मंदिर प्रवेश उद्घोषणा

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मंदिर प्रवेश उद्घोषणा सन १९३६ में त्रावणकोर के महाराजा चित्तिर तिरुनाल बालरामवर्म्म द्वारा की गयी एक उद्घोषणा है जिसके द्वारा तथाकथित 'नीची जाति' के लोगों को त्रावणकोर राज्य के हिन्दू मन्दिरों में प्रवेश के निषेध को समाप्त कर दिया गया।