वार्ता:अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय

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अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय एक न लाभ निजी स्वायत्ता रूप में स्थापित किया गया था। यह विश्वविद्यालय २०१० में कर्नाटक विधान मण्डल के अज़ीम प्रेमजी अधिनियम के तहत स्थापित किया गया था। इस विश्वविद्याल का मिशण शिक्षा, अनुसंधान, वकालत की बकाया और प्रभावी कार्यक्रम बनाने के लिए है। अज़ीम प्रेमजी फाऊंडेशन इस विश्वविद्यालय का प्रयोजक है। इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति अज़ीम प्रेमजी है और कुलपति है अनुराग बेहार। यह विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रधान करता है। इस विश्वविद्यालय कर परिसर बेंगलुरु के बाहरी इलखे होसुर रोड पर स्थित है। यह विश्वविद्यालय भारत के लिए एक चार्टर्ड आधार है। इस विश्वविद्यालय का परिसर निर्माणाधीन है जो अट्टीबेले और सरजापुर रोड के बीच स्थित है।

Pixel Park, Azim Premji University

अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन द्वारा स्थापित किया गया था। यह फाउंडेशन प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में अपना ध्यान केन्द्रित करता है और यह एक गैर लाभकारी संघठन है। इस विश्वविद्यालय को २०१० में अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय अधिनियम के माध्यम से कर्नाटक विधानसभा द्वारा चार्टर किया गया था। इस विश्वविद्यालय को दो स्नातकोत्तर के साथ शुरू किया गया था जो है शिक्षा के काला में मास्टर और कुछ चुनिंदा विशेषजताओ के साथ विकास में काल का मास्टर। पहला शैक्षणिक कार्य अगस्त २०११ में शुरू हुआ था। जुलाई २०११ में ८६ छात्र इस विश्वविद्यालय में शामिल हुए थे और उन्होने अपनी शिक्षा मई २०१३ में खतम किया था। विश्वविद्यालय ने अपना पहला कोंवोकेशण १ अक्टूबर २०१३ में बेंगलुरु में मनाया था। इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल डॉ॰हंस राज भारद्वाज और विश्वविद्यालय के कुलपति श्री. अज़ीम प्रेमजी ने छात्रो को अपनी डिग्री प्रस्तुत की। इस विव्श्वविद्यालय ने साल २०१३ में छात्र २६० से अधिक बढ़ गए। आज इस विश्वविद्यालय में करीब ४०० छात्र है जो अपनी मास्टर की डिग्री पूरी कर रहे है और उनके साथ १२० बढ़ चुके है। २०१३ में ५० प्रतिशत छात्र २० राज्यो, ग्रामीण क्षेत्र और छोटे शहरों से है।

अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय बेंगलूरु में होसुर रोड पर पी.ई.एस विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित एक नया अभियान शुरू किया गया था। यह विश्वविद्यालय वर्तमाण एक लाख फूट से अधिक के परिसर में चल रहा है। एस विश्वविद्यालय के लिए बेंगलुरु से बाहरी इलखे में सरजापुर रोड पर विकसित किया जा रहा है। यह नया ८० एकड़ के परिसर पर स्टाफ और छात्र निवासों के साथ ३६०० के समुदाया को पूरा करेगा। एस विश्वविद्यालय का परिसर अभी बन रहा है।

शिक्षाविदों[संपादित करें]

अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय शिक्षा और विकास में स्नातकोत्तर कार्यक्रम प्रधान करता है। फिलहाल यह पुरस्कार दो क्षेत्रो में काल की डिग्री के मास्टर: शिक्षा और विकास विशेष रूप में ग्रामीण क्षेत्र में, गरीब शेहरी क्षेत्रो में अपने केरियर को आगे बढ़ाने के लिए इच्छुक छात्रो को कार्यक्रमों के लिए एज वरीयता दी जाती है। शैक्षिक वर्ष २०१३ से विश्वविद्यालय में एम.ए विकास में एमए शिक्षा और पोषण में पाठ्यक्रम और अध्ययपन के साथ विशेषजता की पेशकश शुरू कर दी गयी है। विश्वविद्यालय अपने स्वयं के परिसर में जब छात्रो के साल २०१५-२०१७ के बैच से स्नातक पाठ्यक्रमो की पेशकश करने का आयोजन किया है। यह विश्वविद्यालय भारत में एक महत्वपूर्ण आवश्यकता के रूप में अध्यापक शिक्षा और स्नातक कार्यक्रमों की पहचान की है। छात्रो के २०१५-२०१७ बैच के लिए एमए सार्वजनिक नीति एमए स्थिरता के दो नए परास्नातक कार्यक्रम की पेशकश की जाएगी। यह विश्वविद्यालय अपने स्वयं के परिसर में २०१५-२०१७ के छात्रों ले जाने की योजना बनायी गयी है। अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय ने भारत में एक महत्वपूर्ण आवश्यकता के रूप में अध्यापक शिक्षा और स्नातक कार्यक्रमों के पहचान की है और उसके साथ शैक्षणिक वर्ष 2015 से वे स्नातक और एकीकृत अध्यापक शिक्षा और परास्नातक कार्यक्रमों की पेशकश करने की तैयारी कर रहे है। इन नए पाठ्यक्रमो और कार्यक्रमों के साथ साथ अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय ने २०१४ से २०१७ तक करीब ३००० छात्रों से आसपास लगभग ८०० छात्रों की परिकल्पना की है।

लाइब्रेरी[संपादित करें]

अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय में ८००० वर्ग फूट से अधिक क्षेत्र तक उनका पुस्तकालय फैला हुआ है। इस पुस्तकालय में लगभग २२,००० से अधिक पुस्तक है और १५० से अधिक प्रिंट से साथ ही आनलाइन पत्रिकाओं का संग्रह भी है। यह पुस्तकालय आधुनिक बुनियादी सुविधाओं आईटी के छात्रों और शोधकर्ताओं ने वाईफाई की तकनीक के माध्यम से अपनी सूची और ई संसाधनो का उपयोग करने की अनुमति भी देता है। पुस्तकालय एक प्रिंट के व्यापक संग्रह, शिक्षा, दर्शन, मनोविज्ञान, डेवलपमेंट स्टडीज़, कानून, राजनीति विज्ञान, स्वास्थ्य और सार्वजनिक नीति पर डिजिटल और मीडीया संसाधनो का साधन है। ऐसे एब्स्को, जेस्टोर, मानुपात्र, कुएस्टिया बाबा और विश्व बैक अथवा ई-लाइब्रेरी के रूप में आनलाइन संसाधन भी शिक्षण और अनुसंधान के कर्मचारियों के लिए प्रधान किया जाता है।

प्रवेश प्रक्रिया[संपादित करें]

प्रवेश सभी विषयों से स्नातक करने के लिए खुली है। ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को वरीयता दी जाती है। दूसरे छात्रों को एक लिखित परीक्षा, समूह चर्चा और साक्षात्कार सहित एक तीन स्तरों पर इस विश्वविद्यालय में प्रवेश मिलता है।

Azim Premji University, Admission day

शुल्क और छात्रवृत्ति[संपादित करें]

२०१३ में शिक्षण शुल्क रुपये में संरचित किया गया था। रु. ४८,०००/- इसी तरह के कई राज्य चलाने के शैक्षक संस्थानों के साथ लाइन में है जो प्रतिवर्ष, प्रति विश्वविद्यालय के छात्रों को अपने फीस को कवर करने में मदद करने के लिए ही अलग श्रेणी के कुछ छात्रवृतियां प्रधान करता है। छात्रवृत्ति ट्यूशन और छात्र आवास से संबंधित बोर्डिंग और लॉजिंग के खर्च का हिस्सा कवर किया जाता है। छात्रवृत्ति के अलावा इस विश्वविद्यालय के सामाजिक क्षेत्र में कैरियर ऊपर ले या संबंधित डोमेन में उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने और शिक्षण अनुसंधान या क्षेत्र सगाई के माध्यम से योगदान दिया जाता है जो छात्रों के लिए ऋण चुकौती सहायता प्रदान करता है। यह समर्थन ऐसे ब्याज माफी या सब्सिडी, और ऋण का हिस्सा प्रतिपूर्ति के रूप में विभिन्न रूपों में छात्रों को प्रदान किया जाता है। चयनित छात्रों के लिए विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया के दौरान आधार मामलों पर इस तरह के समर्थन के लिए प्रक्रिया से बाहर काम करना पड़ता है। विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए रियायती शिक्षा ऋण की व्यवस्था में मदद के रूप में अच्छी तरह से करते है।

संकाय[संपादित करें]

अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के शिक्षा और विकास में १०० से अधिक एक संकाय समूक है। संकाय में मोजूद ६० प्रतिशत से अधिक लूगोन के पार डॉक्टरेट की डिग्री है। विश्वविद्यालय १०:१ के एक छात्र शिक्षक अनुपात को बनाए रखता है।

अनुसंधान और साझेदारी[संपादित करें]

विश्वविद्यालय के अनुसंधान परियोजनाओं में लगा हुआ है और सरकारी कर्मचारियों के लिए शिक्षा दृष्टिकोण, नेतृत्व और शिक्षाविदों में तीस से अधिक क्षमता वृद्धि कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। विश्वविद्यालय इस तरह के प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान, मैसूर के रूप में राष्ट्रीय और राज्य क्षमता विकास संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन पर है। नेतृत्व की स्थिति में सरकार कार्यकर्ताओं के लिए क्षमता बढ़ाने के चौखटे को विकसित करने और प्रशासनिक रिसर्च के राष्ट्रीय संस्थान विश्वविद्यालय भी मिशीगन स्टेट विश्वविद्यालय के साथ भागीदारी रखता है और शैक्षिक विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करना। अंततः भारत के विशाल, संघर्ष स्कूल प्रणाली में सुधार के साथ ही बढ़ावा देने में सफल सिद्ध कर देता है कि विकास के लिए रणनीति बनाने के लिए, समान विकास के लिए गरीबी को कम करना चाहिए।

जीवंत अकादमिक बहस[संपादित करें]

अपनी स्थापना के बाद विश्वविद्यालय ने शिक्षा के दर्शन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार और कानून, प्रशासन और विकास का आयोजन किया था। पहला अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी जनवरी २०१३ में आयोजित किया गया था। शिक्षा के दर्शन पर दूसरा अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी मई १०२४ को आयोजित किया जाने का निर्णय किया गया है। विश्वविद्यालय का सोच नई आर्थिक संस्थान के साथ भागीदारी की भी है और उसके साथ विकास पर उन्नत स्नातक कार्यशालाओं, गर्मियों और सर्दियों का आयोजन भी किया गया है।


^ http://www.azimpremjiuniversity.edu.in/degree-programmes