पृष्ठ से जुड़े बदलाव
किसी पन्ने के हवाले कई पन्नों में मौजूद हो सकते हैं, यह सूची उन पन्नों (या किसी श्रेणी के सदस्यों) में हुए हाल के बदलाव दिखाती है। आपकी ध्यानसूची में मौजूद पन्ने मोटे अक्षरों में दिखेंगे।
संकेतों की सूची:
- डे
- विकिडेटा पर संपादन
- न
- इस संपादन से नया पृष्ठ बना (नए पृष्ठ की सूची भी देखें)
- छो
- यह एक छोटा संपादन है
- बॉ
- यह संपादन एक बॉट द्वारा किया गया था
- (±123)
- पृष्ठ आकार इस बाइट संख्या से बदला
- Temporarily watched page
19 मई 2024
- अन्तरइतिहास छो वृन्दावन 21:09 −6,840 रोहित साव27 वार्ता योगदान (राजेशतकयार (Talk) के संपादनों को हटाकर Gpkp के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया) टैग: वापस लिया
- अन्तरइतिहास छो राधा दामोदर मंदिर 19:17 −91 रोहित साव27 वार्ता योगदान (2409:40D2:1025:D482:8000:0:0:0 (Talk) के संपादनों को हटाकर EatchaBot के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया) टैग: वापस लिया
- अन्तरइतिहास राधा दामोदर मंदिर 17:40 +91 2409:40d2:1025:d482:8000:: वार्ता (पुरानी गोकुल महावन मथुरा) टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
- अन्तरइतिहास छो वृन्दावन 11:36 +131 राजेशतकयार वार्ता योगदान टैग: Reverted
- अन्तरइतिहास छो वृन्दावन 10:21 +4 राजेशतकयार वार्ता योगदान टैग: Reverted
- अन्तरइतिहास छो वृन्दावन 10:19 −2 राजेशतकयार वार्ता योगदान टैग: Reverted
- अन्तरइतिहास छो वृन्दावन 10:16 −10 राजेशतकयार वार्ता योगदान टैग: Reverted
- अन्तरइतिहास छो वृन्दावन 10:14 −28 राजेशतकयार वार्ता योगदान टैग: Reverted
- अन्तरइतिहास छो वृन्दावन 10:11 +6,745 राजेशतकयार वार्ता योगदान टैग: Reverted
- अन्तरइतिहास काशी 07:39 +4 Nitinkrishna वार्ता योगदान (→यहां के मन्दिर) टैग: यथादृश्य संपादिका
16 मई 2024
- अन्तरइतिहास काशी 09:28 +763 Nitinkrishna वार्ता योगदान (महादेव जी का पूर्व दिशा में एक बहुत ही अध्भुत लिंग है जिसे गोप्रेक्ष नाम से जाना जाता है, यह अर्धनारीश्वर का ऐसा स्वरूप जिसमें शिव स्वयं लिंग रूप में और मां गौरी स्वयं मूर्ति रूप में एक ही विग्रह में साथ-साथ विराजते हैं भगवान शंकर ने गायो को स्वयं गोलोक से काशी जाने का आदेश दिया, जब वे भोलेनाथ की आज्ञा से काशी पहुंचे तो भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर मां गौरी सहित दर्शन दिए, गायो को दर्शन देने के कारण गोप्रेक्ष नाम हुआ, और यहां दर्शन करने से अनंत गौ दान का फल प्राप्त होता है और दम्पत्य क्लेश नाश होत) टैग: यथादृश्य संपादिका
- अन्तरइतिहास काशी 05:30 +123 Nitinkrishna वार्ता योगदान (→यहां के मन्दिर: महादेवस्य पूर्वेण गोप्रेक्षं लिंगमुत्तमम् ।। ९ ।। तद्दर्शनाद्भवेत्सम्यग्गोदानजनितं फलम् ।। गोलोकात्प्रेषिता गावः पूर्वं यच्छंभुना स्वयम् ।। १० ।। वाराणसीं समायाता गोप्रेक्षं तत्ततः स्मृतम् ।। गोप्रेक्षाद्दक्षिणेभागे दधीचीश्वरसंज्ञितम् ||११||) टैग: यथादृश्य संपादिका
- अन्तरइतिहास काशी 05:23 +5,422 Nitinkrishna वार्ता योगदान (→काशी के मंदिर और घाट: गोलोक से भगवान शंकर की एक कथा बहुत ही प्रचलित है कि भगवान शंकर ने गऊ को काशी जाने का आदेश दिया, जब वे भोलेनाथ की आज्ञा से काशी पहुंचे तो भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर मां गौरी सहित दर्शन दिए, गायो को भगवान शंकर ने लिंग स्वरूप में और मां गौरी ने मूर्ति स्वरूप में एक ही विग्रह में साथ-साथ साक्षात दर्शन दिए, गौओ के इस प्रकार शंकर और मा गौरी के प्रत्यक्ष दर्शन से गोप्रेक्ष नाम हुआ। और भगवान ने आशीर्वाद दिया कि जो कलयुग में जो मनुष्य गोप्रेक्ष का दर्शन करेगा उसको अनंत गौदान का) टैग: यथादृश्य संपादिका
- अन्तरइतिहास काशी 05:07 +710 Nitinkrishna वार्ता योगदान (काशी में माधव गोपियो के साथ पूजे जाते हैं, इस तीर्थ का नाम गोपी गोविंद है, इसी स्थान पर गायो को भगवान शंकर ने लिंग स्वरूप में और मां गौरी ने मूर्ति स्वरूप में एक ही विग्रह में साथ-साथ साक्षात दर्शन दिए, गौओ के इस प्रकार शंकर और मा गौरी के प्रत्यक्ष दर्शन से गोप्रेक्ष नाम हुआ।) टैग: यथादृश्य संपादिका