हृद्धमनी घनास्रता

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हृद्धमनी घनास्रता (Coronary thrombosis) उस अवस्था को कहते हैं जब हृदय की रक्त वाहिकाओं में रक्त के थक्के जमने लगते हैं। रक्त के थक्के जमने से हृदय में रक्त प्रवाह प्रतिरोधित हो सकता है जिससे हृदय के ऊतक क्षतिग्रस्थ हो सकते हैं अथवा हृदयाघात हो सकता है।[1]

हृद्धमनी घनास्रता सामान्यतः कोलेस्टेरॉल के बढ़ने और धमनियों में वसा के जमने से होता है। रक्तवाहक नलिकाओं का व्यास कम हो जाने से वो कम रक्त प्रवाह कर पाती हैं जो तीव्र रोधगलन में परिणत होता है। इस समस्या के मुख्य कारकों में निम्न घनत्व कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान, अक्रियाशील जीवन-शैली और उच्च रक्तचाप हैं।[2]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. क्लट्ट एमडी, एडवर्ड सी॰. "Atherosclerosis". स्पेंसर एस एक्कलेस हेल्थ साइंस लाइब्रेरी. यूटा विश्वविद्यालय. अभिगमन तिथि 30 जनवरी 2024.
  2. "Heart Attack | National Heart, Lung, and Blood Institute (NHLBI)". www.nhlbi.nih.gov. अभिगमन तिथि 2024-01-30.