छींट

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छीट से बना जैकेट और नेकरचीफ ; इसके साथ चमकीले प्रिन्ट वाला सूती पेटीकोट (1770–1800)
छींट का एक टुकड़ा (लगभग १७५० ई)

छींट (Chintz) मूलतः भारत में निर्मित सूती वस्त्र थे जिसे हजारों वर्ष पहले से भारत में बनाया जा रहा है। सदियों सदियों तक भारत की छींट दुनिया भर में प्रसिद्ध रही। यह लोकसंस्‍कृति व लोकजीवन का पर्याय रहा था।

आवश्यक नहीं कि यह चमकीला या फूल-पत्तेदार प्रिंट वाला कपड़ा हो, जैसा कि अधिकांश लोग सोचते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो छींट सूती कपड़ा होता है, जिस पर रंगबंधकों (मोर्डेंट और रेसिस्ट) का इस्तेमाल किया जाता है। ताकि कपड़े का रंग पक्का रहे।

समय के साथ, छींट (चिंट्ज़) शब्द का उपयोग कई तरह के कपड़ों के लिए किया जाने लगा। १८वीं सदी में अंग्रेजी बोलने वाले लोग इसका इस्तेमाल कारखानों में तैयार होने वाले प्रिंटेड सूती कपड़ों के लिए करने लगे। १९वीं सदी में फूल-पत्तेदार डिजाइन और चमक वाले कपड़ों को चिंट्ज़ कहा जाने लगा। रॉयल ऑन्टोरियो म्यूजियम की क्यूरेटर अलेंक्जांड्रा पामर का कहना है कि "महंगे भारतीय चिंट्ज़ चमकदार होते थे, उनमें एक कड़क अहसास होता था।"[1]

सन्दर्भ[संपादित करें]