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"सर्पिल गैलेक्सी": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:M101 hires STScI-PRC2006-10a.jpg|thumb|पिनव्हील गैलेक्सी (जो [[मॅसिये वस्तुएँ|मॅसिये]] १०१ और एन॰जी॰सी॰ ५४५७ के नाम से भी जानी जाती है) एक सर्पिल गैलेक्सी है]]
[[चित्र:M101 hires STScI-PRC2006-10a.jpg|thumb|पिनव्हील गैलेक्सी (जो [[मॅसिये वस्तुएँ|मॅसिये]] १०१ और एन॰जी॰सी॰ ५४५७ के नाम से भी जानी जाती है) एक सर्पिल गैलेक्सी है]]
'''सर्पिल गैलेक्सी''' किसी [[सर्पिल]] (स्पाइरल) आकार वाली [[गैलेक्सी]] को कहते हैं, जैसे की हमारी अपनी गैलेक्सी, [[आकाशगंगा]] है। इनमें एक चपटा [[घूर्णन]] करता (यानि घूमता हुआ) भुजाओं वाला चक्र होता है जिसमें [[तारे]], गैस और [[खगोलीय धूल|धूल]] होती है और जिसके बीच में एक मोटा उभरा हुआ तारों से घना गोला होता है। इसके इर्द-गिर्द एक कम घना [[गैलेक्सीय सेहरा]] होता है जिसमें तारे अक्सर [[गोल तारागुच्छों]] में पाए जाते हैं। सर्पिल गैलेक्सियों में भुजाओं में नवजात तारे और केंद्र में पुराने तारों की बहुतायत होती है। क्योंकि नए तारे अधिक गरम होते हैं इसलिए भुजाएं केंद्र से ज़्यादा [[चमक|चमकती]] हैं।
'''सर्पिल गैलेक्सी''' किसी [[सर्पिल]] (स्पाइरल) आकार वाली [[गैलेक्सी]] को कहते हैं, जैसे की हमारी अपनी गैलेक्सी, [[आकाशगंगा]] है। इनमें एक चपटा [[घूर्णन]] करता (यानि घूमता हुआ) भुजाओं वाला चक्र होता है जिसमें [[तारे]], गैस और [[खttuigr घगोलीय धूल|धूल]] होती है और जिसके बीच में एक मोटा उभरा हुआ तारों से घना गोला होता है। इसके इर्द-गिर्द एक कम घना [[गैलेक्सीय सेहरा]] होता है जिसमें तारे अक्सर [[गोल तारागुच्छों]] में पाए जाते हैं। सर्पिल गैलेक्सियों में भुजाओं में नवजात तारे और केंद्र में पुराने तारों की बहुतायत होती है। क्योंकि नए तारे अधिक गरम होते हैं इसलिए भुजाएं केंद्र से ज़्यादा [[चमक|चमकती]] हैं।


दो-तिहाई सर्पिल गैलेक्सियों में भुजाएं केंद्र से शुरू नहीं होती, बल्कि केंद्र का रूप एक खिचे मोटे डंडे सा होता है जिसके बीच में केन्द्रीय गोला होता है।<ref name="mihalas1968">{{Cite book| author=D. Mihalas | year=1968 | title=Galactic Astronomy | publisher=W. H. Freeman | isbn=9780716703266}}</ref> भुजाएं फिर इस डंडे से निकलती हैं। क्योंकि मनुष्य पृथ्वी पर आकाशगंगा के अन्दर स्थित है, इसलिए हम पूरी आकाशगंगा के चक्र और उसकी भुजाओं को देख नहीं सकते। २००८ तक माना जाता था के आकाशगंगा का एक गोल केंद्र है जिस से भुजाएँ निकलती हैं, लेकिन अब वैज्ञानिकों का यह सोचना है के हमारी आकाशगंगा भी ऐसी [[डन्डीय सर्पिल गैलेक्सियों]] की श्रेणी में आती है।<ref>[http://www.sciamdigital.com/index.cfm?fa=Products.ViewIssuePreview&ARTICLEID_CHAR=3BC08F0C-2B35-221B-67A9F2AE04AFC79A Ripples in a Galactic Pond] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20130906193501/http://www.sciamdigital.com/index.cfm?fa=Products.ViewIssuePreview&ARTICLEID_CHAR=3BC08F0C-2B35-221B-67A9F2AE04AFC79A |date=6 सितंबर 2013 }}, Scientific American, October 2005</ref><ref>{{cite journal | last=Benjamin | first=R. A. et al. | year=2005 | month=September | title=First GLIMPSE Results on the Stellar Structure of the Galaxy. | journal=The Astrophysical Journal Letters | volume=630 | issue=2 | pages=L149–L152 | doi=10.1086/491785 | last2=Churchwell | first2=E. | last3=Babler | first3=B. L. | last4=Indebetouw | first4=R. | last5=Meade | first5=M. R. | last6=Whitney | first6=B. A. | last7=Watson | first7=C. | last8=Wolfire | first8=M. G. | last9=Wolff | first9=M. J.|arxiv = astro-ph/0508325 |bibcode = 2005ApJ...630L.149B }}</ref>
दो-तिहाई सर्पिल गैलेक्सियों में भुजाएं केंद्र से शुरू नहीं होती, बल्कि केंद्र का रूप एक खिचे मोटे डंडे सा होता है जिसके बीच में केन्द्रीय गोला होता है।<ref name="mihalas1968">{{Cite book| author=D. Mihalas | year=1968 | title=Galactic Astronomy | publisher=W. H. Freeman | isbn=9780716703266}}</ref> भुजाएं फिर इस डंडे से निकलती हैं। क्योंकि मनुष्य पृथ्वी पर आकाशगंगा के अन्दर स्थित है, इसलिए हम पूरी आकाशगंगा के चक्र और उसकी भुजाओं को देख नहीं सकते। २००८ तक माना जाता था के आकाशगंगा का एक गोल केंद्र है जिस से भुजाएँ निकलती हैं, लेकिन अब वैज्ञानिकों का यह सोचना है के हमारी आकाशगंगा भी ऐसी [[डन्डीय सर्पिल गैलेक्सियों]] की श्रेणी में आती है।<ref>[http://www.sciamdigital.com/index.cfm?fa=Products.ViewIssuePreview&ARTICLEID_CHAR=3BC08F0C-2B35-221B-67A9F2AE04AFC79A Ripples in a Galactic Pond] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20130906193501/http://www.sciamdigital.com/index.cfm?fa=Products.ViewIssuePreview&ARTICLEID_CHAR=3BC08F0C-2B35-221B-67A9F2AE04AFC79A |date=6 सितंबर 2013 }}, Scientific American, October 2005</ref><ref>{{cite journal | last=Benjamin | first=R. A. et al. | year=2005 | month=September | title=First GLIMPSE Results on the Stellar Structure of the Galaxy. | journal=The Astrophysical Journal Letters | volume=630 | issue=2 | pages=L149–L152 | doi=10.1086/491785 | last2=Churchwell | first2=E. | last3=Babler | first3=B. L. | last4=Indebetouw | first4=R. | last5=Meade | first5=M. R. | last6=Whitney | first6=B. A. | last7=Watson | first7=C. | last8=Wolfire | first8=M. G. | last9=Wolff | first9=M. J.|arxiv = astro-ph/0508325 |bibcode = 2005ApJ...630L.149B }}</ref>

07:05, 11 अक्टूबर 2020 का अवतरण

पिनव्हील गैलेक्सी (जो मॅसिये १०१ और एन॰जी॰सी॰ ५४५७ के नाम से भी जानी जाती है) एक सर्पिल गैलेक्सी है

सर्पिल गैलेक्सी किसी सर्पिल (स्पाइरल) आकार वाली गैलेक्सी को कहते हैं, जैसे की हमारी अपनी गैलेक्सी, आकाशगंगा है। इनमें एक चपटा घूर्णन करता (यानि घूमता हुआ) भुजाओं वाला चक्र होता है जिसमें तारे, गैस और धूल होती है और जिसके बीच में एक मोटा उभरा हुआ तारों से घना गोला होता है। इसके इर्द-गिर्द एक कम घना गैलेक्सीय सेहरा होता है जिसमें तारे अक्सर गोल तारागुच्छों में पाए जाते हैं। सर्पिल गैलेक्सियों में भुजाओं में नवजात तारे और केंद्र में पुराने तारों की बहुतायत होती है। क्योंकि नए तारे अधिक गरम होते हैं इसलिए भुजाएं केंद्र से ज़्यादा चमकती हैं।

दो-तिहाई सर्पिल गैलेक्सियों में भुजाएं केंद्र से शुरू नहीं होती, बल्कि केंद्र का रूप एक खिचे मोटे डंडे सा होता है जिसके बीच में केन्द्रीय गोला होता है।[1] भुजाएं फिर इस डंडे से निकलती हैं। क्योंकि मनुष्य पृथ्वी पर आकाशगंगा के अन्दर स्थित है, इसलिए हम पूरी आकाशगंगा के चक्र और उसकी भुजाओं को देख नहीं सकते। २००८ तक माना जाता था के आकाशगंगा का एक गोल केंद्र है जिस से भुजाएँ निकलती हैं, लेकिन अब वैज्ञानिकों का यह सोचना है के हमारी आकाशगंगा भी ऐसी डन्डीय सर्पिल गैलेक्सियों की श्रेणी में आती है।[2][3]

अन्य भाषाओँ में

अंग्रेज़ी में "सर्पिल गैलेक्सी" को "स्पाइरल गैलॅक्सी" (spiral galaxy) कहते हैं।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. D. Mihalas (1968). Galactic Astronomy. W. H. Freeman. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780716703266.
  2. Ripples in a Galactic Pond Archived 2013-09-06 at the वेबैक मशीन, Scientific American, October 2005
  3. Benjamin, R. A.; Churchwell, E.; Babler, B. L.; Indebetouw, R.; Meade, M. R.; Whitney, B. A.; Watson, C.; Wolfire, M. G.; Wolff, M. J.; एवं अन्य (2005). "First GLIMPSE Results on the Stellar Structure of the Galaxy". The Astrophysical Journal Letters. 630 (2): L149–L152. arXiv:astro-ph/0508325. डीओआइ:10.1086/491785. बिबकोड:2005ApJ...630L.149B. नामालूम प्राचल |month= की उपेक्षा की गयी (मदद); Explicit use of et al. in: |first= (मदद)