रत्नाप्पा कुंभार

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डॉ रत्नाप्पा कुम्हार

जन्म 15 सितम्बर 1909
इचलकरंजी कोल्हापुर
मृत्यु 23 सितम्बर 1998
व्यवसाय राजनीति


डॉ रत्नाप्पा भरमप्पा कुम्हार (1909 - 1998) एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे, जो भारत की संविधान सभा के सदस्य तथा उसके सचिव चुने गए थे। उन्हें देशभक्त रत्नप्पा भी कहा जाता है। वह भीमराव आम्बेडकर के साथ भारत के संविधान के अंतिम मसौदे पर हस्ताक्षर करने वाले व्यक्तियों में से एक थे।[1]

परिचय[संपादित करें]

डॉ रत्नाप्पा कुम्हार प्रजापति का जन्म 15 सितंबर 1909 को महाराष्ट्र के ज़िला कोल्हापुर के इचलकरंजी नगर एक कुम्हार परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम भरमप्पा कुम्हार प्रजापति था अपनी युवावस्था के दौरान वे राजनीतिक और सामाजिक कार्यों में गहरी रुचि रखते थे और माधवराव बागल और दिनाकरा देसाई जैसे अन्य सहयोगियों के साथ स्थानीय रियासतों के शासकों के खिलाफ प्रजापरिषद बैनर के तहत समर्थन जुटाते थे।

, देसाई और अन्य को कोल्हापुर राज्य द्वारा 8 जुलाई 1939 को गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर जुर्माना लगाया गया। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और बाद में लगभग 6 वर्षों तक भूमिगत रहे। वह रियासतों के विघटन के आंदोलन में सबसे आगे थे। स्वतंत्रता आंदोलन के लिए उनकी लंबी भक्ति के लिए, उन्हें देशभक्त ("देशभक्त") रत्नाप्पा कुम्भार प्रजापति कहा जाता था।

राजनैतिक सफर[संपादित करें]

स्वतंत्रता के बाद, वह भारतीय संविधान को तैयार करने वाली समिति के सदस्य बने। वह 1952 मे कोल्हापुर संसदीय सीट से सांसद के रूप में चुने गए । इचलकरंजी में एक चीनी मिल की स्थापना के लिए वह संस्थापक थे।

1962, 1967, 1972, 1978 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट पर शिरोल विधानसभा सीट से विधायक के रूप प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने 1974 से 1978 तक महाराष्ट्र सरकार में "खाद्य और नागरिक आपूर्ति" राज्य मंत्री के रूप में नेतृत्व किया। लेकिन 1980 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

1985 में उन्हें (सामाजिक कार्यों) के लिए पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कोल्हापुर और हटकानांगल तहसील की औद्योगिक और कृषि समृद्धि लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

रत्नाप्पा का 89 वर्ष की आयु में 23 दिसंबर 1998 की सुबह निधन हो गया। कोल्हापुर में देशभक्त रत्नप्पा कॉलेज ऑफ कॉमर्स कॉलेज का नाम उनके नाम पर रखा गया है। महाराष्ट्र के कम्पटी जिले नागपुर में श्री रामदास खोपे ने देशभक्त रत्नप्प विद्यालय के नाम से एक स्कूल की स्थापना की है। ये रत्नाप्पा कुम्हार प्रजापति जाति के थे जो की एक कुम्हार परिवार से थे।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Singh, Trilochan (1952). Personalities: A Comprehensive and Authentic Biographical Dictionary of Men who Matter in India. [Northern India and Parliament] (अंग्रेज़ी में). Arunam & Sheel.

बाहरी कड़ियां[संपादित करें]