विजयलक्ष्मी रविंद्रनाथ

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विजयलक्ष्मी रविंद्रनाथ

विजयलक्ष्मी रविंद्रनाथ का जन्म १८ अक्टूबर, १९५३ में हुआ था। वह एक भारतीय तंत्रिका विज्ञानी है। अभी वर्तमान में वह सेंटर फॉर न्यूरोसाइंस, और इंडियन इंस्टीटूट ऑफ़ साइंस बंगलोर में प्रोफेसर है। वह राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसन्धान केंद्र, गुडगाँव(२०००-९) के संस्थापक निदेशक एवं भारतीय विज्ञान संस्थान में न्यूरोसाइंस केंद्र के संस्थपक अध्यक्ष थे। उनकी अभिरुचि मस्तिष्क विकार अध्यन से संभंधित हैं जिसमे अल्झाइमर और पार्किन्सन जैसे न्यूरोडीजेनरेटेड रोग शामिल है।[1]

शिक्षा और करियर[संपादित करें]

रविंद्रनाथ ने बीएससी और एमएससी की डिग्री आंध्रप्रदेश विश्वविद्यालय से हासिल की साथ ही में १९८१ में मैसूर विश्वविद्यालय से बायोकेमिस्ट्री में पीएचडी की उपाधि हासिल की। उन्होंने अम्रीका में नेशनल कैंसर इंस्टीटूट में एक पोस्ट डोक्टरेट फेलो की तरह भी काम किया। वह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मैन्टल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेस, बैंगलोर में शामिल हुई, जहां उन्होंने मानव मस्तिष्क की चयापचय क्षमता का अध्ययन किया, विशेषकर मनोवैज्ञानिक दवाओं और पर्यावरणीय विषाक्त पदार्थों का अध्यन किया। [2]

पुरस्कार और मान्यता[संपादित करें]

रविंद्रनाथ कई भारतीय अकादमियो में चयनित विद्वान् हैं, जिनमें भारतीय एकेडमी ऑफ साइंसेज, नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेस, इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी और नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज, इंडियन एकेडमी ऑफ न्यूरोसाइंसेस और थर्ड वर्ल्ड एकेडमी ऑफ साइंसेस शामिल हैं।[3] १९९६ में उन्हें शांति स्वरुप भटनागर प्राइज मिला मेडिकल साइंसेज के लिए। साथ ही २००१ में विज्ञान और प्रोद्योगिकी के लिए ॐ प्रकाश भसीन पुरस्कार भी मिला। और २०१० में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Prof. Vijayalakshmi Ravindranath". Indian Institute of Science. Retrieved 6 October 2014.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 19 अगस्त 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 मार्च 2017.
  3. "List of Fellows - NAMS" (PDF). National Academy of Medical Sciences. 2016. Retrieved March 19, 2016.