मिढाकुर गाँव, आगरा प्रखंड (आगरा)

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मिढाकुर आगरा प्रखंड, आगरा, उत्तर प्रदेश स्थित एक गाँव है।

इस गाँव का प्राचीन नाम मीर आकुर था । बादशाह अकबर के ज़माने में यहॉं हाथी ठहरते थे इस लिये घास की मंडी लगती थी।यहाँ घास का दरोग़ा भी रहता था .फ़ारसी में मीर का अर्थ हेता है दरोग़ा और आकुर कहते हैं घास को। इसी लिये गाँव का नाम मीर आकुर पड़ा जो कालांतर में मिराकुर फिर मिढाकुर हो गया ।गाँव में हाथियों के ठहरने का स्थान अाज भी अहाथे के नाम से जाना जाता है। यहाँ अकबर की बनवाइ हुई शाही मस्जिद मौजूद है। कृष्ण जी का अति प्राचीन मंदिर गाँव के गौरव को और भी बढ़ाता है। शिक्षा के क्षेत्र में भी यह गॉंव अग्रणी रहा है।कहते हैं कि यहॉं रहकर गणेश शंकर बिध्यार्थी जी ने भी शिक्षा ग्रहण की थी ।श्रीइकबाल वहादुर क्षेत्र के प्रथम स्नातक हु्ए जिनके सुपुत्र मुख़्तार अहमद माननीय उच्च न्यायालय इलाहबाद में न्यायाधीश रहे हैं ।गाँव साम्प्रदायिक सद्भाव के लिएभी मशहूर है।सभी धर्म व सम्प्रदाय के लोग आपस में प्रेम पूर्वक मिलजुल कर रहते हैं।श्री चिरंजी लाल पटेल गाँव के ज़मींदार व मुखिया रहे जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी क्षेत्र की एकता पर कभी आँच नहीं आने दी। डॉक्टर लालसिंह, चौधरी गिर्राज सिंह सोलंकी,मानसिंह,अली हुसैन गाँव के प्रतिष्ठित व्यक्ति रहे है ।