वार्ता:रघु दीक्षित

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रघु दक्षित एय भाराथीय गायक – गीतकार है। वह 'रघु दिक्सित प्रोजेक्ट ' एक बहु भाशी लोक सन्गीत बेन्द के लिये प्रसिद्ध है। वह 'मेइक्रोबैओलोजी' के विद्वान है और एक निपुण भरथ्नातायम न्रितक है परन्तु फिर भी रघु पथि दिक्षित अपने सन्गीत के लिये लोक प्रिय है। मेइसूर शहर से आने वाले, रघु दिक्षित बैंगलोर में बस्ते है। अंतराग्नि कि संस्थापक और अब 'रघु दिक्सित प्रोजेक्ट' का हिसाब होने पर दीक्षितण पूरे भारत में २५० कंसर्ट्स किये हैं। २००८ में रघु दीक्षित प्रोजेक्ट ने अपना पहला एल्बम प्रकाशित किया जिसका नाम था 'अंतराग्नि: तह फायर वित्तहीन'। रघु ने स्वयं ही गिटार और गाने की कला सीखी। रघु की कंसर्ट्स में सबसे आकर्षित उनकी अनन्य आवाज़ है जो बहुत ही अनोखीहै और जो उनकी खुशमज़ाज़ी हे साथ बिना किसी प्रयत्न के गुलमिल जाती है। उनके भारतीय और पश्चिमी संगीत के अनोखा संगम ने ही उन्हें इतनी लोक प्रिय बनाया है।

रघु दीक्षित का संगीत भारतीय लोक संगीत और दुनिया भर के संगीत का मिश्रण है। तह हिन्दू कि विष्णु प्रिया भण्डाराम के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा "इस देश के हर २०० किलोमीटर्स पर भाषाए बदलती हैं, खाना बदलती है, ज़िंदगियाँ और जीने का ढंग बदलता है, और मेरा संगीत अनन्य है और शायद उसकी 'यू एस पी' है कि वह स्थानीय भाषा में गाया जाता है... रहस्य जुड़ती हैं। उनके गाने के बोल हर आम आदमी की भावनाओ और अनुभव के बारे में होने हैं। 'मैसूर से आई', 'मुम्बई', 'अंतराग्नि', 'हे भगवान्', 'हर सास में', 'गुड्डू गड्डियां', 'खिड़की', आदि उनके चहाते वालो में प्रसिद्द हैं। उनके अधिक्थर गाने 'शिशुनाला शरीफ' से प्रेरित हैं जो कर्णाटक राज्य भारत के संत और कवि हैं।

दीक्षित ने समकालीन नृत्य और नाटक मंडलियो के लिए संगीत लिखा हैं। भारतीय समकालीन नृत्य टोली नृतारुत्य को लगभग सभी गानो के लिए संगीत दीक्षित ने लिखा हैं। गिरीश कर्नाड के 'टॉप कास्ट' के लिए हयवादना और 'ब्लैक कॉफ़ी' के लिए 'बॉडी कैचर' में उनके द्वारा दिए गए संगीत ने उन्हें न केवल लोक प्रिय बनाया, परन्तु उन्हें उसके द्वारा आलोचकों की प्रशंसा मिला। मई २००८ में दीक्षित ने 'स्प्रिंग बोर्ड सुरपरिसेस रूट्स फेस्टिवल' में बहुत अनेक कार्यक्रम में भाग लिया जिसके कारण उन्होंने उत्तर–पूर्वीय भारत के कई नगरो और शहरो का भ्रमण किया। इस भ्रमण में उनका साथ अंतरराष्ट्रीय टोलिया जैसे कि इजराइल की 'डी यु बी एल एफ ओ' और इंग्लैंड कि 'तू लेट लूसी' वे दिया। रघु दीक्षित चलचित्रों के लिए भी संगीत लिखते हैं।