वार्ता:विरोधाभास अलंकार
विरोधाभास अलंकार[संपादित करें]
जहाँ के गुण कार्य में वास्तविक विरोध न होने पर भी विरोध का वर्णन हो वहां विरोधाभास अलंकार होता है ।
उदाहरण- या अनुरागी चित्त की गति समझे नहि
कोय।
ज्यो ज्यो बूडे श्याम रंग त्यों त्यों उज्ज्वल होय।। विन्ध्य प्रकाश मिश्र (वार्ता) 15:02, 6 अगस्त 2018 (UTC)
विरोधाभास अलंकार[संपादित करें]
विरोधाभास अलंकार के उदाहरण विन्ध्य प्रकाश मिश्र (वार्ता) 07:09, 3 सितंबर 2018 (UTC)