सदस्य:Hiral1830770

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Hiral1830770
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नाम हिरल ठक्कर
लिंग मादा
जन्म तिथि सितंबर २३,२०००
जन्म स्थान बड़ौदा, गुजरात
देश साँचा:Country data भारात
नागरिकता भारतीय
जातियता गुजराती
शिक्षा तथा पेशा
शिक्षा ब.ए, च्राइस्ट उनिवरसिटी
विश्वविद्यालय च्राइस्ट उनिवरसिटी, बेंगलुरु
उच्च माध्यामिक विद्यालय ग्न्यान धाम स्कूल, वापी
शौक, पसंद, और आस्था
शौक पढ़ना, गायन, लेखन
सम्पर्क विवरण
ईमेल hiral00831@gmail.com



प्रारम्भिक जीवन[संपादित करें]

मेरा नाम हिरल मनीष ठक्कर है। मेरा जन्म २३ सितम्बर सन २००० में गुजरात के बड़ोदा नामक शहर में हुआ। मैने अप्नी आयू के पेह्ले तीन-चार वर्श यही शहर में बिताए और फिर कुछ समय पुर्न हम वपी नमक शहर में आकर बस गये। मुझे बच्पन से बौद्धिक वातावरन में पाला पोसा गया है, और इसका पूरा श्रेय मेरे मता पिता को जाता है। मैं बचपन में हिमाचल भी घुमने गयी थी।

पारिवारिक माहिती[संपादित करें]

मैं मेरे माता पिता और छोटे भाई के साथ एक एकल परिवार में रहती हूँ। मेरे पिताजी का नाम मनीष ठक्कर और माता का नाम पुनिता ठक्कर है। मेरे पिताजी व्यापार करते है और माताजी गृह निर्माता है। मेरा छोटा भाई जिसका नाम मनन ठक्कर है, आठवीं कक्षा में पढ़ता है। मेरे दादा-दादी भी यही शहर में चाचा-चाची के साथ रहते है। हम हर त्योहार साथ मिलकर मनाते है और खुशियाँ बाँटते है।

प्रारंभिक शिक्षा[संपादित करें]

मैंने अपनी स्कूली शिक्षा वापी में स्थित श्रीमती सान्द्राबेन श्रॉफ ज्ञान धाम स्कूल से प्राप्त की है। सोलह साल की उम्र में मुझे अपने विद्यालय से नियुक्त करके विज्ञान सम्बंधित ग्रीष्म शिविर के लिए अमरीका भेजा गया जो मेरे जीवन का सबसे आनंदमय और जानकारी पूर्ण अनुभव था। मुझे हमेशा से नियमित अध्ययन करने की आदत थी और अतः अपना गृहकार्य समयानुसार पूर्ण करती थी। बचपन से मेरे बहिमुर्खी स्वभाव के कारन मेरे कहीं दोस्त रहे है जिनसे में अभी भी संपर्क रखना पसंद करती हूँ। मुझे बचपन से बहस प्रतियोगिता में भाग लेना खूब लुभाता था। और मैंने अन्य प्रतियोगिताओं में उत्तीर्ण स्थान भी हासिल किया है। मुझे कितबें पढ़ना बहुत अच्छा लगता है। मैंने बारहवीं कक्षा में मानविकी अध्ययन पढ़ कर 97% हासिल किये और मनोविज्ञान में शत प्रतिशत अंक हासिल किये। नेतृत्व में निपुण समझते हुए मुझे ग्यारहवीं कक्षा में ‘हेड गर्ल’ का पद भी सौंपा गया था। मुझे चित्रकारी, उपन्यास पढ़ना तथा कविता लिखना भी बहुत पसंद है।

उच्च शिक्षा[संपादित करें]

बारहवीं कक्षा के बाद मैंने उच्च शिक्षा के लिए बैंगलोर आने का फैसला किया। यहाँ मैंने ‘क्राइस्ट यूनिवर्सिटी’ में दाखिला लिया। यहाँ मैंने अर्थशास्त्र, राजनीतिक विज्ञान और नागरिक शास्त्र पढ़ने का विकल्प किया। कॉलेज में पढ़ने के लिए मुझे अपने परिवार से दूर आकर बैंगलोर में छात्रावास में रहने का निर्णय लेना पड़ा। पहली बार अपने माता पिता से दूर रहकर पढ़ने का अनुभव मेरे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित हुआ। यह अपने साथ ज़िम्मेदारी का एहसास लाया। मेरी कॉलेज मुझे बहुत पसंद है क्योंकि यहाँ देश के विभिन्न शहरों से लोग पढ़ने आते है और हर किसी से वार्तालाप करना अपने आप में एक नवीन अनुभव होता है। कॉलेज में आकर मुझे बाहर की दुनिया में काफी अनावरण मिला जो छोटे शहरों में मुमकिन नहीं। यहाँ सारे अध्यापक और अध्यापिकाएँ बहुत ही सहायक और उदार दिली है। हमारे कॉलेज में तरह-तरह के सांस्कृतिक उत्सवों का आयोजन किया जाता है जिससे अन्य प्रदेशों के लोगों को मिल जुलकर आनंद करने का अवसर प्राप्त होता है। मुझे यह अशा है कि तीन वर्श पुर्न मुझे इस सन्स्था से बहुत सारा अनुभव और अनावरण मिलेगा जो मेरे अन्दर एक संवेदनशील नाग्रिक को जन्म देगा।

जीवन लक्ष्य[संपादित करें]

मैंने यहाँ आकर अपने को अन्य सामाजिक कार्यों में भी व्यस्त किया। एक गैर सरकारी संगठन द्वारा बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाने का भी अवसर मुझे प्राप्त हुआ जो बहुत ही आनंदमय साबित हुआ। भविष्य में भी मैं समाज के हित में कुछ करना चाहती हूँ। अर्थशास्त्र में कुछ सार्वजनिक नीतियों का आविष्कार करके वंचित वर्ग के लोगों की सहायता करना मेरा सपना रहा है। और मुझे यह विश्वास है की मेरा कॉलेज ही मेरे यह सपने को सत्य में बदलने का साधन बनेगा। यह विश्वास और समाज़ में बदलाव लाने की निष्ठा से अभी अप्ने जीवन को विविध रंगों में ढालना मेरा लक्ष्य है।