वैद्युत प्रवृत्ति

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विद्युतचुम्बकत्व के सन्दर्भ में, किसी परवैद्युत पदार्थ की वैद्युत प्रवृत्ति (electric susceptibility / संकेत ) एक विमारहित राशि है जो यह दर्शाती है कि किसी वाह्य वैद्युत क्षेत्र में रखने पर वह पदार्थ कितना अधिक ध्रुवित होगा। वैद्युत प्रवृत्ति जितनी अधिक होगी, वाह्य विद्युत क्षेत्र लगाने पर वह पदार्थ उतना अधिक ध्रुवित होगा तथा वह्य विद्युत क्षेत्र और उस पदार्थ के अन्दर के वैद्युत क्षेत्र का अन्तर उतना ही कम होगा। निर्वात की वैद्युत प्रवृत्ति शून्य (0) होती है।

आयतन प्रवृत्ति की परिभाषा[संपादित करें]

वैद्युत प्रवृत्ति की परिभाषा निम्नलिखित है-

जहाँ

  • ध्रुवण घनत्व (polarization density) है;
  • निर्वात की विद्युत्शीलता (permittivity) है,
  • विद्युत प्रवृत्ति है,
  • किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र है।

किसी पदार्थ के वैद्युत प्रवृत्ति और आपेक्षिक विद्युत्शीलता (relative permittivity) में निम्नलिखित सम्बन्ध है-

वैद्युत प्रवृत्ति तथा वैद्युत विस्थापन (lectric displacement) D में निम्नलिखित सम्बन्ध है-