मानव प्रजातियां
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प्रजाति (race) का तात्पर्य वर्तमान मेधावी मानव की जीव वैज्ञानिक विशेषताओं के आधार पर उसके उस वर्गीकरण से हैं, जिसका प्रत्येक वर्ग वंशानुक्रम के द्वारा शारीरिक लक्षणों में पर्याप्त समानता रखता हैं। किसी प्रजातिय वर्ग जिनमें सभी लोगों के बीच नस्ल या जन्मजात सम्बन्ध पाए जाते हैं और उनके द्वारा पीड़ी-दर-पीड़ी उनका वहन किया जाता हैं। प्रसिद्ध भूगोलवेत्ता क्रोबर के अनुसार "प्रजाति एक प्रमाणिक प्राणिशास्त्रीय अवधारणा हैं। यह एक समूह है जो वंशानुक्रमण, वश या प्रजातीय गुण अथवा उप-समुह के द्वारा जुडा होता हैं। यह सामाजिक -सांस्क्रतिक अवधारणा नही हैं।YOUTUBE dm classes upsc। [1]
प्रजाति की उत्पत्ति तथा विकास के कारक
[संपादित करें]शारीरिक लक्षण
[संपादित करें]- त्वचा का रंग
- कद
- चेहरा
- बाल
- सिर की बनावट अथवा कपाल सूचकांक
- नाक की आकृति तथा नासिका सूचकांक
मानव प्रजातियों का वर्गिकरण
[संपादित करें]- मंगोलायड प्रकाति
- मलैनेशियन
- नीग्रोइड्स
- माइक्रोनेशियन
- कांगो बेसिन के पिग्मी
- आस्ट्रेलायड्रस
- एनु
- वेडायड
- हाटेन्टॉट्स
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Gannon, Megan (5 February 2016). "Race Is a Social Construct, Scientists Argue". Scientific American (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2020-09-08.
बाहरी कड़ियाँ
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