"खसरा": अवतरणों में अंतर

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'''खसरा''' श्वसन प्रणाली में वायरस, विशेष रूप से ''मोर्बिलीवायरस'' के जीन्स पैरामिक्सोवायरस के संक्रमण से होता है. मोर्बिलीवायरस भी अन्य पैरामिक्सोवायरसों की तरह ही एकल असहाय, नकारात्मक भावना वाले आरएनए वायरसों द्वारा घिरे होते हैं. इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, बहती हुई नाक, लाल आंखें और एक सामान्यीकृत मेकुलोपापुलर एरीथेमाटस चकते भी शामिल है.
'''खसरा''' ([[अंग्रेज़ी]]:मीज़ल्स) सांस के संक्रमण से फैलनेवाली बीमारी है।इसके लक्षण में बुखार, सर्दी, आंखें लाल होना, उनसे पानी आना आदि शामिल है।मुंह में छोटे-छोटे लाल दाने आ जाते हैं, जिनके बीच में नीला-सफेद होता है।पूरे शरीर की त्वचा पर दाने उभर जाते हैं।


खसरा (कभी-कभी यह अंग्रेज़ी नाम मीज़ल्स से भी जाना जाता है) श्वसन के माध्यम से फैलता है (संक्रमित व्यक्ति के मुंह और नाक से बहते द्रव के सीधे या वायुविलय के माध्यम से संपर्क में आने से), और बहुत संक्रामक है तथा 90% लोग जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं है और जो संक्रमित व्यक्ति के साथ एक ही घर में रहते हैं, वे इसके शिकार हो सकते हैं. यह संक्रमण औसतन 14 दिनों (6-19 दिनों तक) तक प्रभावी रहता है और 2-4 दिन पहले से दाने निकलने की शुरुआत हो जाती है, अगले 2-5 दिनों तक संक्रमित रहता है (अर्थात् कुल मिलाकर 4-9 दिनों तक संक्रमण रहता है).<ref>{{cite web |url=http://www.patient.co.uk/showdoc/40000391/ |title=Measles |work= |accessdate=}}</ref>
== फैलाव ==
* खसरे का वायरस खांसने या छींकने, अत्यधिक नजदीक आने या नाक या गले से निकलनेवाले पदार्थ के सीधे संपर्क में आने से फैलता है।
* यह वायरस हवा या संक्रमित सतह पर दो घंटे तक सक्रिय रहता है।
* एक संक्रमित व्यक्ति के शरीर पर दाना निकलने से चार दिन पहले से दाना निकलने के चार दिन बाद तक वायरस फैलाता है।


अंग्रेजी बोलने वाले देशों में खसरा का एक वैकल्पिक नाम ''रुबेओला'' है, जिसे अक्सर ''रुबेला'' (जर्मन खसरा) के साथ जोड़ा जाता है; हालांकि दोनों रोगों में कोई संबंध नहीं हैं.<ref>[4] ^ Merriam-webster:Rubeola. 20-04-2009 को पुनरुद्धारित </ref><ref>[5] ^ Letters to the editor Pediatrics अंक. 49 . 1 जनवरी 1972 , पृ. 150-151..</ref>
== सामान्य सुझाव ==
* डॉक्टर की परची के अनुसार टीकाकरण
* खसरे के कारण कुपोषित बच्चों की मौत भी हो सकती है।


==संकेत और लक्षण==
[[File:Koplik spots, measles 6111 lores.jpg|thumb|left|इस के साथ ज्वालामुखी पर प्रस्तुत मरीज "कोप्लिक स्पॉट" खसरा की शुरुआत के पूर्व तीसरे दिन का सूचक है.]]
खसरे के खास लक्षणों में चार दिन का बुखार, तीनों ''सी'' -कफ(खांसी), कोरिज़ा (बहती हुई नाक) और नेत्रश्लेष्मलाशोथ (लाल आंखें) शामिल है. बुखार 40°[[सेल्सियस|C]](104°[[फॉरेन्हाइट|F]]) तक पहुंच सकता है. खसरे के समय मुंह के अंदर दिखाई देने वाले ''कॉपलिक धब्बे'' रोगनिदानात्मक हैं, लेकिन अक्सर ये दिखाई नहीं देते हैं, यहां तक कि खसरे के असली मामलों में भी, क्योंकि वे क्षणिक होते हैं और उत्पन्न होने के एक दिन के भीतर ही गायब हो जाते हैं.

खसरे के दाने, खास तौर पर व्यापक मेकुलोपापुलर, एरीथेमेटस दानों के रूप में वर्णित किये जाते हैं, जो बुखार होने के कई दिनों के बाद शुरू होते हैं. यह सिर से शुरू होता है और बाद में पूरे शरीर में फैल जाता है, इससे अक्सर खुजली होती है. इस दाने को "दाग़" कहा जाता है, जो गायब होने से पहले, लाल रंग से बदलकर गहरे भूरे रंग का हो जाता है.{{Citation needed|date=February 2008}}

===जटिलताएं===
खसरे की जटिलताएं अपेक्षाकृत साधारण ही हैं, जिसमें हल्के और कम गंभीर दस्त से लेकर, निमोनिया और मस्तिष्ककोप, (अर्धजीर्ण कठिन संपूर्ण मस्तिष्‍क शोथ), कनीनिका व्रणोत्पत्ति और फिर उसकी वजह से कनीनिका में घाव के निशान रह जाने के खतरे हैं.<ref> [http://web.archive.org/web/20080227154121/http://www.iceh.org.uk/files/tsno4/resources/no04.doc Web.archive.org]</ref> आमतौर पर जटिलताएं वयस्कों में ज्यादा होती हैं जो वायरस के शिकार हो जाते हैं.

विकसित देशों में स्वस्थ लोगों में खसरे की वजह से मौत की दर प्रति हज़ार में तीन मौतें या 0.3% है.<ref name="The Clinical Significance of Measles: A Review">
{{cite journal| last = Perry| first = Robert T.| last2 = Halsey | first2=Neal A. | author2-link=Neal Halsey | date = May 1, 2004| year = 2004| month = May| title = The Clinical Significance of Measles: A Review| journal = The Journal of Infectious Diseases| volume = 189| issue = S1| pmid = 15106083| pages = 1547–1783| publisher = Infectious Diseases Society of America| url = http://www.journals.uchicago.edu/doi/full/10.1086/377712| accessdate = January 14, 2009| doi = 10.1086/377712}}</ref>
अविकसित देशों में कुपोषण और बुरी स्वास्थ्य सेवा की अधिकता की वजह से
मृत्यु दर 28% की ऊंचाई तक पहुंच गयी है.<ref name="The Clinical Significance of Measles: A Review"></ref> प्रतिरक्षा में अक्षम मरीज़ों में (''उदाहरण'' के रूप में [[एड्स|एड्स]] पीड़ित लोगों में) मृत्यु दर लगभग 30% है.<ref name="Sension1988">{{cite journal|pmid=3195521|year=1988|last1=Sension|first1=MG|last2=Quinn|first2=TC|last3=Markowitz|first3=LE|last4=Linnan|first4=MJ|last5=Jones|first5=TS|last6=Francis|first6=HL|last7=Nzilambi|first7=N|last8=Duma|first8=MN|last9=Ryder|first9=RW|title=Measles in hospitalized African children with human immunodeficiency virus.|volume=142|issue=12|pages=1271–2|journal=American journal of diseases of children (1960)}}</ref>

==कारण==

खसरा के रोगियों को सांस लेने की सुविधाओं के साथ रखा जाना चाहिए.

केवल मनुष्य ही खसरा के ज्ञात पोषक हैं, हालांकि यह वायरस गैर मानव पशु प्रजातियों को भी संक्रमित कर सकता है.

==निदान==

खसरे के रोग का निदान करने के लिए कम से कम तीन दिन के बुखार के साथ ही तीन ''सी ('''खांसी, सर्दी-जुकाम, नेत्रश्लेष्मलाशोथ''' )'' (कफ, कोरिज़ा, कंजंक्टीवाइटिस) में से एक का होना अति आवश्यक है.'''''कोप्लिक्स के दाग के निरीक्षण से भी खसरे का निदान हो सकता है.''' ''

वैकल्पिक रूप से, खसरे का प्रयोगशाला निदान श्वसन के नमूनों से खसरा के सकारात्मक आईजीएम प्रतिपिण्डों या खसरे के वायरस आरएनए के अलगाव की पुष्टि होने से किया जा सकता है. बच्चों में जहां शिराछेदन अनुपयुक्त होता है, वहां विशिष्ट आइजीए जांच के लिए लारमय खसरा की लार को इक्ट्ठा किया जा सकता है.
खसरा के अन्य रोगियों के साथ सकारात्मक संपर्क में आना महामारी विज्ञान में मजबूत प्रमाण जोड़ सकते हैं. संक्रमित व्यक्ति के साथ सेक्स के माध्यम से वीर्य, लार या बलगम सहित, किसी भी तरह का कोई भी संपर्क संक्रमण पैदा कर सकता है.

==रोकथाम==
[[File:Measles vaccination worldwide.png|thumb|दुनिया भर में खसरे के टीकाकरण की दर]]
[[File:Measles US 1944-2007 inset.png|thumb|संयुक्त राज्य अमेरिका में टीकाकरण के आरम्भ होने के पहले और बाद के खसरे के मामलों की सूचना.]]
[[File:Measles incidence England&Wales 1940-2007.png|thumb|इंग्लैंड और वेल्स में टीकाकरण के आरम्भ होने के पहले और बाद के खसरे के मामलों की सूचना प्रासंगिक प्रकोप के होने के बाद तक कवरेज समूह के प्रतिरक्षा के लिए पर्याप्त व्यापक नहीं था, 1988 में एमएमआर टीके को पेश किया गया था को बीच में नहीं था.]]
विकसित देशों में अधिकतर बच्चों को 18 महीने की आयु तक साधारण तौर पर त्रि-स्तरीय एमएमआर वैक्सीन (खसरा, कण्ठमाला और रुबेओला) के भाग के रूप में खसरा के खिलाफ प्रतिरक्षित कर दिया जाता है. इससे पहले आमतौर पर 18 महीने से छोटे बच्चों को यह टीका नहीं दिया जाता है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान मां के शरीर से इनके अंदर खसरा विरोधी प्रतिरक्षक-ग्लॉब्युलिन (प्राकृतिक प्रतिरक्षी) संचारित हो जाते हैं. रोगक्षमता की दरों को बढ़ाने के लिए आमतौर पर चार और पांच साल के बच्चों को दूसरी खुराक दी जाती है. खसरा को अपेक्षाकृत असामान्य बनाने के लिए ही टीकाकरण की दरों को काफी बढ़ा दिया गया था. यहां तक कि कॉलेज के छात्रावास या इसी तरह के समायोजन में अक्सर स्थानीय टीकाकरण कार्यक्रम में ऐसा एक मामला उजागर होता है, यदि ऐसे लोगों में से किसी एक की पहले से प्रतिरक्षा नहीं हुई हो.

विकासशील देशों में जहां खसरा उच्च स्थानिक है, वहां [[विश्व स्वास्थ्य संगठन|डब्ल्यूएचओ]] ने छह महीने और नौ महीने की उम्र में टीके की दो खुराक देने का सुझाव दिया है. बच्चा एचआईवी संक्रमित हो या नहीं उसे टीका दिया जाना चाहिए.<ref>{{cite journal|author=Helfand RF, Witte D, Fowlkes A, ''et al.''|title=Evaluation of the immune response to a 2-dose measles vaccination schedule administered at 6 and 9 months of age to HIV-infected and HIV-uninfected children in Malawi|journal=J Infect Dis|year=2008|volume=198|issue=10|pmid=18828743|pages=1457&ndash;1465|doi=10.1086/592756}}</ref> एचआईवी संक्रमित शिशुओं में टीका कम प्रभावी है, लेकिन प्रतिकूल प्रतिक्रिया के जोखिम कम हैं.

टीका नहीं लिये होने पर आबादी को रोग का खतरा रहता है. 2000 के प्रारंभ में उत्तरी [[नाईजीरिया|नाइज़ीरिया]] में धार्मिक और राजनीतिक आपत्तियों के कारण टीकाकरण की दरों में गिरावट आयी, और तेजी से मामलों में इजाफा हुआ, और सैकड़ों बच्चों की मौत हो गयी.<ref>{{cite news |title= Measles kills more than 500 children so far in 2005 |publisher=IRIN |date=2005-03-21 |url=http://www.irinnews.org/Report.aspx?ReportId=53506 |accessdate=2007-08-13}}</ref>

1998 में [[संयुक्त राजशाही (ब्रिटेन)|संयुक्त राज्य]] में एमएमआर टीका विवाद में एमएमआर के संयुक्त टीके (बच्चों को मम्प्स, मीज़ल्स और रुबेओला का टीकाकरण दिया जा रहा था) और स्वलीनता (ऑटिज़्म) में संभावित कड़ी होने के बाद भी "खसरा पार्टी" में इज़ाफा हुआ, जहां माता-पिता ने अपने बच्चों को जानबूझकर इंजेक्शन न दिलाकर मीज़ल्स होने दिया, इस उम्मीद पर कि ऐसा करने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जायेगी. इस अभ्यास से बच्चों में कई जानलेवा बीमारियां पैदा हो गयीं, इसी वजह से सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने ऐसा करने से रोका.<ref>{{cite news |author= Dillner L |title= The return of the measles party |work= Guardian |date=2001-07-26 |accessdate=2007-08-13|url=http://lifeandhealth.guardian.co.uk/health/story/0,,1610704,00.html}}</ref> वैज्ञानिक सबूत इस परिकल्पना का समर्थन बिल्कुल नहीं करते हैं कि स्वलीनता (ऑटिज़्म) में एमएमआर की कोई भूमिका है.<ref>{{cite journal |author= [[Michael Rutter|Rutter M]] |title= Incidence of autism spectrum disorders: changes over time and their meaning |journal= Acta Paediatr |volume=94 |issue=1 |date=2005 |pages=2–15 |pmid=15858952 |doi= 10.1080/08035250410023124}} </ref> 2009 में, ''संडे टाइम्स'' की रिपोर्ट में कहा गया कि वेकफील्ड ने 1998 में अपने अखबारों में रोगियों की संख्या में हेरफेर किया और गलत परिणाम दिखाते हुए स्वलीनता के साथ संबंध दर्शाया था.<ref> [http://www.timesonline.co.uk/tol/life_and_style/health/article5683671.ece Timesonline.co.uk]</ref> ''द लान्सेट'' ने 2 फरवरी 2010 को 1998 के अखबार को झुठला दिया.<ref> [http://news.bbc.co.uk/2/low/health/8493753.stm NEWS.BBC.co.uk]</ref> जनवरी 2010 में, शिष्ट बच्चों के एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि खसरा, कण्ठमाला और रूबेला जैसे रोग के लिए टीकाकरण ऑटिस्टिक (स्वलीनता) के विकार को बढ़ावा देने का जोखिम कारक नहीं था, बल्कि जिन मरीजों ने टीका लगवा लिया था उन मरीजों में ऑटिस्टिक के विकार पैदा होने का खतरा थोड़ा कम था, हालांकि इसके पीछे के तंत्र की वास्तविक कार्रवाई अज्ञात है, और यह परिणाम संयोग हो सकता है.<ref> [http://www.reuters.com Reuters.com]</ref>{{Nonspecific|date=January 2010}}

ब्रिटेन में ऑटिज़्म से संबंधित एमएमआर अध्ययन की वजह से टीकाकरण के प्रयोग में तेजी से कमी आयी, और फिर से खसरे के मामलों की वापसी हुई: 2007 में वेल्स और इंग्लैंड में खसरे के 971 मामले सामने आये, जो अब तक के खसरे के मामलों में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्शाता है, जबकि 1995 में खसरे के रिकार्ड रखने की शुरूआत की गयी थी.<ref>{{cite journal |journal= Health Serv J |date=2008-04-17 |pages=22–4 |title= Disease: a warning from history |author= Torjesen I |pmid=18533314 |url=http://www.hsj.co.uk/insideknowledge/features/2008/03/ingrid_torjesen_on_the_diseases_we_thought_had_gone_away.html}}</ref> 2005 में [[इंडियाना|इंडियाना]] में खसरे का प्रकोप उन बच्चों पर पड़ा जिनके मां-बाप ने टीकाकरण से इंकार कर दिया था.<ref>{{cite journal |author=Parker A, Staggs W, Dayan G ''et al.'' |title= Implications of a 2005 measles outbreak in Indiana for sustained elimination of measles in the United States |journal= N Engl J Med |volume=355 |issue=5 |pages=447–55 |year=2006 |pmid=16885548 | doi = 10.1056/NEJMoa060775}}</ref>

मीज़ल्स इनिशियेटिव के सदस्यों द्वारा जारी किये गये एक संयुक्त बयान में खसरे के खिलाफ लड़ाई का एक और फायदा सामने आया: "खसरा टीकाकरण अभियानों ने अन्य कारणों से हो रही बच्चों की मौतों में कमी करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. वे अन्य जीवन रक्षक उपायों - जैसे कि मलेरिया से बचने के लिए मच्छरदानी, कीड़े मारने वाली दवा और विटामिन ए जैसी परिपूरक दवाओं का वितरण करने वाला जरिया बन गये हैं. खसरा टीकाकरण को अन्य स्वास्थ्य हस्तक्षेपों से मिलाना मिलेनियम डेवलप्मेंट गोल संख्या 4 (सहस्राब्दि विकास लक्ष्य) की उपलब्धि में एक महत्वपूर्ण योगदान है: 1990 से 2015 तक बच्चों की मौत में दो तिहाई कटौती करना."<ref name="UNICEF"> [http://www.unicef.org/media/media_38076.html यूनिसेफ संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति]</ref>

==उपचार==
वहां खसरे के लिए कोई विशेष उपचार नहीं है. हल्के और सरल खसरा से पीड़ित अधिकांश रोगी आराम और सहायक उपचार से ठीक हो जाएंगे. हालांकि, यदि मरीज अधिक बीमार हो जाता है, तब चिकित्सा सलाह लेना महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि हो सकता है उनमें जटिलताएं विकसित हो रही हों.

कुछ रोगियों में खसरे की अगली कड़ी के रूप में निमोनिया का विकास हो सकता है. अन्य जटिलताओं में कान का संक्रमण, ब्रोंकाइटिस (श्वसनीशोथ), और इन्सेफेलाइटिस (मस्तिष्कशोथ) शामिल हैं. तीव्र खसरा श्वसनीशोथ से होने वाली मृत्यु की दर 15% है. हालांकि खसरा मस्तिष्कशोथ का कोई विशेष इलाज नहीं है, प्रतिजैविक निमोनिया के लिए प्रतिजैविकों की जरूरत होती है, खसरे के बाद विवरशोथ और श्वसनीशोथ हो सकता है.

अन्य सभी उपचार के साथ बुखार कम करने और दर्द कम करने के लिए आइबुफेन या एक्टेमिनोफेन (पैरासीटामोल भी कहा जाता है) दिया जा सकता है, और यदि आवश्यक हो, तेज खांसी से राहत पाने के लिए श्वसनी विस्फारक (ब्रान्कोडायलेटर) भी दिया जा सकता है. ध्यान रहे कि छोटे बच्चों को बिना चिकित्सा सलाह के कभी भी एस्पिरीन नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि इससे रे'ज सिंड्रोम जैसी बीमारी होने का खतरा रहता है.{{Citation needed|date=March 2010}}

इलाज में [[विटामिन ए|विटामिन ए]] के उपयोग की जांच की जा चुकी है. इसके इस्तेमाल से होनेवाले प्रयोग की व्यवस्थित समीक्षा करने से समग्र मृत्यु दर में कमी लाने में कोई सफलता नहीं मिली, लेकिन इसने 2 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर को जरूर कम किया.<ref name="pmid16235283">{{cite journal |author=Huiming Y, Chaomin W, Meng M |title=Vitamin A for treating measles in children |journal=Cochrane Database Syst Rev |volume= |issue=4 |pages=CD001479 |year=2005 |pmid=16235283 |doi=10.1002/14651858.CD001479.pub3 |DUPLICATE DATA: doi=10.1002/14651858.CD001479.pub3}}</ref><ref name="pmid11869601">{{cite journal |author=D'Souza RM, D'Souza R |title=Vitamin A for treating measles in children |journal=Cochrane Database Syst Rev |volume= |issue=1 |pages=CD001479 |year=2002 |pmid=11869601 |doi=10.1002/14651858.CD001479 |DUPLICATE DATA: doi=10.1002/14651858.CD001479}}</ref><ref name="pmid12022432">{{cite journal |author=D'Souza RM, D'Souza R |title=Vitamin A for preventing secondary infections in children with measles--a systematic review |journal=J. Trop. Pediatr. |volume=48 |issue=2 |pages=72–7 |year=2002 |month=April |pmid=12022432 |doi= 10.1093/tropej/48.2.72|url=http://tropej.oxfordjournals.org/cgi/pmidlookup?view=long&pmid=12022432}}</ref>

==पूर्वानुमान==
हालांकि खसरे से पीड़ित अधिकतर मरीज बच गये, लेकिन कई जटिलताएं रह गयीं और अक्सर जटिलताएं पैदा होती हैं तथा उनमें श्वसनीशोथ, निमोनिया, मध्य कर्णशोथ, रक्तस्रावी (हेमरैगिक)जटिलताएं, तीव्र प्रसरित मस्तिष्क सुषु्म्ना शोथ, तीव्र खसरा मस्तिष्कशोथ, अर्धजीर्ण कठिन संपूर्ण मस्तिष्‍क शोथ एसएसपीई(sspe)अंधत्व, वधिरता और मौत भी शामिल हो सकती है. सांख्यिकीय तौर पर खसरा के 1000 मामलों में से 2-3 मरीज मर जाते हैं, और 5-105 जटिलताओं से पीड़ित रहते हैं. जिन रोगियों में जटिलताएं पैदा नहीं होती हैं, आमतौर पर उनके रोग का निदान बढ़िया होता है. हालांकि, अधिकांश मरीज बच जाते हैं फिर भी टीका लगाना अति महत्वपूर्ण है क्योंकि खसरा के 15 प्रतिशत मरीजों में जटिलताएं मिलती हैं, कुछ में बहुत कम तो दूसरों में (जैसे कि अर्धजीर्ण कठिन संपूर्ण मस्तिष्‍क शोथ) आम तौर
पर बहुत घातक जटिलताएं होती हैं. इसके अलावा, भले ही वह रोगी खसरा से सिक्वेला या मृत्यु के बारे में चिंतित न हो लेकिन वह निमोनिया की विशाल कोशिका से प्रतिरक्षा में अक्षम रोगियों तक बीमारी फैला सकता है, जिनकी मृत्यु का जोखिम बहुत अधिक रहता है. खसरे के वायरस के संक्रमण का एक और गंभीर खतरा तीव्र खसरा श्वसनीशोथ है. यह खसरे के दाने का निकलना शुरू होने के दूसरे दिन से लेकर एक सप्ताह तक, बहुत तेज बुखार, गंभीर सिर दर्द, कंपकंपी और अस्वाभाविक मनोभाव के साथ शुरू होता है. इससे रोगी कोमा में जा सकता है, उसकी मृत्यु भी हो सकती है या उसके मस्तिष्क को क्षति पहुंच सकती है.<ref> [http://www.merck.com/mmpe/sec14/ch193/ch193b.html Merck.com]</ref>

==महामारी विज्ञान (एपिडेमियोलॉजी)==
[[File:Measles world map - DALY - WHO2002.svg|thumb|साल 2002 में 100.000 निवासियों के लिए खसरा के लिए विकलांगता से समायोजित जीवन वर्ष [39][40][41][42] [43][44][45][46][47][48][49][50][ 51]]]

[[विश्व स्वास्थ्य संगठन|विश्व स्वास्थ्य संगठन]] डब्ल्यूएचओ(WHO) के अनुसार, खसरे का टीका लगाने का प्रमुख कारण यह है कि यह बच्चों के मृत्यु दर को रोकने में काफी सहायक है. दुनिया भर में, मीज़ल्स इनिशियेटिव के भागीदारों, द अमेरिकन रेड क्रॉस, द यूनाइटेड स्टेट्स सेंटर्स फॉर डिज़िज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन सीडीसी(CDC), द यूनाइटेड नेशंस फाउंडेशन, यूनिसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ(WHO), के नेतृत्व में टीकाकरण अभियान से मृत्यु दर में काफी कमी आई है. विश्व स्तर पर, खसरे से हो रही मौतों में 60% की अनुमानित गिरावट देखी गयी, 1999 में हुई 873,000 मौतों की तुलना में 2005 में केवल 345,000 मौतें हुईं.<ref name="UNICEF"></ref> विश्व स्तर पर 2008 में हुई 164,000 तक मौतों में गिरावट आने का अनुमान है, जिसमें दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र में 2008 में 77% लोगों का निधन खसरा की वजह से हुआ.<ref>[53] ^ WHO Weekly Epidemiology Record, 4 दिसम्बर 2009 [http://www.who.int/wer/2009/wer8449/en/index.html WHO.int]</ref>

डब्ल्यूएचओ (WHO) के छह में से पांच क्षेत्रों ने खसरा को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, और मई 2010 में 63 वें वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में प्रतिनिधियों ने 2000 में देखे गये स्तर से 2015 तक खसरे की वजह से होने वाली मृत्यु दर में 95% की कटौती के वैश्विक लक्ष्य पर सहमति बनाई है तथा साथ ही इसके पूरी तरह से उन्मूलन की दिशा में कदम उठाने का निश्चय किया है. हालांकि, मई 2010 में वैश्विक स्तर पर इसके पूर्ण उन्मूलन की किसी विशिष्ट तिथि का लक्ष्य तय करने पर अभी तक सहमति नहीं हुई है.<ref name="WHA63_11_15">{{cite web|url=http://apps.who.int/gb/ebwha/pdf_files/WHA63/A63_18-en.pdf |title=Sixty-third World Health Assembly Agenda provisional agenda item 11.15 Global eradication of measles. |accessdate=02 June 2010}}</ref><ref name="WHO63_daily_notes_4">{{cite web|url=http://www.who.int/mediacentre/events/2010/wha63/journal4/en/index.html |title=Sixty-third World Health Assembly notes from day four| accessdate=02 June 2010}}</ref>

==इतिहास और संस्कृति==
===इतिहास===
165-180 ई.पू. का एन्टोनिन प्लेग, जो प्लेग ऑफ गालेन के नाम से भी जाना जाता है, चेचक या खसरा के रूप में वर्णित है. इस बीमारी ने कुछ क्षेत्रों में एक तिहाई से अधिक की आबादी और [[रोमन साम्राज्य|रोमन]] सेना को पूरी तरह से खत्म कर दिया.<ref> [http://www.loyno.edu/~history/journal/1996-7/Smith.html प्राचीन विश्व में प्लेग]</ref> पहली बार खसरा के साथ उसके भेद चेचक और छोटी माता के वैज्ञानिक विवरण पता करने का श्रेय फारसी चिकित्सक मोहम्मद इब्न ज़कारिया अर-रज़ी को जाता है, जो पश्चिम में "राज़ेस" के नाम से जाने जाते हैं, जिन्होंने ''द बुक ऑफ स्मॉल पॉक्स एंड मीज़ल्स'' (अरबी में: ''किताब फी अल ज़दारी-वा अल-हस्बा'' ) शीर्षक पुस्तक प्रकाशित की.<ref>{{Cite journal|last=Harminder S. Dua, Ahmad Muneer Otri|first=Arun D. Singh|year=2008|title=Abu Bakr Razi|journal=British Journal of Ophthalmology|publisher=[[BMJ Group]]|volume=92|page=1324}}</ref>

खसरा एक स्थानिक रोग है, जिसका अर्थ है कि यह एक समुदाय में लगातार मौजूद रहता है और अधिकतर लोग इससे प्रतिरोध की क्षमता का विकास कर लेते हैं. ऐसी आबादी में जिसका सामना खसरा जैसी बीमारी से नहीं हुआ हो, एक नये रोग से सामना होने पर विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं. 1529 में, [[क्यूबा|क्यूबा]] में खसरे की महामारी ने दो तिहाई वाशिंदों की जान ले ली जो पहले चेचक से बच गये थे. दो साल बाद [[हौन्डुरस|होंडूरस]] की आधी आबादी की मौत खसरे की वजह से हुई थी, जिसने [[मेक्सिको|मेक्सिको]], [[मध्य अमेरिका|सेंट्रल अमेरिका]] और इंका सभ्यता को उजाड़ दिया था.<ref> [http://www.mariner.org/exploration/index.php?page=faq Mariner.org] . 8 अक्तूबर, 2006 को पुनरुद्धारित </ref>

मोटे तौर पर पिछले 150 वर्षों में खसरा से विश्वभर में 200 लाख लोगों के मारे जाने का अनुमान है.<ref>[62] ^ Torrey EF and Yolken RH. 2005.[http://birdflubook.com/a.php?id=40&amp;t=p उनके कीड़े उनके काटने से भी बदतर हैं. ][http://birdflubook.com/a.php?id=40&amp;t=p Washington Post, April 3, p. ][http://birdflubook.com/a.php?id=40&amp;t=p B01.]</ref> 1850 में खसरा ने [[हवाई|हवाई]] की आबादी के पांचवे हिस्से को मार दिया था.<ref>[63] ^ [http://www.digitalhistory.uh.edu/database/article_display.cfm?HHID=422 प्रवासन और रोग]. ''डिजिटल इतिहास.'' </ref> 1875 में खसरा से [[फ़िजी|फिजी]] के 40,000 लोगों की मौत हो गयी, जो अनुमान के तौर पर पूरी आबादी का एक तिहाई हिस्सा था.<ref>[64] ^ [http://www.fsm.ac.fj/aboutfsm.html चिकित्सा स्कूल फिजी]</ref> 19 वीं सदी में इस रोग ने अंडमानी आबादी का भी नाश कर दिया.<ref>[65] ^ [http://news.bbc.co.uk/2/hi/south_asia/4987406.stm Measles hits rare Andaman tribe]. ''बीबीसी समाचार.'' 16 मई, 2006</ref> 1954 में [[संयुक्त राज्य अमेरिका|संयुक्त राष्ट्र अमेरिका]] के एक 11 वर्षीय बच्चे डेविड एडमॉनस्टन के शरीर से इस बीमारी को फैलाने वाले वायरस को अलग किया गया था और उसे चूजे के भ्रूण उत्तक संस्कृति पर अनुकूलित और प्रचारित किया गया.<ref>{{cite journal |author= |title=Live attenuated measles vaccine |journal=EPI Newsl |volume=2 |issue=1 |page=6 |year=1980 |pmid=12314356 |doi= |url=}}</ref> अब तक खसरा वायरस के 21 उपभेदों की पहचान की गई है.<ref>{{cite journal |author=Rima BK, Earle JA, Yeo RP, ''et al.'' |title=Temporal and geographical distribution of measles virus genotypes |journal=J. Gen. Virol. |volume=76 |issue=5 |pages=1173–80 |year=1995 |pmid=7730801 |doi= 10.1099/0022-1317-76-5-1173|url=http://vir.sgmjournals.org/cgi/pmidlookup?view=long&pmid=7730801}}</ref> मर्क में मोरिस हिलमैन ने पहले सफल वैक्सीन को विकसित किया.<ref>{{cite book |author=Offit PA |title=Vaccinated: One Man's Quest to Defeat the World's Deadliest Diseases |location=Washington, DC |publisher=Smithsonian |isbn=0-06-122796-X |year=2007 }}</ref> 1963 में इस बीमारी की रोकथाम के लिए लाइसेंस प्राप्त टीके उपलब्ध हो गये.

===हाल की महामारियां===
{{Main|Measles outbreaks in the 2000s}}
2009 में सितंबर के शुरुआत में [[दक्षिण अफ़्रीका|दक्षिण अफ्रीका]] में गोटांग के एक शहर [[जोहांसबर्ग|जोहान्सबर्ग]] में खसरा के 48 मामलों की सूचना मिली. इस महामारी के तुरंत बाद सरकार ने सभी बच्चों को टीका लगाये जाने का आदेश जारी कर दिया. उस समय सभी स्कूलों में टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया गया और अभिभावकों को अपने छोटे बच्चों को टीका दिलवाने की सलाह दी जाती थी.<ref>{{cite web |url=http://www.news24.com/Content/SouthAfrica/News/1059/42cd42bfbe5545f8bccdfce63c0db184/29-09-2009-11-01/Measles_outbreak_in_Joburg |title=Measles Outbreak In Joburg}}</ref> कई लोग टीकाकरण कराने के लिए तैयार नहीं होते थे, क्योंकि उनका मानना था कि यह असुरक्षित और अप्रभावी है. स्वास्थ्य विभाग ने जनता को यकीन दिलाया कि उनका कार्यक्रम वास्तव में सुरक्षित है. अटकलें लगायी जाती थीं कि पता नहीं नई सूइयों का इस्तेमाल किया भी जाता था या नहीं.<ref>{{cite web |url=http://www.theinternationalonline.com/articles/98-childhood-vaccinations-peak-in-2009-but |title=Childhood Vaccinations Peak In 2009, But Uneven Distribution Persists}}</ref> मध्य अक्टूबर तक कम से कम 940 मामलों को दर्ज किया गया था, जिनमें 4 मौतें हुई थीं.<ref>{{cite web |url=http://news24.com/Content/SouthAfrica/News/1059/54adfc32c0904c0ba92f92b021d68b3a/21-10-2009-11-27/Measles_vaccinations_safe |title=Measles Vaccination 'safe'}}</ref>

19 फरवरी 2009 को उत्तरी [[वियतनाम|वियतनाम]] के 12 प्रांतों में खसरा के 505 मामलों की सूचना मिली, जिसमें [[हनोई|हनोई]] के 160 मामले दर्ज किये गये थे.<ref>{{cite web |publisher=Look At Vietnam |url=http://www.lookatvietnam.com/2009/02/measles-spreads-to-12-provinces.html |title=Measles spreads to 12 provinces |date=20 February 2009}}</ref> मस्तिष्कावरणशोथ (मैनिंजाइटिस) और मस्तिष्कशोथ (इन्सेफेलाइटिस) सहित उच्च दर की जटिलताओं ने स्वास्थ्य कर्मचारियों<ref>{{cite web |url=http://www.saigon-gpdaily.com.vn/Health/2009/2/68224/ |title=Measles outbreak hits North Vietnam |date=4 February 2009 |publisher=Saigon Gia Phong}}</ref> को चिंता में डाल दिया था और यू.एस.सीडीसी (U.S.CDC) ने सभी पर्यटकों को खसरे का टीका दिलाये जाने की सिफारिश कर दी थी.<ref>[83] ^ [http://www.amchamvietnam.com/?id=2700 AmCham Vietnam | Public Notice: Measles immunization recommendation]</ref>

1 अप्रैल 2009 को उत्तरी वेल्स के दो स्कूलों में महामारी फैल गयी. [[वेल्स|वेल्स]] में वाइगोल जॉन ब्राइट और वाइगोल फॉर्ड डफरिन को यह बीमारी हुई थे, इसलिए वे पूरी कोशिश करते थे कि हर बच्चे को खसरे का टीका लगे.

2007 में [[जापान|जापान]] में विशाल महामारी फैल गयी जिसकी वजह से अधिकतर विश्वविद्यालयों और दूसरे संस्थानों को बंद कर दिया गया ताकि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके.<ref>{{cite web |url=http://www.phac-aspc.gc.ca/tmp-pmv/2007/measjap070601_e.html|title=The Public Health Agency of Canada Travel Advisory |accessdate=2008-05-02|work=}}</ref><ref>{{cite news |first=Justin |last=Norrie |authorlink= |coauthors= |title=Japanese measles epidemic brings campuses to standstill |url=http://www.smh.com.au/news/world/japanese-measles-epidemic-brings-campuses-to-standstill/2007/05/27/1180205052602.html |work= |publisher=The Sydney Morning Herald |date=May 27, 2007 |accessdate=2008-07-10 }}</ref>

[[इज़रायल|इज़रायल]] में अगस्त 2007 और मई 2008 के बीच में इस बीमारी के तकरीबन 1000 मामलों की सूचना मिली थी (इससे ठीक एक साल पहले इसके विपरीत सिर्फ कुछ दर्जन मामले ही दर्ज किये गये थे).{{Citation needed|date=July 2008}} रूढ़िवादी यहूदी समुदायों में कई बच्चों को टीकाकरण कवरेज से अलग रखने के कारण वे इस बीमारी से प्रभावित हुए.<ref>{{cite journal |last=Stein-Zamir |first=C. |coauthors=G. Zentner, N. Abramson, H. Shoob, Y. Aboudy, L. Shulman and E. Mendelson |year=2008 |month=February |title=Measles outbreaks affecting children in Jewish ultra-orthodox communities in Jerusalem |journal=Epidemiology and Infection |volume=136 |issue=2 |pages=207–214 |pmid=17433131 |pmc=2870804 |doi=10.1017/S095026880700845X |url= |accessdate= |quote= }}</ref><ref>{{cite news |first=Tamar |last=Rotem |coauthors= |title=Current measles outbreak hit ultra-Orthodox the hardest |url=http://www.haaretz.com/hasen/spages/921836.html |work= |publisher=Haaretz |date=August 11, 2007 |accessdate=2008-07-10 }}</ref> 2008 में यह बीमारी स्थानीय थी जिसकी वजह से 2008 में [[संयुक्त राजशाही (ब्रिटेन)|ब्रिटेन]] में इस बीमारी के 1,217 मामलों का निदान किया गया था.
<ref name="Record number of measles cases sparks fear of epidemic">
{{cite news
| first = David
| last = Batty
| title = Record number of measles cases sparks fear of epidemic
| url = http://www.guardian.co.uk/society/2009/jan/09/measles-record-numbers
| publisher = guardian.co.uk
| date = Friday 9 January 2009 15.38 GMT
| accessdate = January 15th, 2009
}}
</ref>
और [[इटली|[[स्विट्जरलैंड]], [[इटली]] तथा [[आस्ट्रिया]]]] से भी महामारी की खबरें मिलीं. इसके लिए टीकाकरण की कम दर जिम्मेदार हैं.<ref> [http://www.eurosurveillance.org/ViewArticle.aspx?ArticleId=18919 Eurosurveillance - देखें अनुच्छेद]</ref>

मार्च 2010 में फिलीपींस ने खसरा के मामलों को लगातार बढ़ता देख महामारी की घोषणा कर दी.{{Citation needed|date=March 2010}}

=== अमेरिका ===

उत्तरी, केंद्रीय और दक्षिणी अमेरिका से स्वदेशी खसरा के पूर्ण रूप से सफाया होने की घोषणा की गयी; 12 नवंबर 2002 को इस क्षेत्र में एक आखिरी स्थानीय मामले की सूचना मिली; पर उत्तरी [[अर्जेन्टीना|अर्जेंटीना]], [[कनाडा|कनाडा]] के ग्रामीण प्रांतों में, खासकर ओंटारियो, क्युबेक, और अल्बर्टा के कुछ क्षेत्रों में मामूली स्थानीय स्थिति बनी हुई है.<ref>[97] ^ [http://www.insidetoronto.ca/News/NorthYork/article/48756 North York: Measles outbreak may bring new strategy], May 2008</ref> हालांकि दुनिया के दूसरे प्रदेशों से खसरा के वायरसों का आयात होने से महामारियां अब भी हो रही हैं. जून 2006 में, [[बोस्टन, मसाचुएट्स|बोस्टन]] में महामारी फैल गयी जब वहां का एक निवासी [[भारत|भारत]]<ref name="titleMeasles outbreak shows a global threat - The Boston Globe">{{cite web |url=http://www.boston.com/yourlife/health/diseases/articles/2006/06/10/measles_outbreak_shows_a_global_threat/ |title=Measles outbreak shows a global threat - The Boston Globe |accessdate=2007-12-05 |work=}}</ref> में संक्रमित हुआ और अक्टूबर 2007 में [[मिशिगन|मिशिगन]] की एक लड़की को टीका लगाया गया, जब वह [[स्वीडन|स्वीडन]]<ref>{{cite news |first=David |last=Jesse |authorlink= |coauthors= |title=Measles outbreak may have spread |url=http://blog.mlive.com/study_hall/2007/10/measles_outbreak_may_have_spre.html |work= |publisher=The Ann Arbor News |date=October 4, 2007 |accessdate=2008-07-10 }}</ref> में इस बीमारी का शिकार हुई.

1 जनवरी और 25 अप्रैल 2008 के बीच संयुक्त राष्ट्र में खसरा के 64 मामलों की पुष्टि हुई और सेंटर फॉर डिसिज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन<ref>{{cite web |url=http://www.cdc.gov/mmwr/preview/mmwrhtml/mm57e501a1.htm?s_cid=mm57e501a1_e |title=CDC.gov |accessdate=2008-05-02 |work=}}</ref><ref>[104] ^ [http://www.jsonline.com/story/index.aspx?id=738120 JS Online: Measles outbreak brewing, city health officials say]</ref> को दर्ज की गयी, जो 2001 के बाद से किसी भी वर्ष में दर्ज की गयी रिपोर्ट में सबसे अधिक है. संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में अन्य देशों से खसरा के आयात के 64 मामलों में से 54 संयुक्त राज्य अमेरिका से सम्बंधित थे और 64 में से 63 रोगी ऐसे थे जिन्हें टीका नहीं दिया गया था या अन्य टीकाकरण की स्थिति से अज्ञात थे.<ref>{{cite web |url=http://www.cdc.gov/Features/MeaslesUpdate/ |title=cdc.gov MeaslesUpdate |accessdate=2008-05-02 |work=}}</ref>

9 जुलाई 2008 तक 15 राज्यों में कुल 127 मामलों की सूचना मिली (जिनमें से 22 [[एरीजोना|एरिजोना]] के थे),<ref>{{cite news |first=Arthur |last=Rotstein |authorlink= |coauthors= |title=Response curtailed measles outbreak |url=http://www.tucsoncitizen.com/daily/local/90471.php |work= |agency=Associated Press |date=July 9, 2008 |accessdate=2008-07-10 }}</ref> जो 1997 के बाद से सबसे बड़ा प्रकोप था (जब 138 मामलों की सूचना दी गयी थी).<ref>{{cite news |first=Will |last=Dunham |authorlink= |editors=Julie Steenhuysen and Peter Cooney |title=Measles outbreak hits 127 people in 15 states |url=http://www.reuters.com/article/newsOne/idUSN0943743120080709 |work= |publisher=Reuters |date=July 9, 2008 |accessdate=2008-07-10 }}</ref> अधिकांश मामलों का अधिग्रहण संयुक्त राज्य के बाहर हुआ और वे व्यक्ति प्रभावित हुए जिन्हें टीका नहीं दिया गया था.

30 जुलाई 2008 तक मामलों की संख्या बढ़कर 131 तक पहुंच गयी. इनमें से आधे, में वे बच्चे शामिल हैं जिनके माता पिता ने अपने बच्चों का टीकाकरण कराने से मना कर दिया था. 131 मामले 7 विभिन्न महामारियों में हुए थे. कोई मौत नहीं हुई थी और १५ लोगों को अस्पताल में दाखिल करना पड़ा था. 11 मामलों में रोगियों ने खसरा के टीके की कम से कम एक खुराक प्राप्त की थी.122 मामले ऐसे थे जिसमें बच्चों को टीका नहीं दिया गया था या जिनके टीकाकरण की स्थिति अज्ञात थी. इनमें से कुछ एक वर्ष की आयु से कम के थे और इतनी कम उम्र के थे जब टीकाकरण की सिफारिश की जाती है, लेकिन 63 मामलों में धार्मिक या दार्शनिक कारणों से टीकाकरण कराने से मना कर दिया गया था.

==अतिरिक्त छवियां==
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Image:Measles enanthema.jpg|मुंह में खसरा के छाले
File:Measles enanthema.jpg|खसरा की अंतर मौखिक खरोंच
Image:Measles in African Child 3.JPG|अफ़्रीकी बच्चे को खसरा
File:Measles in African Child 3.JPG|अफ्रीका के बच्चों में खसरा
File:RougeoleDP.jpg|यह यूरोपीय बच्चा खसरे के साथ एक क्लासिक दिन 4-दाने को दर्शाता है.
Image:RougeoleDP.jpg|चौथे दिन के छाले
Image:Morbillo.jpg|खसरा निमोनिया जाइंट कोशिका
File:Morbillo.jpg|खसरा निमोनिया की हिस्तोपैथोलोजी. विशाल कक्ष
</gallery>
</gallery>


==इन्हें भी देखें==
== बाहरी सूत्र ==
*[[ऑटिज़्म (आत्मविमोह)|स्वलीनता]]
{{commonscat|Measles|खसरा}}
*[[संक्रामक रोग|संक्रामक रोग]]
*महामारी की सूची
*एमएमआर टीके
*[[गलगंड|मम्प्स]]
*पैरामिक्सोवायरस
*रास्योला ("बेबी मीज़ल्स")
*रूबेला (जर्मन खसरा)
*अर्धजीर्ण कठिन संपूर्ण मस्तिष्‍क शोथ
*[[टीका (वैक्सीन)|टीका]]


==संदर्भ==
[[श्रेणी:विषाणु रोग]]
{{Reflist|2}}
[[श्रेणी:मोनोनिगावायरेल्स]]

[[श्रेणी:बच्चों के रोग]]
==बाहरी लिंक्स==
{{Commons category|Measles}}
*[http://www.who.int/vaccine_research/diseases/measles/en/ WHO.int]'इनिशियेटिव फॉर वैक्सीन रिसर्च (IVR):' मीज़ल्स', [[विश्व स्वास्थ्य संगठन|विश्व स्वास्थ्य संगठन]] (WHO)
*[http://www.cdc.gov/vaccines/vpd-vac/measles/faqs-dis-vac-risks.htm Measles FAQ] संयुक्त राज्य अमेरिका में रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों से खसरे पर किये गए सवाल.
*[http://news.bbc.co.uk/1/hi/health/7385020.stm एक वयस्क पुरुष के खसरे का मामला (चेहरे की तस्वीर)]
*[http://www.skinsight.com/child/rubeolaMeasles.htm खसरा के नैदानिक चित्र]

{{Viral cutaneous conditions}}
{{Diseases of Poverty}}

[[Category:डच लोनवर्ड्स]]
[[Category:विषाणुजनित रोग]]
[[Category:मोनोनेगावायरल्स]]
[[Category:बाल चिकित्सक ]]
[[Category:चाइल्डहूड एक्ज़ान्थेम्स]]
[[Category:वायरस से संबंधित कटानियस स्थिति]]


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[[ar:حصبة]]
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[[vi:Sởi]]
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[[zh:痲疹]]
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[[ml:അഞ്ചാം‌പനി]]

09:33, 27 अगस्त 2010 का अवतरण

खसरा
वर्गीकरण एवं बाह्य साधन
आईसीडी-१० B05.
आईसीडी- 055
डिज़ीज़-डीबी 7890
मेडलाइन प्लस 001569
ईमेडिसिन derm/259  emerg/389 ped/1388
एम.ईएसएच D008457

Measles virus
Measles virus
विषाणु वर्गीकरण
Group: Group V ((−)एसएसआरएनए)
गण: Mononegavirales
कुल: Paramyxoviridae
वंश: Morbillivirus
प्रकार जाति
Measles virus

खसरा श्वसन प्रणाली में वायरस, विशेष रूप से मोर्बिलीवायरस के जीन्स पैरामिक्सोवायरस के संक्रमण से होता है. मोर्बिलीवायरस भी अन्य पैरामिक्सोवायरसों की तरह ही एकल असहाय, नकारात्मक भावना वाले आरएनए वायरसों द्वारा घिरे होते हैं. इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, बहती हुई नाक, लाल आंखें और एक सामान्यीकृत मेकुलोपापुलर एरीथेमाटस चकते भी शामिल है.

खसरा (कभी-कभी यह अंग्रेज़ी नाम मीज़ल्स से भी जाना जाता है) श्वसन के माध्यम से फैलता है (संक्रमित व्यक्ति के मुंह और नाक से बहते द्रव के सीधे या वायुविलय के माध्यम से संपर्क में आने से), और बहुत संक्रामक है तथा 90% लोग जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता नहीं है और जो संक्रमित व्यक्ति के साथ एक ही घर में रहते हैं, वे इसके शिकार हो सकते हैं. यह संक्रमण औसतन 14 दिनों (6-19 दिनों तक) तक प्रभावी रहता है और 2-4 दिन पहले से दाने निकलने की शुरुआत हो जाती है, अगले 2-5 दिनों तक संक्रमित रहता है (अर्थात् कुल मिलाकर 4-9 दिनों तक संक्रमण रहता है).[1]

अंग्रेजी बोलने वाले देशों में खसरा का एक वैकल्पिक नाम रुबेओला है, जिसे अक्सर रुबेला (जर्मन खसरा) के साथ जोड़ा जाता है; हालांकि दोनों रोगों में कोई संबंध नहीं हैं.[2][3]

संकेत और लक्षण

इस के साथ ज्वालामुखी पर प्रस्तुत मरीज "कोप्लिक स्पॉट" खसरा की शुरुआत के पूर्व तीसरे दिन का सूचक है.

खसरे के खास लक्षणों में चार दिन का बुखार, तीनों सी -कफ(खांसी), कोरिज़ा (बहती हुई नाक) और नेत्रश्लेष्मलाशोथ (लाल आंखें) शामिल है. बुखार 40°C(104°F) तक पहुंच सकता है. खसरे के समय मुंह के अंदर दिखाई देने वाले कॉपलिक धब्बे रोगनिदानात्मक हैं, लेकिन अक्सर ये दिखाई नहीं देते हैं, यहां तक कि खसरे के असली मामलों में भी, क्योंकि वे क्षणिक होते हैं और उत्पन्न होने के एक दिन के भीतर ही गायब हो जाते हैं.

खसरे के दाने, खास तौर पर व्यापक मेकुलोपापुलर, एरीथेमेटस दानों के रूप में वर्णित किये जाते हैं, जो बुखार होने के कई दिनों के बाद शुरू होते हैं. यह सिर से शुरू होता है और बाद में पूरे शरीर में फैल जाता है, इससे अक्सर खुजली होती है. इस दाने को "दाग़" कहा जाता है, जो गायब होने से पहले, लाल रंग से बदलकर गहरे भूरे रंग का हो जाता है.[उद्धरण चाहिए]

जटिलताएं

खसरे की जटिलताएं अपेक्षाकृत साधारण ही हैं, जिसमें हल्के और कम गंभीर दस्त से लेकर, निमोनिया और मस्तिष्ककोप, (अर्धजीर्ण कठिन संपूर्ण मस्तिष्‍क शोथ), कनीनिका व्रणोत्पत्ति और फिर उसकी वजह से कनीनिका में घाव के निशान रह जाने के खतरे हैं.[4] आमतौर पर जटिलताएं वयस्कों में ज्यादा होती हैं जो वायरस के शिकार हो जाते हैं.

विकसित देशों में स्वस्थ लोगों में खसरे की वजह से मौत की दर प्रति हज़ार में तीन मौतें या 0.3% है.[5] अविकसित देशों में कुपोषण और बुरी स्वास्थ्य सेवा की अधिकता की वजह से मृत्यु दर 28% की ऊंचाई तक पहुंच गयी है.[5] प्रतिरक्षा में अक्षम मरीज़ों में (उदाहरण के रूप में एड्स पीड़ित लोगों में) मृत्यु दर लगभग 30% है.[6]

कारण

खसरा के रोगियों को सांस लेने की सुविधाओं के साथ रखा जाना चाहिए.

केवल मनुष्य ही खसरा के ज्ञात पोषक हैं, हालांकि यह वायरस गैर मानव पशु प्रजातियों को भी संक्रमित कर सकता है.

निदान

खसरे के रोग का निदान करने के लिए कम से कम तीन दिन के बुखार के साथ ही तीन सी (खांसी, सर्दी-जुकाम, नेत्रश्लेष्मलाशोथ ) (कफ, कोरिज़ा, कंजंक्टीवाइटिस) में से एक का होना अति आवश्यक है.कोप्लिक्स के दाग के निरीक्षण से भी खसरे का निदान हो सकता है.

वैकल्पिक रूप से, खसरे का प्रयोगशाला निदान श्वसन के नमूनों से खसरा के सकारात्मक आईजीएम प्रतिपिण्डों या खसरे के वायरस आरएनए के अलगाव की पुष्टि होने से किया जा सकता है. बच्चों में जहां शिराछेदन अनुपयुक्त होता है, वहां विशिष्ट आइजीए जांच के लिए लारमय खसरा की लार को इक्ट्ठा किया जा सकता है. खसरा के अन्य रोगियों के साथ सकारात्मक संपर्क में आना महामारी विज्ञान में मजबूत प्रमाण जोड़ सकते हैं. संक्रमित व्यक्ति के साथ सेक्स के माध्यम से वीर्य, लार या बलगम सहित, किसी भी तरह का कोई भी संपर्क संक्रमण पैदा कर सकता है.

रोकथाम

दुनिया भर में खसरे के टीकाकरण की दर
संयुक्त राज्य अमेरिका में टीकाकरण के आरम्भ होने के पहले और बाद के खसरे के मामलों की सूचना.
इंग्लैंड और वेल्स में टीकाकरण के आरम्भ होने के पहले और बाद के खसरे के मामलों की सूचना प्रासंगिक प्रकोप के होने के बाद तक कवरेज समूह के प्रतिरक्षा के लिए पर्याप्त व्यापक नहीं था, 1988 में एमएमआर टीके को पेश किया गया था को बीच में नहीं था.

विकसित देशों में अधिकतर बच्चों को 18 महीने की आयु तक साधारण तौर पर त्रि-स्तरीय एमएमआर वैक्सीन (खसरा, कण्ठमाला और रुबेओला) के भाग के रूप में खसरा के खिलाफ प्रतिरक्षित कर दिया जाता है. इससे पहले आमतौर पर 18 महीने से छोटे बच्चों को यह टीका नहीं दिया जाता है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान मां के शरीर से इनके अंदर खसरा विरोधी प्रतिरक्षक-ग्लॉब्युलिन (प्राकृतिक प्रतिरक्षी) संचारित हो जाते हैं. रोगक्षमता की दरों को बढ़ाने के लिए आमतौर पर चार और पांच साल के बच्चों को दूसरी खुराक दी जाती है. खसरा को अपेक्षाकृत असामान्य बनाने के लिए ही टीकाकरण की दरों को काफी बढ़ा दिया गया था. यहां तक कि कॉलेज के छात्रावास या इसी तरह के समायोजन में अक्सर स्थानीय टीकाकरण कार्यक्रम में ऐसा एक मामला उजागर होता है, यदि ऐसे लोगों में से किसी एक की पहले से प्रतिरक्षा नहीं हुई हो.

विकासशील देशों में जहां खसरा उच्च स्थानिक है, वहां डब्ल्यूएचओ ने छह महीने और नौ महीने की उम्र में टीके की दो खुराक देने का सुझाव दिया है. बच्चा एचआईवी संक्रमित हो या नहीं उसे टीका दिया जाना चाहिए.[7] एचआईवी संक्रमित शिशुओं में टीका कम प्रभावी है, लेकिन प्रतिकूल प्रतिक्रिया के जोखिम कम हैं.

टीका नहीं लिये होने पर आबादी को रोग का खतरा रहता है. 2000 के प्रारंभ में उत्तरी नाइज़ीरिया में धार्मिक और राजनीतिक आपत्तियों के कारण टीकाकरण की दरों में गिरावट आयी, और तेजी से मामलों में इजाफा हुआ, और सैकड़ों बच्चों की मौत हो गयी.[8]

1998 में संयुक्त राज्य में एमएमआर टीका विवाद में एमएमआर के संयुक्त टीके (बच्चों को मम्प्स, मीज़ल्स और रुबेओला का टीकाकरण दिया जा रहा था) और स्वलीनता (ऑटिज़्म) में संभावित कड़ी होने के बाद भी "खसरा पार्टी" में इज़ाफा हुआ, जहां माता-पिता ने अपने बच्चों को जानबूझकर इंजेक्शन न दिलाकर मीज़ल्स होने दिया, इस उम्मीद पर कि ऐसा करने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जायेगी. इस अभ्यास से बच्चों में कई जानलेवा बीमारियां पैदा हो गयीं, इसी वजह से सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने ऐसा करने से रोका.[9] वैज्ञानिक सबूत इस परिकल्पना का समर्थन बिल्कुल नहीं करते हैं कि स्वलीनता (ऑटिज़्म) में एमएमआर की कोई भूमिका है.[10] 2009 में, संडे टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया कि वेकफील्ड ने 1998 में अपने अखबारों में रोगियों की संख्या में हेरफेर किया और गलत परिणाम दिखाते हुए स्वलीनता के साथ संबंध दर्शाया था.[11] द लान्सेट ने 2 फरवरी 2010 को 1998 के अखबार को झुठला दिया.[12] जनवरी 2010 में, शिष्ट बच्चों के एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि खसरा, कण्ठमाला और रूबेला जैसे रोग के लिए टीकाकरण ऑटिस्टिक (स्वलीनता) के विकार को बढ़ावा देने का जोखिम कारक नहीं था, बल्कि जिन मरीजों ने टीका लगवा लिया था उन मरीजों में ऑटिस्टिक के विकार पैदा होने का खतरा थोड़ा कम था, हालांकि इसके पीछे के तंत्र की वास्तविक कार्रवाई अज्ञात है, और यह परिणाम संयोग हो सकता है.[13][not specific enough toverify]

ब्रिटेन में ऑटिज़्म से संबंधित एमएमआर अध्ययन की वजह से टीकाकरण के प्रयोग में तेजी से कमी आयी, और फिर से खसरे के मामलों की वापसी हुई: 2007 में वेल्स और इंग्लैंड में खसरे के 971 मामले सामने आये, जो अब तक के खसरे के मामलों में सबसे ज्यादा वृद्धि दर्शाता है, जबकि 1995 में खसरे के रिकार्ड रखने की शुरूआत की गयी थी.[14] 2005 में इंडियाना में खसरे का प्रकोप उन बच्चों पर पड़ा जिनके मां-बाप ने टीकाकरण से इंकार कर दिया था.[15]

मीज़ल्स इनिशियेटिव के सदस्यों द्वारा जारी किये गये एक संयुक्त बयान में खसरे के खिलाफ लड़ाई का एक और फायदा सामने आया: "खसरा टीकाकरण अभियानों ने अन्य कारणों से हो रही बच्चों की मौतों में कमी करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. वे अन्य जीवन रक्षक उपायों - जैसे कि मलेरिया से बचने के लिए मच्छरदानी, कीड़े मारने वाली दवा और विटामिन ए जैसी परिपूरक दवाओं का वितरण करने वाला जरिया बन गये हैं. खसरा टीकाकरण को अन्य स्वास्थ्य हस्तक्षेपों से मिलाना मिलेनियम डेवलप्मेंट गोल संख्या 4 (सहस्राब्दि विकास लक्ष्य) की उपलब्धि में एक महत्वपूर्ण योगदान है: 1990 से 2015 तक बच्चों की मौत में दो तिहाई कटौती करना."[16]

उपचार

वहां खसरे के लिए कोई विशेष उपचार नहीं है. हल्के और सरल खसरा से पीड़ित अधिकांश रोगी आराम और सहायक उपचार से ठीक हो जाएंगे. हालांकि, यदि मरीज अधिक बीमार हो जाता है, तब चिकित्सा सलाह लेना महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि हो सकता है उनमें जटिलताएं विकसित हो रही हों.

कुछ रोगियों में खसरे की अगली कड़ी के रूप में निमोनिया का विकास हो सकता है. अन्य जटिलताओं में कान का संक्रमण, ब्रोंकाइटिस (श्वसनीशोथ), और इन्सेफेलाइटिस (मस्तिष्कशोथ) शामिल हैं. तीव्र खसरा श्वसनीशोथ से होने वाली मृत्यु की दर 15% है. हालांकि खसरा मस्तिष्कशोथ का कोई विशेष इलाज नहीं है, प्रतिजैविक निमोनिया के लिए प्रतिजैविकों की जरूरत होती है, खसरे के बाद विवरशोथ और श्वसनीशोथ हो सकता है.

अन्य सभी उपचार के साथ बुखार कम करने और दर्द कम करने के लिए आइबुफेन या एक्टेमिनोफेन (पैरासीटामोल भी कहा जाता है) दिया जा सकता है, और यदि आवश्यक हो, तेज खांसी से राहत पाने के लिए श्वसनी विस्फारक (ब्रान्कोडायलेटर) भी दिया जा सकता है. ध्यान रहे कि छोटे बच्चों को बिना चिकित्सा सलाह के कभी भी एस्पिरीन नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि इससे रे'ज सिंड्रोम जैसी बीमारी होने का खतरा रहता है.[उद्धरण चाहिए]

इलाज में विटामिन ए के उपयोग की जांच की जा चुकी है. इसके इस्तेमाल से होनेवाले प्रयोग की व्यवस्थित समीक्षा करने से समग्र मृत्यु दर में कमी लाने में कोई सफलता नहीं मिली, लेकिन इसने 2 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर को जरूर कम किया.[17][18][19]

पूर्वानुमान

हालांकि खसरे से पीड़ित अधिकतर मरीज बच गये, लेकिन कई जटिलताएं रह गयीं और अक्सर जटिलताएं पैदा होती हैं तथा उनमें श्वसनीशोथ, निमोनिया, मध्य कर्णशोथ, रक्तस्रावी (हेमरैगिक)जटिलताएं, तीव्र प्रसरित मस्तिष्क सुषु्म्ना शोथ, तीव्र खसरा मस्तिष्कशोथ, अर्धजीर्ण कठिन संपूर्ण मस्तिष्‍क शोथ एसएसपीई(sspe)अंधत्व, वधिरता और मौत भी शामिल हो सकती है. सांख्यिकीय तौर पर खसरा के 1000 मामलों में से 2-3 मरीज मर जाते हैं, और 5-105 जटिलताओं से पीड़ित रहते हैं. जिन रोगियों में जटिलताएं पैदा नहीं होती हैं, आमतौर पर उनके रोग का निदान बढ़िया होता है. हालांकि, अधिकांश मरीज बच जाते हैं फिर भी टीका लगाना अति महत्वपूर्ण है क्योंकि खसरा के 15 प्रतिशत मरीजों में जटिलताएं मिलती हैं, कुछ में बहुत कम तो दूसरों में (जैसे कि अर्धजीर्ण कठिन संपूर्ण मस्तिष्‍क शोथ) आम तौर पर बहुत घातक जटिलताएं होती हैं. इसके अलावा, भले ही वह रोगी खसरा से सिक्वेला या मृत्यु के बारे में चिंतित न हो लेकिन वह निमोनिया की विशाल कोशिका से प्रतिरक्षा में अक्षम रोगियों तक बीमारी फैला सकता है, जिनकी मृत्यु का जोखिम बहुत अधिक रहता है. खसरे के वायरस के संक्रमण का एक और गंभीर खतरा तीव्र खसरा श्वसनीशोथ है. यह खसरे के दाने का निकलना शुरू होने के दूसरे दिन से लेकर एक सप्ताह तक, बहुत तेज बुखार, गंभीर सिर दर्द, कंपकंपी और अस्वाभाविक मनोभाव के साथ शुरू होता है. इससे रोगी कोमा में जा सकता है, उसकी मृत्यु भी हो सकती है या उसके मस्तिष्क को क्षति पहुंच सकती है.[20]

महामारी विज्ञान (एपिडेमियोलॉजी)

साल 2002 में 100.000 निवासियों के लिए खसरा के लिए विकलांगता से समायोजित जीवन वर्ष [39][40][41][42] [43][44][45][46][47][48][49][50][ 51]

विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ(WHO) के अनुसार, खसरे का टीका लगाने का प्रमुख कारण यह है कि यह बच्चों के मृत्यु दर को रोकने में काफी सहायक है. दुनिया भर में, मीज़ल्स इनिशियेटिव के भागीदारों, द अमेरिकन रेड क्रॉस, द यूनाइटेड स्टेट्स सेंटर्स फॉर डिज़िज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन सीडीसी(CDC), द यूनाइटेड नेशंस फाउंडेशन, यूनिसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ(WHO), के नेतृत्व में टीकाकरण अभियान से मृत्यु दर में काफी कमी आई है. विश्व स्तर पर, खसरे से हो रही मौतों में 60% की अनुमानित गिरावट देखी गयी, 1999 में हुई 873,000 मौतों की तुलना में 2005 में केवल 345,000 मौतें हुईं.[16] विश्व स्तर पर 2008 में हुई 164,000 तक मौतों में गिरावट आने का अनुमान है, जिसमें दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र में 2008 में 77% लोगों का निधन खसरा की वजह से हुआ.[21]

डब्ल्यूएचओ (WHO) के छह में से पांच क्षेत्रों ने खसरा को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, और मई 2010 में 63 वें वर्ल्ड हेल्थ असेंबली में प्रतिनिधियों ने 2000 में देखे गये स्तर से 2015 तक खसरे की वजह से होने वाली मृत्यु दर में 95% की कटौती के वैश्विक लक्ष्य पर सहमति बनाई है तथा साथ ही इसके पूरी तरह से उन्मूलन की दिशा में कदम उठाने का निश्चय किया है. हालांकि, मई 2010 में वैश्विक स्तर पर इसके पूर्ण उन्मूलन की किसी विशिष्ट तिथि का लक्ष्य तय करने पर अभी तक सहमति नहीं हुई है.[22][23]

इतिहास और संस्कृति

इतिहास

165-180 ई.पू. का एन्टोनिन प्लेग, जो प्लेग ऑफ गालेन के नाम से भी जाना जाता है, चेचक या खसरा के रूप में वर्णित है. इस बीमारी ने कुछ क्षेत्रों में एक तिहाई से अधिक की आबादी और रोमन सेना को पूरी तरह से खत्म कर दिया.[24] पहली बार खसरा के साथ उसके भेद चेचक और छोटी माता के वैज्ञानिक विवरण पता करने का श्रेय फारसी चिकित्सक मोहम्मद इब्न ज़कारिया अर-रज़ी को जाता है, जो पश्चिम में "राज़ेस" के नाम से जाने जाते हैं, जिन्होंने द बुक ऑफ स्मॉल पॉक्स एंड मीज़ल्स (अरबी में: किताब फी अल ज़दारी-वा अल-हस्बा ) शीर्षक पुस्तक प्रकाशित की.[25]

खसरा एक स्थानिक रोग है, जिसका अर्थ है कि यह एक समुदाय में लगातार मौजूद रहता है और अधिकतर लोग इससे प्रतिरोध की क्षमता का विकास कर लेते हैं. ऐसी आबादी में जिसका सामना खसरा जैसी बीमारी से नहीं हुआ हो, एक नये रोग से सामना होने पर विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं. 1529 में, क्यूबा में खसरे की महामारी ने दो तिहाई वाशिंदों की जान ले ली जो पहले चेचक से बच गये थे. दो साल बाद होंडूरस की आधी आबादी की मौत खसरे की वजह से हुई थी, जिसने मेक्सिको, सेंट्रल अमेरिका और इंका सभ्यता को उजाड़ दिया था.[26]

मोटे तौर पर पिछले 150 वर्षों में खसरा से विश्वभर में 200 लाख लोगों के मारे जाने का अनुमान है.[27] 1850 में खसरा ने हवाई की आबादी के पांचवे हिस्से को मार दिया था.[28] 1875 में खसरा से फिजी के 40,000 लोगों की मौत हो गयी, जो अनुमान के तौर पर पूरी आबादी का एक तिहाई हिस्सा था.[29] 19 वीं सदी में इस रोग ने अंडमानी आबादी का भी नाश कर दिया.[30] 1954 में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के एक 11 वर्षीय बच्चे डेविड एडमॉनस्टन के शरीर से इस बीमारी को फैलाने वाले वायरस को अलग किया गया था और उसे चूजे के भ्रूण उत्तक संस्कृति पर अनुकूलित और प्रचारित किया गया.[31] अब तक खसरा वायरस के 21 उपभेदों की पहचान की गई है.[32] मर्क में मोरिस हिलमैन ने पहले सफल वैक्सीन को विकसित किया.[33] 1963 में इस बीमारी की रोकथाम के लिए लाइसेंस प्राप्त टीके उपलब्ध हो गये.

हाल की महामारियां

2009 में सितंबर के शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका में गोटांग के एक शहर जोहान्सबर्ग में खसरा के 48 मामलों की सूचना मिली. इस महामारी के तुरंत बाद सरकार ने सभी बच्चों को टीका लगाये जाने का आदेश जारी कर दिया. उस समय सभी स्कूलों में टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया गया और अभिभावकों को अपने छोटे बच्चों को टीका दिलवाने की सलाह दी जाती थी.[34] कई लोग टीकाकरण कराने के लिए तैयार नहीं होते थे, क्योंकि उनका मानना था कि यह असुरक्षित और अप्रभावी है. स्वास्थ्य विभाग ने जनता को यकीन दिलाया कि उनका कार्यक्रम वास्तव में सुरक्षित है. अटकलें लगायी जाती थीं कि पता नहीं नई सूइयों का इस्तेमाल किया भी जाता था या नहीं.[35] मध्य अक्टूबर तक कम से कम 940 मामलों को दर्ज किया गया था, जिनमें 4 मौतें हुई थीं.[36]

19 फरवरी 2009 को उत्तरी वियतनाम के 12 प्रांतों में खसरा के 505 मामलों की सूचना मिली, जिसमें हनोई के 160 मामले दर्ज किये गये थे.[37] मस्तिष्कावरणशोथ (मैनिंजाइटिस) और मस्तिष्कशोथ (इन्सेफेलाइटिस) सहित उच्च दर की जटिलताओं ने स्वास्थ्य कर्मचारियों[38] को चिंता में डाल दिया था और यू.एस.सीडीसी (U.S.CDC) ने सभी पर्यटकों को खसरे का टीका दिलाये जाने की सिफारिश कर दी थी.[39]

1 अप्रैल 2009 को उत्तरी वेल्स के दो स्कूलों में महामारी फैल गयी. वेल्स में वाइगोल जॉन ब्राइट और वाइगोल फॉर्ड डफरिन को यह बीमारी हुई थे, इसलिए वे पूरी कोशिश करते थे कि हर बच्चे को खसरे का टीका लगे.

2007 में जापान में विशाल महामारी फैल गयी जिसकी वजह से अधिकतर विश्वविद्यालयों और दूसरे संस्थानों को बंद कर दिया गया ताकि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके.[40][41]

इज़रायल में अगस्त 2007 और मई 2008 के बीच में इस बीमारी के तकरीबन 1000 मामलों की सूचना मिली थी (इससे ठीक एक साल पहले इसके विपरीत सिर्फ कुछ दर्जन मामले ही दर्ज किये गये थे).[उद्धरण चाहिए] रूढ़िवादी यहूदी समुदायों में कई बच्चों को टीकाकरण कवरेज से अलग रखने के कारण वे इस बीमारी से प्रभावित हुए.[42][43] 2008 में यह बीमारी स्थानीय थी जिसकी वजह से 2008 में ब्रिटेन में इस बीमारी के 1,217 मामलों का निदान किया गया था. [44] और [[इटली|स्विट्जरलैंड, इटली तथा आस्ट्रिया]] से भी महामारी की खबरें मिलीं. इसके लिए टीकाकरण की कम दर जिम्मेदार हैं.[45]

मार्च 2010 में फिलीपींस ने खसरा के मामलों को लगातार बढ़ता देख महामारी की घोषणा कर दी.[उद्धरण चाहिए]

अमेरिका

उत्तरी, केंद्रीय और दक्षिणी अमेरिका से स्वदेशी खसरा के पूर्ण रूप से सफाया होने की घोषणा की गयी; 12 नवंबर 2002 को इस क्षेत्र में एक आखिरी स्थानीय मामले की सूचना मिली; पर उत्तरी अर्जेंटीना, कनाडा के ग्रामीण प्रांतों में, खासकर ओंटारियो, क्युबेक, और अल्बर्टा के कुछ क्षेत्रों में मामूली स्थानीय स्थिति बनी हुई है.[46] हालांकि दुनिया के दूसरे प्रदेशों से खसरा के वायरसों का आयात होने से महामारियां अब भी हो रही हैं. जून 2006 में, बोस्टन में महामारी फैल गयी जब वहां का एक निवासी भारत[47] में संक्रमित हुआ और अक्टूबर 2007 में मिशिगन की एक लड़की को टीका लगाया गया, जब वह स्वीडन[48] में इस बीमारी का शिकार हुई.

1 जनवरी और 25 अप्रैल 2008 के बीच संयुक्त राष्ट्र में खसरा के 64 मामलों की पुष्टि हुई और सेंटर फॉर डिसिज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन[49][50] को दर्ज की गयी, जो 2001 के बाद से किसी भी वर्ष में दर्ज की गयी रिपोर्ट में सबसे अधिक है. संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में अन्य देशों से खसरा के आयात के 64 मामलों में से 54 संयुक्त राज्य अमेरिका से सम्बंधित थे और 64 में से 63 रोगी ऐसे थे जिन्हें टीका नहीं दिया गया था या अन्य टीकाकरण की स्थिति से अज्ञात थे.[51]

9 जुलाई 2008 तक 15 राज्यों में कुल 127 मामलों की सूचना मिली (जिनमें से 22 एरिजोना के थे),[52] जो 1997 के बाद से सबसे बड़ा प्रकोप था (जब 138 मामलों की सूचना दी गयी थी).[53] अधिकांश मामलों का अधिग्रहण संयुक्त राज्य के बाहर हुआ और वे व्यक्ति प्रभावित हुए जिन्हें टीका नहीं दिया गया था.

30 जुलाई 2008 तक मामलों की संख्या बढ़कर 131 तक पहुंच गयी. इनमें से आधे, में वे बच्चे शामिल हैं जिनके माता पिता ने अपने बच्चों का टीकाकरण कराने से मना कर दिया था. 131 मामले 7 विभिन्न महामारियों में हुए थे. कोई मौत नहीं हुई थी और १५ लोगों को अस्पताल में दाखिल करना पड़ा था. 11 मामलों में रोगियों ने खसरा के टीके की कम से कम एक खुराक प्राप्त की थी.122 मामले ऐसे थे जिसमें बच्चों को टीका नहीं दिया गया था या जिनके टीकाकरण की स्थिति अज्ञात थी. इनमें से कुछ एक वर्ष की आयु से कम के थे और इतनी कम उम्र के थे जब टीकाकरण की सिफारिश की जाती है, लेकिन 63 मामलों में धार्मिक या दार्शनिक कारणों से टीकाकरण कराने से मना कर दिया गया था.

अतिरिक्त छवियां

इन्हें भी देखें

संदर्भ

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