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सैली जोसफ[संपादित करें]

Indian Volleyball Player Sally Joseph

सैली जोसफ की अंतराष्ट्रीय प्रदर्शन[संपादित करें]

मेक्सिको वर्ल्ड कप में सैली के टीम ने ११ स्थान पर पहुँचा | भारतीय वॉलीबॉल इतिहास में यह टीम ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया |दुसरे टीमों को तोड़ने वाली सैली अपने प्रशंसकों के दिलो में अभी भी है |सैली वॉलीबॉल कोर्ट के प्रकाश थी | उनके प्रदर्शन दुसरे वॉलीबॉल खिलाडियों को आकर्षित कर देती थी | सैली जोसेफ, जिन्होंने कुछ समय के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वॉलीबॉल में एक अद्भुत प्रदर्शन किया, उन्हें महिलाओं के जिम्मी जॉर्ज कहा जाता था।वॉलीबॉल कोर्ट में इसका प्रदर्शन बहुत ही मज़बूत और सुंदर थी।

जीवनी और उप्लभ्धिया[संपादित करें]

अर्जुन पुरस्कार विजयति सैली जोसेफ एनजीओ क्वार्टर, केलिकट के पास रानी पार्क गाँव में परिवार के साथ व्यस्त रही है| सैली पूरे  ११ वर्षों में तीन बार भारतीय वॉलीबॉल टीम के कैप्टेन थी | सैली ने १९८१ वॉलीबॉल विश्व कप में भारत के लिए अपना विश्व रिकॉर्ड अर्जित किया, जिसमें यू.एस.एस.आर और अन्य बड़ी टीमें भी शामिल थीं। मैक्सिकन समाचार पत्रों ने उनके प्रदर्शन के बारे में विशेष खबर दी थी |वह केलिकट जिले में रहने वाले जोसफ और ट्रेसिकुट्टी की पुत्री है। सैली को अपने हाई स्कूल दिनों  में ही एथलेटिक्स के लिए बहुत तात्पर्य थी | उनकी पहले प्रशिक्षण द्वारा तीन किलोमीटर्स हर दिन स्कूल में जाने की थी |

"थ्रो" और "जम्प" में उसने पहले जिला और राज्य स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया | पूर्व-स्नातक अध्ययन के लिए केलिकट प्रोविडेंस कॉलेज में वॉलीबॉल सक्रिय हो गया। इसने १९७६ - ७७ वॉलीबॉल खेलों में उल्लेखनीय प्रदर्शन दिखाया। १९७९ में, भारत में वॉलीबॉल खेलने वाली पहली महिला थी। सैली प्रोविडेंस कॉलेज, केलिकट में दूसरे वर्ष के स्नातक छात्र थे। १९७९ में, भारतीय टीम ने सैली को हॉंगकॉंग में एशियाई चैम्पियनशिप में पाँचवी स्थान पर रखा।१९८४ में सैली को जीवी राजा पुरस्कार और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था | १९८७ में उसने वॉलीबॉल छोड़ दिया और सिंडिकेट बैंक में काम करना शुरू किया |


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  1. deshabhimani http://www.deshabhimani.com/women/sally-joseph/648882. गायब अथवा खाली |title= (मदद)