"दीक्षाभूमि": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
बौद्ध
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
विस्तार किया
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र:Diksha Bhumi.jpg|thumb|दीक्षाभूमी, नागपुर]]
[[चित्र:Diksha Bhumi.jpg|thumb|दीक्षाभूमी, नागपुर]]
'''दीक्षाभूमी''' यह भारत में [[बौद्ध धर्म]] का एक प्रमुख केंद्र है जहां बौद्ध धर्म का दोबारा उदय हुआ है। [[नागपुर]] में स्थित इस स्थान पर बाबासाहेब [[भीमराव रामजी आंबेडकर|डॉ॰ भीमराव रामजी आंबेडकर]] ने १४ अक्टूबर १९५६ को अपने लगभग १०,००,००० अनुयायीयों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी।
'''दीक्षाभूमी''' यह भारत में [[बौद्ध धर्म]] का एक प्रमुख केंद्र है। यहां बौद्ध धर्म की पुनरूत्थान हुआ है। [महाराष्ट्र]] राज्य, [[नागपुर]] शहर में स्थित इस पवित्र स्थान पर [[बोधिसत्त्व]] [[भीमराव रामजी आंबेडकर|डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर]] जी ने [[१४ अक्टूबर]] [[१९५६]] को पहले महास्थविर चंद्रमणी से धम्म दीक्षा ग्रहन कर फिर अपने ५,००,००० अनुयायिओं को [[बौद्ध]] धर्म की दीक्षा दी थी। [[त्रिशरण]], [[पंचशील]] और अपनी [[२२ प्रतिज्ञाँए]] देकर बाबासाहेब ने नवबौद्धों को बौद्ध धम्म की दीक्षा द। अगले दिन फिर [[१५ अक्टूबर]] को ३,००,००० लोगों को बौद्ध धम्म की दीक्षा दी और स्वयं भी फिर से दीक्षीत हुए। देश विदेश से हर साल यहां २० से २५ लाख आंबेडकरवादी और बौद्ध लोग आते है।

[[महाराष्ट्र सरकार]] द्वारा दीक्षाभूमि को अ वर्ग पर्यटन स्थल एवं धार्मिक तीर्थ स्थल का दर्जा मिला हुआ हैं।


[[श्रेणी:नागपुर जिला]]
[[श्रेणी:नागपुर जिला]]
[[श्रेणी:बौद्ध धर्म]]
[[श्रेणी:बौद्ध धर्म]]
[[श्रेणी:भीमराव आंबेडकर]]
[[श्रेणी:नवयान]]
[[श्रेणी:भगवान बुद्ध और उनका धम्म]]

20:14, 4 जनवरी 2017 का अवतरण

दीक्षाभूमी, नागपुर

दीक्षाभूमी यह भारत में बौद्ध धर्म का एक प्रमुख केंद्र है। यहां बौद्ध धर्म की पुनरूत्थान हुआ है। [महाराष्ट्र]] राज्य, नागपुर शहर में स्थित इस पवित्र स्थान पर बोधिसत्त्व डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर जी ने १४ अक्टूबर १९५६ को पहले महास्थविर चंद्रमणी से धम्म दीक्षा ग्रहन कर फिर अपने ५,००,००० अनुयायिओं को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी थी। त्रिशरण, पंचशील और अपनी २२ प्रतिज्ञाँए देकर बाबासाहेब ने नवबौद्धों को बौद्ध धम्म की दीक्षा द। अगले दिन फिर १५ अक्टूबर को ३,००,००० लोगों को बौद्ध धम्म की दीक्षा दी और स्वयं भी फिर से दीक्षीत हुए। देश विदेश से हर साल यहां २० से २५ लाख आंबेडकरवादी और बौद्ध लोग आते है।

महाराष्ट्र सरकार द्वारा दीक्षाभूमि को अ वर्ग पर्यटन स्थल एवं धार्मिक तीर्थ स्थल का दर्जा मिला हुआ हैं।