सदस्य:Anandhikrishna.G.K/प्रयोगपृष्ठ

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==तकनीकी के विकास का परिणाम==

आज के ज़माने में हर एक मनुष्य के जीवन को प्रौग्योगिकी ने किसी न किसी तरह छुआ है । इस तकनीकी का सबसे महत्व पूर्ण पहलु है अंतर्जाल । हालही में मैने एक समाचार पढ़ी, जिससे मुझे लगा कि इसके बारे में लोगों को अवगत कराना बहुत अनिवार्य है। सही तरह के इस्तेमाल न करने से तकनीकी हम पर बहुत भारी पड सकता है, जबकि उचित प्रयोग हमारे पूरे जीवन को बहतर बना सकता है । इस लेख को किसी भी उम्र के लोग पढ़ सकते है और जागरूकता फैला सकते है, ताकि लोगों को तकनीकी से सबसे बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकें। तकनीकी का उत्भव मानवता की शुरुवात से ही हुआ, जब से हमने अपने कामों को आसान बनाना चाहा । आज के ज़माने में अगर रूपए है तो किसी भी अच्छी तकनीकी खरीदकर हम किसी भी काम आसानी से कर सकते है । तकनीकी के कारण दुनिया के सारे कोनों में रहने वाले लोगों से बात करना या रात में काम करना मुमकिन हो गया हैं । तकनीकी ने मानव की जीवन शैली को पूरी तरह से बदलकर जिंदगी को बेहत्तर बनाया है । इस बात का एक उदहारण है सामान खरीदना। पहले हमें दुकान जाकर घर का सामान खरीदना पड़ता था, आज ऑनलाइन में से सामान सस्ते से ख़रीद सकते है और अपने घर में डिलीवरी मिलती है ।

तकनीकी का एक महत्त्वपूर्ण भेंट है अंतरजाल। यह एक मनोरम और सशक्त चीज़ है जिसका कोई सीमा नहीं हैं । इसके ज़रिये हम अपने सोच और विचार को बहुत ही कम समय में सारे दुनिया तक पहुँचा सकते है, लेकिन  ध्यान रखने  की बात  है  कि  एक बार ऐसे किया तो  इसे हम अंतरजाल से कभी निकाल नहीं पाएंगे ।  कुछ लोग इसका  दुरुपयोग करके किसी को भी फ़ँसा सकते  है। ऑनलाइन ख़रीदारी करते समय हमारे अकाउंट की जानकारी भी चुरा सकते है । 

सही तरह इस्तेमाल नहीं करें तो तकनीकी हमारे स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक हो सकता है । आज कल सारे लोग मोबाइल ,लैपटॉप ,टेबलेट में लगे रहते है , लेकिन लोगों को यह बात मालूम नहीं कि इन यंत्रों के स्क्रीन से जो नीली प्रकाश आती है, इसका हमारे शरीर पर बहुत बुरा असर पडता है । इस प्रकाश से हमारे दिमाग में जो नींद लाने की केमिकल, मेलाटोनिन, के प्रभाव को रोकता है । ऐसे होने से हमें नींद नहीं आता है और हमारे शरीर को सही आराम नहीं मिलता है । फेसबुक जैसे सामाजिक जालक्रम ने बाहर के लोगों को बहुत करीब लाकर अपनों को उतना ही दूर कर दिया है । लंबे समय तक ऐसे यंत्रों से लगे रहने से हमारे सामाजिक क्षमताएं नष्ट हो सकता है । अपने अपने मोबाइल में दोस्तों के साथ बात करते है और ग्रुप चाटों में व्यस्त रहते है, और अपने परिवार के बारे में भूल ही जाते है । तकनीकी ने हमारे जीवन पर कई अच्छे बदलाव तो लाया है लेकिन साथ साथ कई बुरे असर भी छोड़ा है । बुज़ुर्ग लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे और उनके बच्चे इन यंत्रों का गुलाम न बने । यंत्रों का उपयोग करें और यंत्रों को हमें उपयोग न करने दे ।

पृष्ठ्भूमि[संपादित करें]

मेरा नाम आनंदीकृष्णा.जी.कि है । मैं केरल में पैदा हुुइ थी । केरल की राजधानी ट्रवांड्रम है । केरल को देवताओं का अपना देश कहा जाता है । महानिआट्टम और कथकली केरल के शास्त्रीय नृत्य रूप हैं । यह अपने हथेली-रेखा वाले समुद्र तटों और बैकवाटर, नहरों का एक नेटवर्क के लिए जाना जाता है।

परिवार[संपादित करें]

मेरे परिवार में मेरी माँ, पिताजी, भाई और मै शामिल हैं । मेरे परिवार में हम सभी उद्यमी हैं। सभी परिवार के व्यवसाय में एक साथ काम करते हैं I। एक दशक से अधिक के लिए मेरे परिवार ने भारत में हुंडई और कमिंस जैसे अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के डीलरशिप को संभाला है। मेरे भाई मेरे से 5 साल छोटे हैं और वर्तमान में नौवीं कक्षा में पढ़ रहे हैं। भले ही मैं अपने कॉलेज के अध्ययन के लिए उनसे दूर रह रहा हूं, हम सभी वीडियो कॉलों और अन्य सुविधाओं की सहायता से बहुत जुड़े हैं।

शिक्षा[संपादित करें]

मैंने केरल में मेरी प्राथमिक और उच्च विद्यालय शिक्षा पूरी की ।जब तक मैंने दसवीं कक्षा में पढ़ा तो मैंने आईसीएसई पाठ्यक्रम में अध्ययन किया और फिर मेरे 11 वें और 12 वीं के लिए आईबीडीपी पाठ्यक्रम का पीछा किया। मैं 3 साल की उम्र से नाच रहा हूं । भरतनाट्यम, हिप हॉप, समकालीन और अन्य प्रकार के नृत्य के अध्ययन के लिए कई सालों से मैं कई शिक्षकों के तहत प्रशिक्षण दिया गया है।वर्तमान में मैं ईसाई विश्वविद्यालय में 3 साल का कोर्स कर रहा हूं। यह कला, अंग्रेजी और मनोविज्ञान के साथ एक ट्रिपल प्रमुख कोर्स है।

रूचियाँ[संपादित करें]

मुझे पढ़ना पसंद है। मुझे हमेशा यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि मुझे पढ़ने के लिए समय होगा। मैं एक बहुत सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता कार्यकर्ता हूँ, जैसे एनएफ़, अंतर, लोगों के लिए पशु, पशु अनुसंधान और बचाव केन्द्र । मुझे बागवानी और खाना पकाने पसंद है। मेरे छात्रावास में भी, हालांकि मैं एक बगीचा नहीं रख सकता, लेकिन फिर भी एक छोटे कैक्टस का ख्याल रखता हूँ ।