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वार्ता:गोप्रेक्षेश्वर

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गोप्रेक्षेश्वर तीर्थ[संपादित करें]

गोलोक से भगवान शंकर की एक कथा बहुत ही प्रचलित है कि भगवान शंकर ने गऊ को गोलोक से काशी जाने का आदेश दिया, जब वे भोलेनाथ की आज्ञा से काशी पहुंचे तो भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर मां गौरी सहित दर्शन दिए, गायो को भगवान शंकर ने लिंग स्वरूप में और मां गौरी ने मूर्ति स्वरूप में एक ही विग्रह में साथ-साथ साक्षात दर्शन दिए, गौओ के इस प्रकार शंकर और मा गौरी के प्रत्यक्ष दर्शन से गोप्रेक्ष नाम हुआ। और भगवान ने आशीर्वाद दिया कि जो कलयुग में जो मनुष्य गोप्रेक्ष का दर्शन करेगा उसको अनंत गौदान का फल प्राप्त होगा, और क्लेश का नाश होगा । स्कंद पुराण में लिखा है - महादेवस्य पूर्वेण गोप्रेक्षं लिंगमुत्तमम् ।। ९ ।। तद्दर्शनाद्भवेत्सम्यग्गोदानजनितं फलम् ।। गोलोकात्प्रेषिता गावः पूर्वं यच्छंभुना स्वयम् ।। १० ।। वाराणसीं समायाता गोप्रेक्षं तत्ततः स्मृतम् ।। गोप्रेक्षाद्दक्षिणेभागे दधीचीश्वरसंज्ञितम् ||११|| Nitinkrishna (वार्ता) 16:10, 16 मई 2024 (UTC)उत्तर दें

स्कंद उवाच ।। ।।
शार्ङ्ग चापववविर्मगक्त र्हेषमविरितस्ततः ।।
उत्सादयंतंप्रत्यूहान्का श्ांिािा यणंश्रयेत्।। ३४ ।।
प्रत च्ांगोवपगोववंदाद्राम्यच्चक्रोच्च तर्गि र््।।
िािायण ंयः प्रणर्ेत्तस्य काश्ांर्होदयः ।।३५।।
ततो गौि ंववरूपाक्ष देवयान्या उदग्दिवश ।।
पूर्वयत्वा ििो िक्त्या वांवितांलितेवश्रयर््।। ३६ ।। (स्कन्दपमिाणर््/खण्डः ४ (काश खण्डः)/अध्यायः ०७०)
।। व ंदमर्ाधव उवाच ।।
ववदािििव ंहोहंकाश ववघ्नववदािणः ।।
तन्नावि त र्थे ं ेव्यस्त र्थोपद्रवशांतये।। १८ ।।
गोप गोववंदत र्थेतमगोप गोववंद ंज्ञकर््।।
र्च्गर्ांििो िक्त्या र्र् र्ायांि ंस्पृशेत्।। १९ ।। (स्कन्दपमिाणर््/खण्डः ४ (काश खण्डः)/अध्यायः ०६१)
।। देवदेव उवाच ।। ।।
क्षेत्रपूवोत्तिेिागेतद्ृष्टंपशमपाशहृत्।।
तत्पश्चाविग्रहवत पूज्या वािाण िि ः ।। ८ ।।
ा पूवर्ता प्रयत्नेि मखवग्दस्तप्रदा दा ।
"र्हादेवस्य पूवेण गोप्रेक्षंवलंगर्मत्तर्र््।। ९ ।।
तद्दशगिाद्भवेत्सम्यग्गोदािर्वितंफलर््।।
गोलोकात्प्रेवषता गावः पूवंयच्छं िमिा स्वयर््।। १० ।।
वािाण ं र्ायाता गोप्रेक्षंतत्ततः स्मृतर््।।
गोप्रेक्षाद्दवक्षणेिागेदध च श्वि ंवज्ञतर््||११|| (स्कन्दपमिाणर््/खण्डः ४ (काश खण्डः)/अध्यायः ०९७) Chetna Charu Garg (वार्ता) 04:43, 17 मई 2024 (UTC)उत्तर दें
सादर धन्यवाद इस जानकारी को और बेहतर बनाने के लिए Nitinkrishna (वार्ता) 08:49, 17 मई 2024 (UTC)उत्तर दें