भारत में वनोन्मूलन

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बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई करना वनोन्मूलन है।[1] कृषि प्रधान देश होने की वजह से भारत में वनोन्मूलन एक बड़ी समस्या बनती जा रही है, क्योंकि खेती के लिए, चारागाहों के लिए और चाय, कॉफी की फसलों को उगाने आदि के लिए जंगलों को काटा जा रहा है। सत्तर के दशक के प्रारम्भ में किये गये सर्वेक्षण के अनुसार भारत में केवल 22.7% वन्यावरण थे जबकि "राष्ट्रीय वन पॉलिसी" के अनुसार 33% वन्यावरण वांछित है।[2]

२००९ में किये गए सर्वेक्षण के अनुसार वनोन्मूलन के मामले में भारत की दसवीं रेंक है, जहां विश्व में वनोन्मूलन की दर सालाना १३.७ मिलियन हेक्टेयर थी।[3]

परिणाम[संपादित करें]

वनोन्मूलन के कई दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। पशु पक्षियों की कई प्रजातियों के अस्तित्व तक को खतरा पैदा हो चुका है।[4] वर्षा के प्रभावित होने से पानी की समस्या तथा वायु प्रदुषण की समस्या पैदा हो रही है।[5]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. "वनोन्मूलन (Vanonmulan) meaning in English - वनोन्मूलन मीनिंग - Translation". dict-hinkhoj-com.cdn.ampproject.org. अभिगमन तिथि 2021-01-15.[मृत कड़ियाँ]
  2. "वनोन्मूलन | Hindi Water Portal". India Water Portal Hindi. मूल जाँचें |url= मान (मदद) से 26 अगस्त 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2021-01-13.
  3. Gore, Al (2009-11-03). Our Choice: A Plan to Solve the Climate Crisis (अंग्रेज़ी में). Rodale Books. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-59486-734-7.
  4. "Deforestation Serious Threat to Bats in India". The New Indian Express. अभिगमन तिथि 2021-01-15.
  5. "वनोन्मूलन का निम्न पर क्या प्रभाव पड़ता है, चर्चा कीजिए-(क) वन्यप्राणी(ख) पर्यावरण(ग) गाँव (ग्रामीण - Brainly.in". brainly.in (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2021-01-15.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]