंबर 1948 को बहस हुई । इसने उपराष्ट्रपति को राज्यों की परिषद (राज्यसभा) का पदेन सभापति बना दिया।

इस मसौदा अनुच्छेद पर कोई ठोस बहस नहीं हुई। मसौदा समिति द्वारा पेश किए गए दो छोटे संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया और विधानसभा ने 28 दिसंबर 1948 को मसौदा अनुच्छेद को अपनाया ।

मूल पाठ[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. (संपा॰) प्रसाद, राजेन्द्र (1957). भारत का संविधान. पृ॰ 24 – वाया विकिस्रोत. [स्कैन विकिस्रोत कड़ी]
  2. (संपा॰) प्रसाद, राजेन्द्र (1957). भारत का संविधान. पृ॰ # – वाया विकिस्रोत. [स्कैन विकिस्रोत कड़ी]

टिप्पणी[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]