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हड्डियों के विशेष कार्बनिक रस[संपादित करें]

हड्डियों की बनावट[संपादित करें]

हड्डियाँ अस्थिकल्पों,कोशिकाओं तथा चूने के लवणों से बनती हैं ‍। अस्थिकल्प जैविक तत्व है जिसमें चूने के लवण जमा होते हैं। य़ह हङ्ङियों को लचीला बनाते हैं जबकि खनिज पदाथों को कठोर बनाते हैं। ९०% संयोजक अस्थिकल्प तीन रेशेदार वसाओं की श्रृंखलाओं से बनती हैं। एक श्रृंखला में करीब करीब १००० एमिनो रसायन होते हैं। तीनों श्रृंखलाएँ आपस में इस प्रकार गुथीं हुईं होती हैं जिससे वे छड़ीनुमा दिखाई देती हैं। अस्थि बनाने वाली कोशिकाएं अस्थिकोशिकाप्रस प्रोकोलेजेन उत्पन्न करती हैं। और इसी से कोलेजेन बनता है। १०% अस्थिकल्प ग्लाएकोप्रोटीन्स, म्युकोपोलिसेकरादड्स, एवं ओस्टीयोकैलसिन से बना होता हैं। ओस्टीयोकैलसिन ४९ एमिनो रसायनों से बनता हैं और उस्का आकार गोलाकार होता हैं।

हड्डियों की संरच्ना[संपादित करें]

ओस्टीयोकैलसिन के संश्लेषण के लिये, "विटामिन के" की आवश्यकता होती हैं। खटीकरण अगला कार्य होता हैं जिसमैं "हाईड्रोक्सिपटाईट" जो एक मुख्य चुना लवण, वह कोलेजेन के मध्य में और माईक्रोफ़ाइब्रिल्स के भीतर जमा होता हैं । खटीकरण अस्थिकोरक नामक कोशिकाओं द्वारा किया जाता है। अस्थिकोशिकाप्रस हड्डी की सतह से उत्पन्न होता है। कोलेजन को संश्लेषित करने के अलावा अस्थिकोशिकाप्रस कोशिकाएं, चूना लवण को स्रावित करती हैं जब तक इस लवण की एकाग्रता उसकी घुलनशीलता से अधिक न हो जाए तब तक। कार्बनिक रस रासायनिक, एवं अपोषक तत्व हैं जो अंतर- कोशिकाओं पर अपना कार्य करता हैं। एक कार्बनिक रस, बहुत ही छोटी मात्रा मे ही कारगर होता है। हार्मोन की विविध संरचना होती है और वे काम करने के विभिन्न तरीकों को दिखाते हैं। पैराथोर्मोन पैराथाईरोइदड ग्रंथि द्वारा स्रावित होता है। यह एक ८४ एमिनो एसिड प्रोटीन है। लेकिन जैविक गतिविधियों के लिए केवल पहले ३४ आवश्यक हैं। पैराथीरॉयड ग्रंथि में "चीफ़ कोशिकाएं पीटीएच का स्राव करतीं हैं। कैल्सीटोनिन ३२ एमिनो एसिड पेप्टाइड है। यह हार्मोन थायराइड ग्रंथि से स्रावित होता है। इन कोशिकाओं को पैराफोलिकुलर कोशिका कहा जाता है, ये थायराइड पुटिकाओं में संग्रहीत पाईं जातीं हैं।

हड्डियाँ और विटामिन डी[संपादित करें]

विटामिन डी के सक्रिय रूप को १,२५-डाएहाएड्रोक्सीकोलकैल्सीफेरोल बुलाया जाता है। और यह ३ अलग ऊतकों और बिना एंजाइमेटिक चरण से में संश्लेषित होता हैं। एर्गोस्टिरोल, पाचन तंत्र से अवशोषित होने के बाद, त्वचा तक् यात्रा करता है। परा-बैंगनी विकिरण द्वारा इस यौगिक को क्रियाशील बना देता है, और इसी कारण येह कलह हो जाता है। आणविक पुनर्व्यवस्थापन के बाद येह यकृत तक पहुचता है। इस पदार्थ मे फिर, पच्छीस्वी कार्बन एटम पर एक "हाईड्रोक्सिल" जोड़ा जाता है। अंत में यह गुर्दे में स्थानांतरित कर दिया जाता है। गुर्दे में, पहला कार्बन या २४वां कार्बन हाइड्रोक्साइलेटेड होता है। १,२५-डीएचसीसी सक्रिय घटक है जबकि २४,२५-डीएचसीसी सक्रिय रूप से १,२५-डीएचसीसी के प्रभाव का विरोध करता है। हाइड्रोक्साइलेशन विनियमित है।

औद्योगिक क्रांति के दौरान बच्चों में रिकेट्स की घटनाएं इस कारण थी क्योंकि बच्चे ज़्यादातर कारखानों में अपना समय बिताया करते। सूर्य के अपर्याप्त प्रकाश के कारण १,२५-डीएचसीसी का संश्लेषण बाधित होता है। इससे कैल्शियम का अवशोषण बिगड़ता है और तेजी से बढ़ती हुई हड्डियां नरम हो जाती हैं। कैल्शियम चयापचय मुख्य रूप से ३ हार्मोन द्वारा नियंत्रित होता है: पीटीएच, सीटी और विटामिन डी।

पैराथायराइड हार्मोन (पी टी एच)[संपादित करें]

पैराथायराइड हार्मोन एक पॉलीपेप्टाइड है और पैराथाइराइड ग्रंथि द्वरा संश्लेषित किया जाता है। इस कार्बनिक रस का स्राव तंत्र एक्सोसाइटोसिस के माध्यम से होता है। पैराथाइराइड हार्मोन हड्डियों, गुर्दे और छोटी आंत को प्रभावित करता है। जब एक इंसान के शरीर में, रक्त संचार में कैल्सियम की कमी हो जाति हैं, तब पी टी एच एक अप्रत्यक्ष प्रक्रिया के माध्यम से कैल्शियम की रिहाई को उत्तेजित करता हैं, ऑस्टियोक्लास्ट कोशिकाओं के मद्द से। ओस्टियोक्लास्ट्स में हाइड्रोक्सीपाटाइट और अन्य कार्बनिक पदार्थों को विघटित करके और नष्ट करके, रक्त में कैल्शियम को उन्मुक्त करता है।

गुर्दे में, पी टी एच फॉस्फेट आयनों के उत्सर्जन को बढ़ावा देकर कैल्सियम आयनों के उत्सर्जन को रोकता है। फॉस्फेट आयनों की कमी से रक्त में अधिक आयनित कैल्शियम होता है। पीटीएच समीपस्थ दृढ़ नलिका में १-α हाईदड्रोक्सिलेस के उत्पादन को उत्तेजित करता है। १-α हाईदड्रोक्सिलेस २५- डाईहाईड्रोक्सिकोलकैल्सीफेरोल को १,२५- डाईहाईड्रोक्सिकोलकैल्सीफेरोल में परिवर्तित करता है,जो विटामिन डी का सक्रिय रूप होता है। छोटी आंत में, विटामिन डी, खाये गये भोजन से कैल्शियम के अवशोषण की सुविधा प्रदान करता है।

कैल्सिटोनिन ( सी टी)[संपादित करें]

कैल्सीटोनिन एक 32 एमिनो एसिड हार्मोन है जो थायरॉयड ग्रंथि के सी-कोशिकाओं द्वारा स्रावित होता है। यह कार्बनिक रस तब ही बनता है जब कैल्सियम की मात्रा रक्त में अधिक हो जाती हैं। कैल्सीटोनिन हाइपरलकसीमिया के विकास से बचाता है। हाइपरलकसीमिया के उपचार में सीटी की प्रभावशीलता को ऑस्टियोक्लास्ट गतिविधि को कम करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है। सी टी, हड्डी में कैल्शियम और फॉस्फोरस के जमाव को सुगम बनाता है। हाइपरलकसीमिया के विकास को रोकने के लिए सीटी स्राव और संवर्धित गुर्दे का कैल्शियम उत्सर्जन महत्वपूर्ण होती है। यह मूत्र में कैल्शियम के उत्सर्जन की मात्रा को बढ़ाता है। हार्मोन छोटी आंत से कैल्शियम के अवशोषण को भी रोकता है।

सदंर्भ निर्देश[संपादित करें]

साँचा:Https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK499940/

साँचा:Https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4370311/