वार्ता:तल्लक्षण
विषय जोड़ेंLatest comment: 10 वर्ष पहले by Manojkhurana in topic अर्थहीन सामग्री
अर्थहीन सामग्री[संपादित करें]
@Manojkhurana: लेख में आपने केवल इतना लिखा है कि "प्राचीन भारतीय गणित में १० की घात ५३ को तल्लक्षण कहा जाता था।" इसके अतिरिक्त आपने न ही तो कोई सन्दर्भ दिया है और न ही कोई सामग्री डाली है। क्या आप सन्दर्भहीन का टैग हटाकर लेख में किसी पुस्तक का सन्दर्भ डालने का प्रयास करेंगे? इसके अतिरिक्त आपको पृष्ठ में उस अवधि का विवरण भी देना चाहिए जिसमें इस शब्द का उपयोग किया जाता था। यदि यह शब्द सम्पूर्ण भारत में प्रयुक्त नहीं होता था तो आपको उन क्षेत्रों का वर्णन भी करना चाहिए। चूँकि आपने पृष्ठ निर्मित किया है अतः कहीं न कहीं या तो आपने यह जानकारी पढ़ी है अथवा आपके स्वयं के शोध का परिणाम है अतः उपयुक्त विवरण देने का प्रयत्न करें।☆★संजीव कुमार (✉✉) 16:55, 28 अप्रैल 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: जी, गत रविवार को कुरुक्षेत्र स्थित विज्ञान केंद्र में यह जानकारी मुझे भारत के वैज्ञानिक इतिहास संबंधित प्रदर्शनी में देखने को मिली। अतः मैंने यह आधार पृष्ठ बना दिया है। सन्दर्भ डालने व विस्तार का प्रयास मुझे विश्वास है कि आप जैसे वैज्ञानिक लोग कर ही देंगे। --☎मनोज खुराना वार्ता 03:59, 29 अप्रैल 2014 (UTC)
- अंग्रेजी विकि पर सर्च करने पर इन दो पृष्ठों में यह शब्द उपलब्ध है, कृपया इन्हें भी देखें - en:History of large numbers, en:Lalitavistara Sutra।
- @Manojkhurana: मुझे इसकी जानकारी होती तो अवश्य ही कुछ न कुछ अब तक कर दिया होता। मुझे यह अनुमान था कि आप बिना तथ्य के ऐसे पृष्ठ का निर्माण नहीं करोगे यही कारण रहा कि मैंने इसका नामांकन करने की बजाय आपको पुछना उचित समझा। अब यदि आप ही इसको विस्तारित कर दो तो अच्छा रहेगा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 04:08, 29 अप्रैल 2014 (UTC)
- @संजीव कुमार: ठीक है, मैं प्रयास करता हूँ। आप भी प्रयास जारी रखें क्योंकि अपने स्वयं के ज्ञानवर्धन हेतु भी यह अति रोचक विषय है। मैं @अनुनाद सिंह: जी को भी सहायता का आवाह्न करता हूँ क्योंकि हिंदी विकि पर ललितविस्तर सूत्र पृष्ठ के इतिहास में उनका ही नाम प्रदर्शित हो रहा है।--☎मनोज खुराना वार्ता 04:26, 29 अप्रैल 2014 (UTC)
- @Manojkhurana: मुझे इसकी जानकारी होती तो अवश्य ही कुछ न कुछ अब तक कर दिया होता। मुझे यह अनुमान था कि आप बिना तथ्य के ऐसे पृष्ठ का निर्माण नहीं करोगे यही कारण रहा कि मैंने इसका नामांकन करने की बजाय आपको पुछना उचित समझा। अब यदि आप ही इसको विस्तारित कर दो तो अच्छा रहेगा।☆★संजीव कुमार (✉✉) 04:08, 29 अप्रैल 2014 (UTC)