वार्ता:मौलवी खुदाबक़्श खान

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इस पृष्ठ में कोई सन्दर्भ नहीं है और पृष्ठ में ऐसी कोई सामग्री भी नहीं है जो सम्बंधित पृष्ठ की उल्लेखनीयता सिद्ध करे। खुदाबक़्श खान की उल्लेखनीयता केवल इतनी है कि वो खुदाबक़्श लाइब्रेरी के संस्थापक हैं अतः इस पृष्ठ को खुदाबक़्श लाइब्रेरी पर अनुप्रेषित कर देना चाहिए।☆★संजीव कुमार (✉✉) 21:08, 12 जून 2014 (UTC)उत्तर दें

 समर्थन--पीयूष मौर्यावार्ता 05:35, 13 जून 2014 (UTC)उत्तर दें
मैं प्रस्तावक से पुनः विचार का निवेदन करूँगा।--मुज़म्मिल (वार्ता) 05:48, 13 जून 2014 (UTC)उत्तर दें
मुज़म्मिल जी, धन्यवाद। आपने लेख को नया रूप दिया है। यदि आप लेख में भूमिका लिखकर अन्य भाग को अलग-अलग अनुभागों में बना दें तो लेख में चार चाँद लग जायेंगे। इसके अतिरिक्त आप यदि २-३ सन्दर्भ और लगा तो अच्छा रहेगा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 08:04, 13 जून 2014 (UTC)उत्तर दें

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स्थानान्तरण अनुरोध 29 जनवरी 2023[संपादित करें]

मौलवी खुदाबक़्श खानखुदा बख्श खां –bakhs का मशीनी अनुवाद से दिया गया, बक्श और बख्श का अंतर बहुत गलत है,खान और खां का फर्क मुझे रामपुर में पता चला था,ये kh के लिए ख के साथ ठीक नाम ऐसे है, देखें:

खुदा बख्श खां सिवान के प्रसिद्ध व्यक्तित्व siwan.nic.in

खुदा बख्‍श ओरिएण्‍टल पब्लिक लाईब्रेरी, पटना

पटना के खुदा बख्श पुस्तकालय की दुर्लभ पांडुलिपियों, चित्रों की प्रदर्शनी दिल्ली में लगी M. Umar kairanvi (वार्ता) 11:22, 29 जनवरी 2023 (UTC)उत्तर दें

@Umarkairanvi: जी आप बता सकते हैं खान और खां में किया अंतर है. -जे. अंसारी वार्ता 17:03, 17 मार्च 2023 (UTC)उत्तर दें
@J ansari जी, मोटे तौर पर जो याद है उनके अनुसार जो पठान जाती से होते हैं वो खान लिखते हैं, अर्थात उधर कोई और जाती है, और अधिक तफसील के लिए मुझे फिर से रामपुर वालों से बात करना होगी। फिर भी वो उस इलाके की ही बात होगी। ना कि अंतर दूर होगा।
इधर मेरा अनुरोध बक्श को बख्श सही कराने पे था, बिंदी तक पर इधर निर्णय में देरी होती है, खान और खाँ पे बात न उलझे तो उसके लिए कह दिया था उधर खां का प्रयोग जो देखा सुना बता दिया।
इनसे संबंधित तीन विश्वनीय संदर्भ दिये गये हैं उनकी रोशनी में भी 'खां' है, इसे ठीक कर दें। तीनों में खुदा औऱ बख्श भी अलग अलग है इस का भी खयाल रखें। धन्यवाद
📚 M. Umar kairanvi (वार्ता) 19:04, 17 मार्च 2023 (UTC)उत्तर दें