वंश (संस्कृत)

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संस्कृत में वंश का अर्थ 'कुल' या 'परिवार' है। किन्तु 'वंश' उपसर्ग से युक्त नाम से प्राचीन काल में एवं मध्यकाल में कुछ बौद्ध, हिन्दू और जैन ग्रन्थ भी लिखे गए हैं। इन ग्रन्थों में वंशावलियाँ दी गयीं हैं। यूरोपीय साहित्य में जिस प्रकार से इतिहास की रचना हुई है, ये ग्रन्थ उसी तरह के हैं किन्तु अन्तर यह है कि ये ग्रन्थ अधिकांशतः मिथकीय प्रतीत होते हैं। इनमें पुनर्जन्म जैसे आध्यात्मिक सिद्धान्त अन्तर्निहित हैं।

बौद्ध धर्म[संपादित करें]

हिन्दू धर्म[संपादित करें]

जैन धर्म[संपादित करें]

जैन धर्म का अनपा अलग 'हरिवंश' है।