सात होशियार

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सम्राट पोंटियनुस, उनके पुत्र डायोक्लेटियन और सात होशियार

सात होशियार (जिसे सात ऋषि या सात बुद्धिमान पुरुष भी कहा जाता है) संस्कृत, फ़ारसी या हिब्रू मूल की कहानियों का एक घटनाचक्र है।

कथानक[संपादित करें]

सुल्तान अपने युवा राजकुमार को सात बुद्धिमान मास्टर के साथ उनकी सात कलाओं की शिक्षा अर्जित करने के लिए दरबार से दूर भेजता है। दरबार में वापस लौटकर आने पर उसकी सौतेली माँ, महारानी उसे बहकाने का प्रयास करती है। विपत्ति को दूर करने के लिए सात होशियारों के नायक सिंदीबाद के कहने पर राजकुमार एक सप्ताह के मौन के लिए प्रतिबद्ध होता है। इस दौरान महारानी अपने पति से उसकी शिकायत करती है। वह सात कहानियाँ पूरी करके महाराज को मार देना चाहती है; लेकिन उसकी कहानियाँ नायक सिंदीबाद सहित सात होशियारों द्वारा भ्रामक बना दी जाती हैं। अंततः राजकुमार के होंठ खुल जाते हैं, सच्चाई उजागर हो जाती है और दुष्ट महारानी को मार डाला जाता है।

इतिहास[संपादित करें]

सैकड़ों जीवंत यूरोपीय ग्रंथ विदित हैं।[1] आमतौर पर इनमें पंद्रह कहानियाँ होती हैं, प्रत्येक ऋषि संबंधी एक, सौतेली माँ संबंधी सात तथा राजकुमार से संबंधित एक कहानी; हालाँकि इनकी संरचना को संरक्षित किया गया है। पूर्वी संस्करण में मात्र चार सबसे सामान्य यूरोपीय कहानियाँ पाई गई हैं।[2]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. Laura A. Hibbard, Medieval Romance in England. p. 174. New York: Burt Franklin. 1963.
  2. Laura A. Hibbard, Medieval Romance in England. p. 175 New York: Burt Franklin. 1963