वल्लभरसिंक

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वल्लभरसिंक, प्रसिद्ध संस्कृत काव्य "प्रेमपत्तन" के रचयिता रसिकोत्तंस जी के अनुज थे। ये दोनों भाई गदाधर भट्ट जी के पुत्र माने जाते हैं। संभव है, वे एक दो पीढ़ी बाद के हों। उत्सवादि संबंधी इनके सरस सुंदर पद बड़े चाव से वृंदावन के मंदिरों में गाए जाते हैं। इनकी "माँझ" प्रसिद्ध है। इनका समय सत्रहवीं शती विक्रमीय है। इनकी समग्र प्राप्त वाणी का संग्रह प्रकाशित हो चुका है।