"सुअर इन्फ्लूएंजा (स्वाईन फ्लू)": अवतरणों में अंतर

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11:38, 22 अक्टूबर 2009 का अवतरण

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इन्फ्लूएंजा
सुअर इन्फ्लूएंजा सूअरों में स्थानिक है
CDC इन्फ्लुएंजा प्रयोगशाला में पुनर् संकलित H1N1 इन्फ्लुएंजा वायरस की इलेक्ट्रोन सूक्ष्मदर्शी से खिंची गयी तस्वीर. इस वायरस का व्यास 80-120 नेनो मीटर है. [4]


सुअर इन्फ्लूएंजा (जिसे स्वाईन फ्लू , सूअर फ्लू या शूकर फ्लू भी कहते हैं), स्वाईन इन्फ़्लुएन्ज़ा वायरस के कई विशेष प्रकार के पोषी जंतुओं में से किसी एक से होने वाला संक्रमण है. 2009 में मीडिया ने इसे "स्वाईन फ्लू" के रूप में लेबल किया, एक फ्लू जो A/H1N1 पेंडेमिक वायरस के स्वाईन उत्पत्ति के 2009 के एक नए स्ट्रेन के कारण होता है, ठीक उसी तरह से जैसे पहले हाल ही में एशियन लिनेज HPAI (उच्च रोगजनक एवियन इन्फ्लुएंजा) H5N1 स्ट्रेन के द्वारा होने वाले फ्लू को "एवियन फ्लू" कहा गया. जो कई देशों में कई जंगली पक्षियों की प्रजातियों में आज भी स्थानिक रूप से पाया जाता है.


एक सूअर इन्फ्लूएंजा वायरस (SIV ) वायरसों के इन्फ्लुएंजा परिवार का कोई स्ट्रेन है, आम तौर पर सूअर (इनमें यह स्थानिक है) इसके पोषी होते हैं. [1] 2009 में, ज्ञात SIV स्ट्रेन इन्फ्लूएंजा C वायरस हैं और इन्फ्लूएंजा A वायरस के उपभेद हैं जो H1N1, H1N2, H3N1, H3N2 और H2N3 के रूप में जाने जाते हैं.

स्वाईन फ्लू दुनिया भर में सूअर की आबादी में आम है.


सूअर इन्फ्लुएंजा का सुअरों से मनुष्यों में संचरण आम तौर पर नहीं होता है, और यह हमेशा मानव इन्फ्लुएंजा का कारण नहीं होता है, अक्सर इसके फलस्वरूप रक्त में केवल प्रतिरक्षियों का उत्पादन हो जाता है. पशु के मांस को यदि अच्छी तरह पकाया गया हो तो उससे वायरस के संचरण का ख़तरा नहीं रहता है. यदि संक्रमण के कारण मानव इन्फ्लुएंजा होता है तो उसे जूनोटिक सूअर फ्लू कहते हैं.जो लोग सूअरों के साथ काम करते हैं, विशेष रूप से वे लोग ज्यादातर सूअरों के साथ रहते हैं, उनमें सूअर फ्लू होने का ख़तरा अधिक रहता है.

20वीं शताब्दी के मध्य में, इन्फ्लूएंजा उपभेदों की पहचान संभव हो गयी, जिसके कारण मानव में संचरण का सटीक निदान संभव हो गया. तब से, पचास संचरणों की पुष्टि दर्ज की गई है.कभी कभी ही ऐसा होता है कि इस तरह के स्ट्रेन एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में संचरित हो जाएं. मनुष्य में स्वाईन फ्लू (सूअर फ्लू) के लक्षण सामान्य इन्फ्लुएंजा या इन्फ्ल्युएंजा जैसी बीमारियों से मिलते जुलते होते हैं. जैसे ठंड लगना, बुखार का आना, गले में ख़राश, मांसपेशियों में दर्द, बहुत तेज सिर दर्द, खांसी, कमजोरी और सामान्य असुविधा.सूअर भी मानव इन्फ्लूएंजा से संक्रमित हो सकते हैं, और ऐसा 1918 की फ्लू महामारी के दौरान हुआ प्रतीत होता है. [2]


मानव में यह 2009 में स्वाईन फ्लू (सूअर फ्लू) फैलने का कारण है इन्फ्लूएंजा A वायरस उपभेद H1N1 का एक नया स्ट्रेन जिसमें स्वाईन इन्फ्ल्युएंजा के निकट संबंधी जीन पाए जाते हैं. [3] इस नए स्ट्रेन की उत्पत्ति अज्ञात है. हालांकि, दी वर्ल्ड ओर्गनाइजेशन फॉर एनीमल हेल्थ (OIE) की रिपोर्ट के अनुसार इस स्ट्रेन को सूअरों में अलग नहीं किया गया है, [4] यह स्ट्रेन मानव से मानव में संचरित हो सकता है, [5] और [6] के सामान्य लक्षण उत्पन्न करता है. [7]


वर्गीकरण

इन्फ्लूएंजा वायरस के तीन वंश जो मानव फ्लू का कारण हैं, उनमें से दो सूअरों में भी इन्फ्ल्युएंजा विकसित करते हैं, जिसमें इन्फ्ल्युएंजावायरस A वायरस आम है और इन्फ्युएंजावायरस C दुर्लभ. [8] इन्फ़्ल्युएन्जावायरस B की उपस्थिति सूअरों में ज्ञात नहीं हुई है. इन्फ्ल्युएंजा वायरस A और इन्फ्ल्युएंजा वायरस C में, स्ट्रेन सूअर में पाए जाते हैं और मानव बड़े पैमाने पर विभेदित है, हालांकि पुनर् संकलन के कारण स्ट्रेनों के बीच जीनों का स्थानान्तरण हुआ है जो स्वाईन, एवियन, और मानव प्रजाति की सीमाओं को पार करते हैं.



इन्फ्ल्यूएंजा C

इन्फ्ल्यूएंजा C वायरस, मानव और सूअर दोनों को संक्रमित करते हैं लेकिन पक्षियों को संक्रमित नहीं करते हैं. [9] कुछ समय पूर्व ही सूअर और मानव के बीच संचरण हुआ है. [10] उदाहरण के लिए, इन्फ्लूएंजा C के कारण जापान [11] और केलिफोर्निया [11] में बच्चों में इन्फ्ल्युएंजा का हल्का प्रकोप फैला. इसके सीमित पोषी प्रसार और इन्फ्ल्युएंजा C में आनुवंशिक विविधता की कमी के कारण, इन्फ्ल्युएंजा का यह रूप मानव में महामारी का कारण नहीं बनता है. [12]


इन्फ्ल्यूएंजा A

सुअर इन्फ्लूएंजा, इन्फ्लूएंजा A उपभेदों H1N1, [13] H1N2, [13] H3N1, [14] H3N2, [13] और H2N3 [15] के कारण होता है. सूअरों में दुनिया भर में तीन इन्फ्ल्युएंजा A वायरस उपभेद (H1N1, H3N2, और H1N2) सबसे आम हैं. [16] संयुक्त राज्य अमेरिका में 1998 से पहले स्वाईन जनसंख्या में H1N1 उपभेद विशेष रूप से पाया जाता था; हालांकि अगस्त 1998 के बाद से H3N2 उपभेदों को सूअरों से अलग किया गया है.

2004 में, यू एस स्वाईन और तुर्की स्टॉक के पृथक्कृत H3N2 वायरस ट्रिपल पुनर् संकलित थे, जिनमें मानव (HA, NA, और PB1), स्वाईन (NS, NP, और M), और एवियन (PB2 और PA) लिनेज के जीन उपस्थित थे. [17]


निगरानी

सिंगापुर चंगी हवाई अड्डे पर पहुंचने वाले यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग.

यद्यपि संयुक्त राज्य अमेरिका में इस बात का निर्धारण करने के लिए कोई औपचारिक राष्ट्रीय निगरानी प्रणाली नहीं है कि सूअरों में कौन से वायरस संचरित हो रहे हैं, [18] संयुक्त राज्य अमेरिका में एक अनौपचारिक निगरानी नेटवर्क है जो विश्व निगरानी नेटवर्क का एक भाग है.


पशु चिकित्सा रोगविज्ञानी, ट्रेसी मेकनमारा, ने चिडियाघरों में एक राष्ट्रीय रोग निगरानी प्रणाली की स्थापना की क्योंकि चिडियाघर सक्रिय रोग निगरानी रखते हैं और वहां पर रखे गए अधिकांश विदेशी जानवर रोगों से बहुत अधिक प्रभावित होते हैं.

कई प्रजातियां कई संघीय एजेंसियों के राडार से नीचे हैं (उनमें कुत्ते, बिल्लियां, पालतू प्रेयरी कुत्ते, चिडियाघर के जानवर, और शहरी जंगली जंतु शामिल हैं), हालांकि वे मानव में रोग के फैलने की प्रारंभिक जांच में महत्वपूर्ण हो सकते हैं. [19] [20]


इतिहास

1918 की फ्लू महामारी के दौरान, सबसे पहले ऐसा प्रस्तावित किया गया कि स्वाईन इन्फ्ल्युएंजा मानव इन्फ्ल्युएंजा से सम्बंधित एक बीमारी है, इस समय सूअर और मानव दोनों में साथ साथ यह बीमारी देखी गयी. [2] सूअरों में रोग के कारक के रूप में एक इन्फ्ल्युएंजा वायरस की सबसे पहले पहचान, इसके दस साल बाद, 1930 में की गयी. [21] इसके बाद के 60 वर्षों में स्वाईन इन्फ्ल्युएंजा के स्ट्रेन लगभग विशेष रूप से केवल H1N1 थे.

इसके बाद, 1997 और 2002 के बीच, उत्तरी अमेरिका में सूअरों में इन्फ्ल्युएंजा के कारण के रूप में तीन भिन्न उपभेदों और पांच भिन्न जीनोटाइप के नए स्ट्रेन विकसित हुए. 1997-1998 में, H3N2 स्ट्रेन उभरा. ये जीन जिनमें मानव, स्वाईन और एवियन वायरसों से पुनर् संकलन के द्वारा व्युत्पन्न जीन शामिल हैं, उत्तरी अमेरिका में स्वाईन इन्फ्ल्युएंजा का मुख्य कारण बन गए हैं.

H1N1 और H3N2 के बीच पुनर् संकलन से H1N2 का उत्पादन हुआ. 1999 में कनाडा में, H4N6 का एक स्ट्रेन प्रजाति की बाधा को पार कर के पक्षियों से सूअरों में आ गया, लेकिन यह एक ही फार्म में था. [21]


स्वाईन फ्लू का H1N1 रूप उस स्ट्रेन का एक वंशज है जिसने 1918 में फ्लू महामारी फैलायी. [22] [23] सूअरों में पाए जाने के साथ साथ, 1918 के वायरस के वंशज 20 वीं शताब्दी में मानव में भी परिसंचरित हो गए, इन्होने इन्फ्ल्युएंजा की सामान्य मौसमी महामारी में योगदान दिया. [23] हालांकि, सूअर से मनुष्य में प्रत्यक्ष संचरण कभी कभी ही होता है, 2005 के बाद से संयुक्त राज्य अमेरिका में ऐसे केवल 12 मामले सामने आये हैं. [24] बहरहाल, मनुष्य की आबादी में इन स्ट्रेनों के लुप्त हो जाने के बाद सूअरों में इन्फ्ल्युएंजा स्ट्रेन का बने रहना, सूअरों को एक भण्डार बनाता है, जहां इन्फ्ल्युएंजा के वायरस बने रहते हैं, बाद में जब इन स्ट्रेनों के लिए मानव की प्रतिरक्षी क्षमता कम हो जाती है तब ये मानव को पुनः संक्रमित करते हैं. [25]


स्वाईन फ्लू को एक पशुजन्य रोग के रूप में मानव में असंख्य बार देखा गया है, आमतौर पर इसका वितरण सीमित होता है, कभी कभी ही इसका वितरण व्यापक होता है. सूअर में प्रकोप आम हैं, और उद्योग में महत्वपूर्ण आर्थिक नुकसान का कारण हैं, क्योंकि ये प्राथमिक रूप से ये बाजार के विकास को रोक देते हैं और बाजार के समय विस्तार का कारण बनते हैं. उदाहरण के लिए, इस रोग पर ब्रिटिश मांस उद्योग के द्वारा प्रतिवर्ष £ 65 करोड़ हर साल खर्च किया जाते हैं. [26]


मानव में 1918 की महामारी

मनुष्यों में 1918 की फ्लू महामारी H1N1 और सूअरों में प्रदर्शित होने वाले इन्फ्लूएंजा से सम्बंधित थी; [23] यह या तो सूअर से मनुष्य में या मनुष्य से सूअर में पशु जन्य रोग को प्रतिबिंबित कर सकता है.

हालांकि यह निश्चित नहीं है कि वायरस कौन सी दिशा में स्थानांतरित हुआ, कुछ प्रमाण बताते हैं कि, इस मामले में, सूअरों को यह रोग मानव से प्राप्त हुआ. [2] उदाहरण के लिए, सबसे पहले लोगों में इन्फ्लुएंजा के व्यापक रूप से फैलने के बाद ही, सूअर इन्फ्लूएंजा को 1918 में सुअरों के एक नए रोग के रूप में उल्लेखित किया गया. [2] यद्यपि मानव, पक्षियों, और सूअरों में इन्फ्लुएंजा के अधिक हाल ही के स्ट्रेनों का हाल ही में किया गया एक फाइलोजिनेटिक विश्लेषण बताता है कि 1918 में मानव में फैले प्रकोप के बाद एक स्तनधारी में पुनर् संकलन की घटना हुई, [27] 1918 के स्ट्रेन की उत्पत्ति भ्रमित करती है. [28]


1976 में अमेरिका के प्रकोप

5 फ़रवरी, 1976 को संयुक्त राज्य अमेरिका में फोर्ट डिक्स में भर्ती किये गए एक सैनिक ने शिकायत की कि वह थकान और कमजोरी महसूस कर रहा है.

अगले दिन उसकी मृत्यु हो गयी और उसके चार साथी सैनिकों को बाद में अस्पताल में भर्ती किया गया. उसकी मृत्यु के दो हफ्ते बाद, स्वास्थ्य अधिकारियों ने घोषणा की कि उसकी मृत्यु का कारण था स्वाइन फ्लू का एक नया स्ट्रेन. यह स्ट्रेन जो H1N1 का एक भेद है, A/New Jersey/1976 (H1N1) के रूप में जाना जाता है. यह केवल 19 जनवरी और 9 फ़रवरी के बीच ही देखा गया और फोर्ट डिक्स के परे इसका प्रसार नहीं हुआ.[29]


राष्ट्रपति फोर्ड ने सूअर फ्लू का टीकाकरण प्राप्त किया.

यह नया स्ट्रेन 1918 की फ्लू महामारी में शामिल स्ट्रेन का निकट सम्बन्धी माना गया. इसके अलावा, निगरानी का बढ़ना अमेरिका में संचरित होने वाले एक अन्य स्ट्रेन को कवर नहीं करता था. : साथ साथ ही A/Victoria/75 (H3N2) फैला, यह भी बीमारी का कारण था, और मार्च तक बना रहा. [29] सचेत सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने फैसला लिया कि किसी और महामारी पर नियंत्रण करने के लिए कुछ कार्यवाही की जानी चाहिए, और राष्ट्रपति जेराल्ड फोर्ड को आग्रह किया कि संयुक्त राज्य में प्रत्येक व्यक्ति को इस रोग के लिए टीका (वैक्सीन) लगाया जाना चाहिए. [30]


इस टीकाकरण कार्यक्रम में देरी हुई और जनसंपर्क समस्याएं सामने आयीं. [31] 1 अक्टूबर, 1976 को, टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया गया और 11 अक्टूबर तक, लगभग 40 मिलियन लोगों या आबादी के लगभग 24% लोगों को सूअर फ्लू प्रतिरक्षण दे दिया गया था. उसी दिन, सूअर फ्लू शॉट्स प्राप्त करने के ठीक बाद तीन वरिष्ठ नागरिकों की मृत्यु हो गयी, और मीडिया में शोर मच गया, सकारात्मक सबूत की कमी के बावजूद इन मौतों को प्रतिरक्षीकरण से जोड़ा गया.विज्ञान लेखक पैट्रिक डी जस्टो के अनुसार, हालांकि, मौतों और वैक्सीन के बीच कोई सम्बन्ध स्थापित नहीं किया जा सका- जिस समय तक यह सच्चाई ज्ञात हुई बहुत देर हो चुकी थी. "सरकार को लंबे समय तक शूकर फ्लू के बड़े पैमाने पर आतंक फैलाने का डर था - अब सरकार सूअर फ्लू की वैक्सीन को लेकर आतंकित हो गयी. "इस कार्यक्रम के लिए एक शक्तिशाली झटका साबित हुआ. [32]


उधर गुलियन-बारे- सिंड्रोम की रिपोर्टें आयीं, जो एक पक्षाघात करने वाला तंत्रिका पेशीय विकार था, जिसने ऐसे कुछ लोगों को प्रभावित किया जिन्होंने स्वाइन फ्लू का प्रतिरक्षीकरण प्राप्त किया था. यह सिंड्रोम आधुनिक इन्फ्लुएंजा वैक्सीन का एक दुर्लभ पार्श्व प्रभाव है, यह एक ऐसी घटना है जो प्रति मिलियन प्रतिरक्षीकरणों में एक मामले में देखी जाती है. [33] इसके परिणामस्वरूप, डी फस्टो ने लिखा कि "जनता ने सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य कार्यक्रम पर भरोसा करना बंद कर दिया जिसने बूढे लोगों की जान ले ली और युवा लोगों को अपंग बना दिया." कुल मिला कर, 1976 के अंत तक आबादी के 33% से भी कम भाग को प्रतिरक्षण दिया गया था. राष्ट्रीय इन्फ्लुएंजा टीकाकरण कार्यक्रम को 16 दिसम्बर को प्रभावी रूप से रोक दिया गया.


कुल मिलाकर, गुलियन-बारे- सिंड्रोम (GBS) के 500 मामले सामने आये, जिसके परिणाम स्वरुप उत्पन्न गंभीर फुफ्फुसीय जटिलताओं के कारण 25 लोगों की मृत्यु हो गयी, डॉ. पी. हेबर के अनुसार ऐसा संभवतया 1976 की वैक्सीन के साथ प्रतिरक्षी रोग जनक प्रतिक्रिया के कारण हुआ था. इन्फ्लुएंजा के अन्य टीकों को GBS से सम्बंधित नहीं किया गया है, हालांकि कुछ व्यक्तियों के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, विशेष रूप से वे लोग जिनमें GBS का इतिहास रहा हो. [34] [35] फिर भी, प्रतिरक्षी कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों ने प्रेक्षित किया कि बीमारी की तुलना में वैक्सीन ने अधिक अमेरिकियों को मार डाला. [36]


1988 के पशुजन्य रोग

सितम्बर 1988 में, एक सूअर फ्लू वायरस ने एक औरत को मार डाला और कई अन्य लोगों को संक्रमित किया. 32 वर्षीय बारबरा एन वीनार्स आठ माह की गर्भवती थी जब वह और उसका पति, एड, वाल्वार्थ काउंटी, विस्कोंसिन में एक काउंटी मेले में होग बार्न से घूम कर आने के बाद बीमार हो गए. इसके आठ दिन के बाद, न्युमोनिया हो जाने के बाद बारबरा की मृत्यु हो गयी. [37] एक मात्र रोगजनक जिसकी पहचान की गयी वह था स्वाइन इन्फ्लुएंजा वायरस का H1N1 स्ट्रेन. [38] डॉक्टर उसके मरने से पहले उसका प्रसव करवाने में सफल हुए और उसने एक स्वस्थ बेटी को जन्म दिया. उसका पति बीमारी से ठीक हो गया.


मेले में प्रदर्शित किये जाने वाले सूअरों में ILI व्यापक रूप से फैला. 9 से 19 वर्ष के प्रदर्शित किये जाने वाले 25 सूअरों में से 76% को SIV के लिए प्रतिरक्षी के लिए धनात्मक पाया गया, लेकिन इस समूह में कोई गंभीर बीमारी नहीं देखी गयी. अएक और तीन स्वास्थ्य कर्मियों के बीच अतिरिक्त अध्ययन की सलाह दी गयी, जो उन रोगियों के संपर्क में थे जिनमें इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के हल्के लक्षण विकसित हुए थे, और स्वाइन फ्लू संक्रमण के प्रतिरक्षी प्रमाण भी थे.

हालांकि, कोई सामुदायिक प्रकोप नहीं था. [39] [40]


1998 में अमेरिका में स्वाइन का प्रकोप

1998 में, स्वाइन फ्लू चार अमेरिकी राज्यों में सूअरों में पाया गया था. एक वर्ष के भीतर, यह पूरे संयुक्त राज्य में सूअर की आबादियों में फ़ैल गया. वैज्ञानिकों ने पाया कि यह वायरस पक्षियों और मनुष्यों से फ्लू स्ट्रेन के एक पुनः संयोजक रूप में उत्पन्न हुआ था.

इसके फैलने से यह सुनिश्चित हो गया कि सूअर एक क्रुसिबल का काम करते हैं जहां भिन्न स्ट्रेनों के जीनों के पुनः संकलन के परिणामस्वरूप नोवल इन्फ्लुएंजा वायरस उत्पन्न होते हैं. [41] [42] [43]


2007 में फिलीपीन में स्वाइन का प्रकोप

20 अगस्त, 2007 को कृषि विभाग के अधिकारियों ने न्युवा एकीजा और केन्द्रीय ल्युजोन, फिलिपींस में स्वाइन फ्लू के प्रकोप (पशुजन्य) की जांच की. स्वाइन फ्लू के लिए मृत्यु दर 10% से कम है, यदि होग हैजा जैसी जटिलताएं न हों. 27 जुलाई, 2007 को, फिलीपीन राष्ट्रीय मांस निरीक्षण सेवा (NMIS) ने ल्युजोन के पांच क्षेत्रों और मेट्रो मनीला पर होग हैजा के "रेड एलर्ट " की चेतावनी दी, क्योंकि बुलाकान और पम्पंगा में पिछले क्षेत्रों में सूअरों के फार्म में यह बीमारी फ़ैल चुकी थी, यद्यपि स्वां फ्लू वायरस के लिए इनका परीक्षण नकारात्मक पाया गया था. [44] [45]


2009 में मानव में प्रकोप

2009 में फ्लू के फैलने का कारण है H1N1 उपभेद का एक नया स्ट्रेन जिसे पहले सूअरों में दर्ज नहीं किया गया है. [4] अप्रैल के अंत में, विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक, मार्गरेट चान, ने WHO के नए अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों के तहत "अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए आपात स्थिति" की घोषणा कर दी, जब संयुक्त राज्य में H1N1 वायरस का पहला मामला सामने आया. [46] [47] इस प्रकोप के बाद, 2 मई, 2009 को, इसे एल्बर्टा, कनाडा के फार्म के सूअरों में पाया गया, जिसका सम्बन्ध मैक्सिको के प्रकोप से था.

ऐसा संदेह है कि सूअरों ने वायरस के इस नए स्ट्रेन को एक फार्म कर्मचारी से प्राप्त किया जो मैक्सिको से हाल ही में लौटा था, और उसमें इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के लक्षण देखे गए. [48] ये संभावित मामले हैं, प्रयोगशाला परीक्षण के द्वारा इनकी पुष्टि अभी बाकी है.


नए स्ट्रेन को प्रारंभ में इन्फ्लुएंजा A वायरस के उपभेद H1N1 के कम से कम चार स्ट्रेनों के एक स्पष्ट पुनः संकलन के रूप में वर्णित किया गया, इसमें एक स्ट्रेन मानव में स्थानिक है, एक पक्षियों में स्थानिक है, और दो सूअरों में स्थानिक हैं. [49] इसके बाद के विश्लेषण बताते हैं कि यह केवल दो स्ट्रेनों का पुनः संकलन था, दोनों सूअरों में पाए जाते हैं. [3] हालांकि शुरुआती रिपोर्टों ने नए स्ट्रेन को सूअर इन्फ्लूएंजा के रूप में पहचाना, (अर्थात सूअरों में उत्पन्न होने वाला एक पशुजन्य रोग), इसकी उत्पत्ति अज्ञात है. कई देशों ने रोग की वैश्विक महामारी की संभावना को कम करने के लिए एहतियाती उपाय बरते. [50] स्वाइन फ्लू की तुलना मृत्यु दर के शब्दों में इन्फ्लुएंजा वायरस के अन्य समान प्रकारों से की गयी है: "संयुक्त राज्य अमेरिका में यह प्रतीत होता है कि संक्रमित होने वाले प्रत्येक 1000 लोगों में, लगभग 40 को अस्पताल में भर्ती किये जाने की आवश्यकता होती है और लगभग एक व्यक्ति मर जाता है ". [51] इस बात का दर है कि सर्दियों के महीनों में स्वाइन फ्लू एक प्रमुख वैश्विक महामारी बन जायेगा, इसलिए कई देशों में एक प्रमुख टीकाकरण अभियान योजना बनायी जा रही है. [52]


संचरण

सूअरों के बीच संचरण

इन्फ्ल्यूएंजा सूअरों में काफी आम है, संयुक्त राज्य में प्रजननरत सूअरों में से लगभग आधे सूअर वायरस के संपर्क में आ चुके हैं. [53] अन्य देशों में सूअरों में वायरस के प्रतिरक्षी भी आम हैं. [53]


संचरण का मुख्य मार्ग है संक्रमित और असंक्रमित पशुओं के बीच प्रत्यक्ष संपर्क. [16] ये निकट संपर्क विशेषकर पशु परिवहन के दौरान आम हैं. गहन फार्मिंग भी संचरण के खतरे को बढ़ती है, क्योंकि सूअरों को एक दूसरे के बहुत पास रखा जाता है. [54] [55] वायरस का प्रत्यक्ष स्थानान्तरण संभवतया या तो नाक को छूने से या शुष्क श्लेष्म के माध्यम से होता है.

खांसते और छींकते हुए सूअरों से उत्पन्न एरोसोल्स के माध्यम से वायु के द्वारा संचरण भी संक्रमण का मुख्य तरीका है. [16] यह वायरस आमतौर पर जल्दी ही एक झुंड में फ़ैल जाता है, और कुछ ही दिनों में सभी सूअरों को संक्रमित कर देता है. [1] संचरण जंगली जानवरों जैसे जंगली सूअर के माध्यम से भी हो सकता है, जो फार्मों में रोग को फैला सकते हैं. [56]


मनुष्य में संचरण

वे लोग जो मुर्गियों और सूअरों के साथ काम करते हैं, विशेष रूप से जो इनके बहुत अधिक संपर्क में रहते हैं, उनमें इन जानवरों में पाए जाने वाले स्थानिक इन्फ्लुएंजा वायरस के पशुजन्य संक्रमण का उच्च जोखिम होता है, और इस रोग को फैलाने में उन मानव पोषियों का भी योगदान होता है जिनमें पशुजन्य संक्रमण और पुनः संकलन एक साथ होते हैं. [57] इसीलिए इन कर्मचारियों में इन्फ्लुएंजा के लिए टीकाकरण करना और नए इन्फ्लुएंजा के स्ट्रेन पर निगरानी रखना सार्वजानिक स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है. [58] सूअरों के साथ काम करने वाले लोगों में सूअरों से इन्फ्लुएंजा का संचरण एक छोटे निगरानी अध्ययन में दर्ज किया गया जो इओवा विश्वविद्यालय में 2004 में किया गया था. [59] दूसरों के बीच यह अध्ययन इस सलाह को आधार देता है कि मुर्गियों और सूअरों के साथ काम करने वाले लोगों की विशेष रूप से सार्वजानिक स्वास्थ्य निगरानी की जानी चाहिए. [57] अन्य पेशे जिनमें संक्रमण का विशेष जोखिम होता है, वे हैं जानवरों के डॉक्टर और मांस प्रसंस्करण कर्मचारी, हालांकि इन दोनों समूहों के लिए संक्रमण का जोखिम फार्म के कर्मचारियों से कम होता है. [60]


सूअरों में एवियन H5N1 के साथ अंतर्क्रिया

सूअर असामान्य हैं क्योंकि वे इन्फ्लुएंजा के उन स्ट्रेनों से भी संक्रमित हो सकते हैं, जो आम तौर पर तीन अलग अलग प्रजातियों को संक्रमित करते हैं: सूअर, पक्षी और मानव. [61] यह सूअरों को पोषी बनाता है जहां वायरस जीनों का विनिमय करके नए और खतरनाक स्ट्रेन बनाते हैं, [61] एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस चीन में H3N2 सुअर में स्थानिक हैं, और ये वियतनाम के सूअरों में भी पाए गए हैं, जिससे नए विभेदक स्ट्रेनों की उत्पत्ति का ख़तरा बढ़ गया है. [62] प्रतिजनिक शिफ्ट के द्वारा H2N2 से विकसित H3N2. [63] अगस्त 2004 में, चीन में शोधकर्ताओं ने सूअरों में H5N1 को पाया. [64]

सूअर में स्वाइन फ्लू का मुख्य लक्षण [146]

ये H5N1 संक्रमण काफी आम हो सकता है: पश्चिमी जावा के पोल्ट्री फार्म में, जहां एवियन फ्लू का प्रकोप हो चुका था, वहां पर रखे गए 10 स्वस्थ दिखने वाले सूअरों में किये गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि इनमें से पांच सूअरों में H5N1 वायरस था.

इन्डोनेशियाई सरकार ने भी समान क्षेत्रों में समान प्रकार के परिणाम प्राप्त किये हैं. क्षेत्र के बाहर 150 सूअरों के अतिरिक्त परीक्षण नकारात्मक रहे थे. [65] [66]


संकेत और लक्षण

सूअर में

सूअरों में इन्फ्लूएंजा संक्रमण बुखार, सुस्ती, छीकें, खांसी, सांस लेने में कठिनाई, और भूख में कमी जैसे लक्षण पैदा करता है. [16] कुछ मामलों में संक्रमण से गर्भपात हो सकता है. हालांकि मृत्यु दर आम तौर पर कम होती है (लगभग 1-4%), [1] वायरस के कारण वजन में कमी और विकास में रूकावट आ सकती है, जिससे किसानों को नुकसान पहुंचता है. [16] संक्रमित सूअर 3 से 4 सप्ताह की अवधि में अपने शरीर के वजन का 12 पाउंड से अधिक खो सकते हैं. [16]


मानव में

[157]मानव में स्वाइन फ्लू के मुख्य लक्षण


एक स्वाइन फ्लू वायरस का सूअर से सीधे मानव में संचरण कभी कभी ही संभव होता है (यह पशुजन्य स्वाइन फ्लू कहलाता है) कुल मिलाकर, 1958 में चिकित्सा साहित्य में दी गयी पहली रिपोर्ट से लेकर ऐसे 50 मामले ज्ञात हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप कुल 6 मौतें हुई हैं. [67] इन 6 लोगों में से, एक गर्भवती महिला थी, एक रक्त कैंसर का मरीज, एक को होजकिन का रोग था, और दो स्वस्थ थे. [67] इन कम संख्या के संक्रमणों के बावजूद, संक्रमण की वास्तविक दर उच्च हो सकती है, चूंकि अधिकांश मामलों में बहुत हल्का रोग हो सकता है, और शायद इसका निदान कभी नहीं किया जायेगा या इसे कभी भी दर्ज नहीं किया जायेगा. [67] [[File:Video xo.ogvIMAGE_OPTIONSIn this video, Dr. Joe Bresee, with CDC's Influenza Division, describes the symptoms of swine flu and warning signs to look for that indicate the need for urgent medical attention. HTML_EMPTY_TAG See also: See this video with subtitles on YouTube [ ]]


रोग नियंत्रण और रोकथाम केन्द्रों (सीडीसी) के अनुसार, मानव में 2009 "स्वाइन फ्लू" H1N1 वायरस के लक्षण इन्फ्लुएंजा के समान हैं या सामान्य रूप से इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के समान हैं. इन लक्षणों में शामिल हैं, बुखार, खाँसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, सिरदर्द, ठंड लगना और थकान.2009 के प्रकोप के दौरान रोगियों में दस्त और उल्टी की शिकायत में वृद्धि दर्ज की गयी. [68] 2009 H1N1 वायरस पशुजन्य स्वाइन फ्लू नहीं है, क्योंकि यह सूअरों से मानव में संचरित नहीं होता है, बल्कि मानव से मानव में संचरित होता है.



क्योंकि ये लक्षण स्वाइन फ्लू के विशेष लक्षण नहीं हैं, संभावित स्वाइन फ्लू के एक विभेदन निदान के लिए न केवल लक्षणों की जरुरत होती है बल्कि व्यक्ति के हाल ही के इतिहास के कारण स्वाइन फ्लू की उच्च सम्भावना भी होनी चाहिए. उदाहरण के लिए, संयुक्त राज्य में 2009 के सूअर फ्लू के प्रकोप के दौरान, CDC ने चिकित्सकों को सलाह दी "तीव्र ज्वर सांस की बीमारी के मरीजों के विभेदक निदान में स्वाइन इन्फ्लुएंजा के संक्रमण पर विचार किया जाना चाहिए, यदि ये मरीज स्वाइन फ्लू के निश्चित मरीजों के संपर्क में रहें हैं या वे संयुक्त राज्य के उन राज्यों में से किसी एक में थे जिनमें स्वाइन फ्लू के मामले दर्ज किये गये या अपनी बीमारी के शुरू होने के पहले के 7 दिनों के दौरान वे मैक्सिकों में थे." [69] निश्चित (जिसकी पुष्टि हो गयी है) स्वाइन फ्लू के एक निदान के लिए एक सांस के नमूने के प्रयोगशाला परीक्षण की आवश्यकता होती है (नाक या गले से लिया गया एक नमूना ).[69]


रोकथाम

स्वाइन इन्फ्लूएंजा की रोकथाम के तीन घटक हैं: सूअर में रोकथाम, मनुष्य में संचरण की रोकथाम, और मनुष्यों के बीच इसके प्रसार की रोकथाम.


सूअर में रोकथाम

सूअरों में इन्फ्लूएंजा के प्रसार को रोकने के तरीकों में शामिल हैं सुविधा प्रबंधन, झुंड प्रबंधन, और टीकाकरण.क्योंकि स्वाइन फ्लू से सम्बंधित अधिकांश बीमारी और मृत्यु का कारण अन्य रोगजनक का द्वितीयक संक्रमण होता है, नियंत्रण रणनीतियां जो टीकाकरण पर निर्भर होती हैं वे अपर्याप्त होती हैं.


हाल के दशकों में टीकाकरण के द्वारा स्वाइन फ्लू का नियंत्रण अधिक कठिन हो गया है, क्योंकि वायरस के विकास के परिणामस्वरूप पारंपरिक वैक्सिनें के लिए असंगत प्रतिक्रियाएं मिल रहीं हैं. मानक वाणिज्यिक स्वाइन फ्लू के टीके संक्रमण के नियंत्रण में तब प्रभावी होते हैं जब वायरस स्ट्रेन महत्वपूर्ण पार सरंक्षण के लिए पर्याप्त मिलान खाता है, और अधिक जटिल मामलों में विशिष्ट पृथक्कृत वायरस से बनाई गयी कस्टम (समजीनी) वैक्सीन का निर्माण और प्रयोग किया जाता है. [70] [71] सूअरों के फार्म में SIV के नियंत्रण और रोकथाम के लिए वर्तमान टीकाकरण रणनीतियों में आम तौर पर उन कई द्विसंयोजी SIV वैक्सिनों में से एक का प्रयोग शामिल है जो संयुक्त राज्य में वाणिज्यिक रूप से उपलब्ध हैं.

97 के हाल ही के H3N2 पृथक्करण की जांच की गयी है, केवल 41 पृथक्कृत ऐसे हैं जिनमें तीन वाणिज्यिक SIV वैक्सीनों के लिए प्रतिसीरम के साथ प्रबल सिरोलिजिक क्रोस अभिक्रियाएँ होती हैं.

चूंकि इन्फ्लुएंजा वैक्सीन की सुरक्षात्मक क्षमता प्राथमिक रूप से वैक्सीन वायरस और एपिडेमिक वायरस के बीच मिलान की निकटता पर निर्भर करती है, गैर अभिक्रियाशील H3N2 SIV उपभेद की उपस्थिति बताती है कि वर्तमान वाणिज्यिक वैक्सीन अधिकांश H3N2 वायरसों के संक्रमण से, सूअरों को प्रभावी सुरक्षा प्रदान नहीं करती है. [72] [73] संयुक्त राज्य कृषि विभाग के शोधकर्ताओं का कहना है कि सुअर का टीकाकरण उसे बीमार होने से बचाता है, यह संक्रमण को नहीं रोकता या न ही वायरस को हटाने में मदद करता है. [74]


सुविधा प्रबंधन में, वातावरण में वायरस को नियंत्रित करने के लिए जीवाणु रोधक और परिवेश के तापमान का उपयोग शामिल है. यह वायरस ठंडी परिस्थितियों (लेकिन जमने के तापमान से ऊपर) के अलावा जीवित कोशिकाओं के बाहर दो सप्ताह से ज्यादा जीवित नहीं रह सकता है, और यह तत्काल जीवाणु रोधकों के द्वारा निष्क्रिय हो जाता है. [1] झुंड प्रबंधन में शामिल है इन्फ्लुएंजा से पीड़ित सूअरों को ऐसे समूह में न ले जाना, जो अभी तक वायरस के संपर्क में नहीं आया है.

वायरस स्वस्थ वाहक सूअर में 3 माह तक जीवित रहता है और उसे प्रकोप के बीच उनसे बरामद किया जा सकता है. 

वाहक सुअ़र आम तौर पर असंक्रमित झुंडों और देशों में SIV पहुंचाने के लिए उत्तरदायी होते हैं. इसलिए नए पशु को उनके साथ से बचाना चाहिए. [53] एक प्रकोप के बाद, पीड़ित सूअरों की प्रतिरक्षा ख़त्म हो जाती है, समान स्ट्रेन के नए प्रकोप हो सकते हैं. [1]


मानव में रोकथाम

सूअर से मानव में संचरण की रोकथाम

सुअर इन्फ्लूएंजा के मानव और एवियन दोनों प्रकार के स्ट्रेनों के द्वारा संक्रमित हो सकता है, और इसलिए जिस परपोषी में प्रतिजनिक शिफ्ट हो सकता है वह नए इन्फ्लुएंजा स्ट्रेन का निर्माण करता है.


ऐसा माना जाता है कि सूअर से मानव में संचरण सूअरों के फार्मों में होता है जहां किसान सूअरों के निकट संपर्क में रहते हैं.

हालांकि स्वाइन इन्फ्लुएंजा के स्ट्रेन आम तौर पर मानव को संक्रमित करने में सक्षम नहीं होते हैं, ऐसा कभी कभी हो सकता है, इसलिए संक्रमित पशुओं के साथ काम करने वाले किसानों और पशुओं के डॉक्टरों को चेहरे के मुखौटे को काम में लेने की सलाह दी जाती है.  

संक्रमण को रोकने के लिए सूअर पर टीके का प्रयोग, सूअर से मनुष्य में संचरण को रोकने की एक मुख्य विधि है. जोखिम कारक जो सूअर से मानव में संचरण में योगदान देते हैं, वे हैं, बीमार जानवरों के साथ काम करते समय दस्ताने नहीं पहनना और धुम्रपान करना. [75]


मानव से मानव को संचरण की रोकथाम

मानव से मानव में संक्रमण छींकने और खांसने के दौरान फैलता है, और साथ ही यदि कोई वायरस से संक्रमित वस्तु को छू लेने के बाद अपने नाक या मुहं को छू ले तो भी संक्रमित हो जाता है. [76] स्वाइन फ्लू सूअर के मांस (पार्क) के उत्पादों से नहीं फ़ैल सकता है, चूंकि वायरस भोजन के माध्यम से संचरित नहीं होता है. [76] मानव में स्वाइन फ्लू बीमारी के पहले पांच दिनों में सबसे ज्यादा संक्रामक होता है, यद्यपि कुछ लोग, आम तौर बार बच्चे दस दिन तक संक्रामक रह सकते हैं. निदान एक नमूने को भेज कर किया जा सकता है, जिसे विश्लेषण के लिए पहले पांच दिनों के दौरान संग्रहित किया जाता है. [77]


मनुष्यों के बीच में इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सलाह दी जाती है कि इन्फ्लुएंजा के खिलाफ मानक संक्रमण नियंत्रण का उपयोग किया जाये. इसके लिए बार बार साबुन और पानी से या किसी एल्कोहल युक्त जीवाणु रोधक पदार्थ से हाथ धोने चाहिए, विशेष रूप से किसी सार्वजनिक स्थान से आने के बाद. [78] घर में असंक्रामक का उपयोग करके भी संचरण की सम्भावना को कम किया जा सकता है, इसके लिए एक तरल क्लोरीन ब्लीच विलयन का प्रयोग किया जा सकता है. [79] यद्यपि वर्तमान त्रिसंयोजी इन्फ्लुएंजा वैक्सीन संभवतया नए 2009 H1N1 स्ट्रेन के लिए सुरक्षा प्रदान नहीं करती है. [80] नए स्ट्रेन के लिए वैक्सीनों का विकास किया जा रहा है और यह जून 2009 तक तैयार हो जायेगी. [81]


विशेषज्ञों की राय है कि हाथ धोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम में मददगार हो सकता है, इस संक्रमण में सामान्य इन्फ्लुएंजा और स्वाइन फ्लू का वायरस शामिल हैं. इन्फ्ल्यूएंजा खांसने या छींकने से फ़ैल सकता है, इस बात के प्रमाण भी मिले हैं कि वायरस की छोटी बूंदें मेज, टेलीफोन या अन्य सतहों पर पाए जा सकती हैं, और ये उंगलियों से होते हुए मुहं, नाक या आँख तक पहुँच जाती हैं.

हाथ धोने वाले एल्कोहल आधारित जेल या फोम हाथ वायरस और जीवाणुओं को नष्ट करने के लिए बेहतर हैं. किसी को भी अगर फ्लू जैसे लक्षण महसूस हों जैसे अचानक बुखार, खांसी या पेशियों में दर्द, तो उसे अपने काम और सार्वजनिक परिवहन से दूर रहना चाहिए और तुंरत एक डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. 


सामाजिक दूरी एक और तरीका है. इसका अर्थ है अन्य लोगों से दूर रहन जिन्हें संक्रमण हो सकता है, ज्यादा भीड़ भरे स्थानों से बचना, काम के लिए बाहर न जाना, और घर पर ही रहना यदि संक्रमण सामुदायिक रूप से फ़ैल रहा हो.

सार्वजनिक स्वास्थ्य और अन्य उत्तरदायी प्राधिकरणों के पास कार्रवाही की योजनायें हैं जो प्रकोप की गंभीरता के आधार पर सामाजिक दूरी बनाये रखने का निवेदन करती हैं.



उपचार

सूअर में

जैसा कि सूअर इन्फ्लूएंजा शायद ही कभी सूअरों के लिए घातक है, थोडा सा उपचार और सहायक देखभाल की जरुरत होती है. [53] इसके बजाय पशु उपचार के प्रयास एक फार्म में या एक से दूसरे फार्म में वायरस के प्रसार की रोकथाम पर ध्यान केन्द्रित करते हैं. [16] टीकाकरण और पशु प्रबंधन तकनीकें इन प्रयासों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण हैं. रोग के उपचार के लिए प्रतिजैविक दवाओं का उपयोग भी किया जाता है, हालाँकि उनका इन्फ्लुएंजा वायरस के खिलाफ कोई प्रभाव नहीं होता है, लेकिन वे जीवाणविक न्युमोनिया को रोकने में और इन्फ्लुएंजा के कारण कमजोर हो गए समूह में किसी द्वितीयक संक्रमण की रोकथाम में मदद करते हैं. [53]


मानव में

यदि एक व्यक्ति सूअर फ्लू से बीमार हो जाता है, एंटी वायरल दवाएं बीमारी को थोडा हल्का कर देती हैं, और रोगी अपेक्षाकृत जल्दी बेहतर महसूस करता है. वे फ्लू की गंभीर जटिलताओं की रोकथाम भी कर सकती हैं. उपचार के लिए एंटीवायरल दवाएं सबसे अच्छी तरह से काम करती हैं, यदि बीमार होने के तुंरत बाद उन्हें शुरू कर दिया जाये (लक्षण प्रकट होने के दो दिन के भीतर).

एंटी वायरल दवाओं के अलावा, घर पर या अस्पताल में प्रशामक देखभाल की जरुरत होती है, जिसमें बुखार को नियंत्रित करने और तरल के संतुलन को बनाए रखने पर जोर दिया जाता है. रोग नियंत्रण और रोकथाम के लिए अमेरिकी केंद्र स्वाइन इन्फ्लुएंजा के संक्रमण के उपचार और/या रोकथाम के लिए तामीफ्लू (ओसेल्तामिविर) या रिलेंज़ा (ज़नामिविर) के उपयोग की सलाह देता है; हालाँकि, वायरस से संक्रमित अधिकांश लोग बिना किसी चिकित्सकीय सहायता या एंटी वायरस दवाओं के ही पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं. [82] 2009 के प्रकोप से पृथक्कृत वायरस एमेन्तादाइन और रिमनतादाइन दवाओं के लिए प्रतिरोधी पाया गया है. [83]


अमेरिका में, 27 अप्रैल, 2009 को फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने स्वाइन इन्फ्लुएंजा के इलाज के लिए उपलब्ध रिलेंजा और तामीफ्लू एंटीवायरल दवाओं के आपातकालीन उपयोग को स्वीकृति दे दी जिन मामलों में वे वर्तमान में मान्य नहीं हैं. i

इस एजेंसी ने वर्तमान अनुमोदन की तुलना में छोटे रोगियों के इलाज के लिए इन EUAs को जारी किया और दवाओं के व्यापक वितरण की अनुमति दी, इनमें लाइसेंस रहित स्वयंसेवी शामिल थे. [84]


यह भी देखें


नोट्स

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