लाल रक्त कोशिका

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मानव की लाल रुधिर कणिकाओं का परिवर्धित दृश्य

लाल रक्त कोशिका (red blood cells or erythrocytes), रक्त की सबसे प्रमुख कोशिका है। और संख्या में सबसे बड़ी है यह पूरे रूधिर का 40% भाग होता है यह रीढ़धारी जन्तुओं के श्वसन अंगो से आक्सीजन लेकर उसे शरीर के विभिन्न अंगों की कोशिकाओं तक पहुंचाने का सबसे सहज और व्याप्त माध्यम है। इस कोशिका में केन्द्रक नहीं होता है। इसकी औसत आयु १२० दिन की है। इसकी खोज एंटोनी लुवेन हॉक ने की मानव शरीर की सबसे छोटी कोशिका आरबीसी को माना जाता है] [1] इसमें हीमोग्लोबिन नाम का प्रोटीन पाया जाता है। लाल रक्त कोशिका का निर्माण वयस्क मानव में अस्थिमज्जा मेंऔर भूर्णिय अव्यस्था में प्लीहा या यकृत में होता है। इनमे केन्द्रक अनुपस्थित तो है परन्तु ऊँट,जिराफ,लामा के लाल रक्त कोशिका में केन्द्रक पाया जाता है।सबसे बड़ी RBC हाथी में और सबसे छोटीRBC कस्तुरी हिरण में पायी जाती हैं ।RBC का जीवनकाल 20 से 120 दिन होता हैं ।लाल रक्त कण ( RBC) यकृत और प्लीहा में नष्ट होते हैं |प्लीहा को RBC का कब्रिस्तान कहा जाता हैं


RBC में केंद्र उपस्थिति होता है क्यूंकि केंद्र के स्थान पर हीमोग्लोबिन पाया जाता है महिला में 12-14,पुरुष14-16)और इसे मापने के लिए हमिसिमोमिट्र का उपयोग किया जाता है| RBC का उभयावतल होता हैऔर ब्लिकुल पेडे के आकार का होता है |] RBC को इरिथ्रोसाइट भी कहते है ।

आकार

यह कोशिका डिस्क के आकार की होती है। यह परिधि (periphery) पर मोटा और मध्य में कम मोटा होता है। विभिन्न जंतुओं में RBC का आकार अलग अलग होता है। हाथी में सबसे बड़ी जबकि कस्तूरी मृग में सबसे छोटी RBC पाई जाती है।

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ