विदुरकुटी

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

विदुरकुटी महाभारत काल का एक प्रसिद्ध स्थल है 'विदुरकुटी'। ऐसी मान्यता है कि भगवान कृष्ण जब हस्तिनापुर में कौरवों को समझाने-बुझाने में असफल रहे थे तो वे कौरवों के छप्पन भोगों को ठुकराकर गंगा पार करके महात्मा विदुर के आश्रम में आए थे और उन्होंने यहाँ बथुए का साग खाया था। आज भी मंदिर के समीप बथुए का साग हर ऋतु में उपलब्ध हो जाता है।