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                              कोनसटेनियस
कोनसटेनियस

कोनसटेनियस ३०६ से ३३७ ईस्वी के एक रोमन सम्राट था/ उस्का जनम २७ फरवरी को, २८ शायद मे २७२ ईसवी मे हुआ था/ईसाई धर्म ढोंग करने वाला पहले रोमन सम्राट थे वो/वो ब्रिटन को आगे बटाने में भहुत सफल रहा/ वो सेंट कोनसटेनियस और कोनसटेनियस१ के नाम से भी जाना जाता था/लोग उसे बहुत प्रेम करता था/ कोनसटेनिय एक रोमन सेना के एक अधिकारी वलेरियस कोनसटेनियस और उनकी पत्नी हेलेना का बेटा था/ वह हमेशा लाटीन से स्याथा ग्रीक में अपने घर में बात करता था /उनके पिता २९३ ईस्वी में, कैसर, पश्चिम में डिप्टी सम्राट बने थे/

               पूर्व में, जहां वह रैंकों के माध्यम से  सम्राटों डिओक्लेतिअन और गालेरियस के तहत एक सैन्य ट्रिब्यून बनने केलिएस् कोनसटेनियस बहुत प्रायास करता था /इसकेलिए उसेको उनके पिता ने पूर्व भेजा गया था/ ३०५ में, ऑगस्टस के पद कोनसटेनियस  ब्रिटान में अपने पिता के कारेन अभियान के लिए पश्चिम वापस बुलाया गया था क्यों की उसको वरिष्ठ पश्चिमी के सम्राट बनना था /वो अपने पिता के साथ समय बितात था, वो  रोमन सेना में एक अधिकारी था / कोनसटेनियस रोमन सीमाओं-फ्रैंक्स, अलामानी, गोथ पर जनजातियों के खिलाफ सफल अभियान को आगे बढ़ाया, और वो अपना काम में सफल रहा/ यहां तक कि तीसरी शताब्दी के संकट के दौरान अपने प्र्र्ववर्तियों द्वारा परित्यक्त प्रदेशों पुनर्वास हे/३०६ ईस्वी में अपने पिता की मृत्यु के बाद, कोनसटेनियस  सम्राटों के खिलाफ नागरिक युद्ध की एक श्रृंखला में विजयी उभरा/ वो अक्टूबर २९ में  रोम में  प्रवेश किया था /सम्राट के रूप में, वो साम्राज्य को मजबूत बनाने के लिए कई प्रशासनिक, वित्तीय, सामाजिक और सैन्य सुधारों अधिनियमित किया/उनका उम्र रोमन साम्राज्य के इतिहास में एक अलग युग में चिह्नित हे/ वो  ३१३ में मिलान के फतवे, जो साम्राज्य में ईसाई धर्म के लिए सहिष्णुता फैसला सुनाया की घोषणा में एक प्रभावशाली भूमिका निभाई है/ कोनसटेनियस  ने रोमन सीमाओं पर जनजातियों के खिलाफ सफल अभियान को आगे बढ़ाया था /सम्राट के रूप में,  साम्राज्य को मजबूत बनाने के लिए कोनसटेनियस कई प्रशासनिक, वित्तीय, सामाजिक और सैन्य  सुधारों नियमित किया/एक नया सोने का सिक्का, सोलिडस, मुद्रास्फीति का मुकाबला करने के लिए पेश किया गया था/ यह एक हजार से अधिक वर्षों के लिए बीजान्टिन और यूरोपीय मुद्राओं के लिए मानक बन जाएगा/

कोनसटेनियस के उम्र रोमन साम्राज्य के इतिहास में एक अलग युग में चिह्नित किया था/ वो अपने आप के बाद बैइजान्टियम में एक नया शाही निवास बनाया और शहर का नाम बदल के कांस्टेंटिनोपल रखा/यह बाद में एक हजार से अधिक वर्षों के लिए साम्राज्य की राजधानी बन जाए है/उनके शासनकाल के बाद उनकी प्रतिष्ठा अपने बच्चों और सदियों के दौरान निखरा/पवित्र क़ब्र के चर्च, यरूशलेम में यीशु के मकबरे के कथित स्थल पर अपने आदेश पर बनाया गया ईसाई चर्च जगत में सबसे पवित्र जगह बन गई /दोनों मध्ययुगीन पूर्व और पश्चिम में वो एक आदर्श शासक बना,उसने मानक के खिलाफ जो किसी राजा या सम्राट से बेहतर रूप में अपना काम पेश किया गया/उसके सिर सड़कों के माध्यम में प्रदेश किया गया था सभी को देखने के लिए/वो सबी जाहा में अपना नाम कमाया था/कोनसटेनियस को ईसाई धर्म के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान है/पवित्र क़ब्र के वह चर्च,वो जरूशलेम पर अपने आदेश पर बनाया गया वह ईसाई जगत में सबसे पवित्र जगह बन गई/कोनसटेनियस मौत जल्द ही आ जाएग ये उने पता था। पवित्र प्रेरितों के चर्च के भीतर, कोनसटेनियस चुपके से खुद के लिए एक अंतिम विश्राम-जगह तैयार की थी/ जल्द ही ईस्टर ३३७ के पर्व के बाद,कोनसटेनियस गंभीर बीमारी गिर गया /अछरीयोन नामक एक उपनगरीय विला में वो अपना जान छोट दिया/वो रोमे के प्रश्कत शासाको में एक कहै/उनका म्रतयु २२ मेई को हुवा था ओर वो भारत की इतीहास में हमेश रहेंगे/ [1] https://www.britannica.com/biography/Constantine-I-Roman-emperor

  1. https://en.wikipedia.org/wiki/Constantine_the_Great