भारत का विद्युत क्षेत्र

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Sunset at Thermal power plant, Barwala ,Hisar

भारत का विद्युत क्षेत्र मुख्यत: सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के नियंत्रण में है। विद्युत उर्जा के उत्पादन में एनटीपीसी, राष्ट्रीय जलविद्युत निगम (एनएचपीसी), भारतीय नाभिकीय शक्ति निगम (NPCI) एवं भाविनी आदि प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त बहुत सी इकाइया ऐसी हैं जो राज्यों के अधीन हैं और वे भी विद्युत शक्ति के उत्पादन एवं सम्बन्धित राज्य के अन्दर विद्युत वितरण के कार्य में संलग्न हैं। पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया राष्त्रीय ग्रिड के विकास तथा राज्यों के बीच विद्युत पारेषण के लिये जिम्मेदार है।

भारत में उपयोगिता बिजली क्षेत्र में 31 जुलाई 2019 तक 360.456 GW की स्थापित क्षमता वाला एक राष्ट्रीय ग्रिड है। [3] नवीकरणीय बिजली संयंत्र, जिसमें बड़े पनबिजली संयंत्र भी शामिल हैं, भारत की कुल स्थापित क्षमता का 34.86% है। 2017-18 के वित्तीय वर्ष के दौरान, भारत में उपयोगिताओं द्वारा उत्पन्न सकल बिजली 1,303.49 TWh थी और 2018-19 की अवधि में देश में कुल बिजली उत्पादन (उपयोगिताओं और गैर उपयोगिताओं) 1,561.1 TWh था। [5] [6] 2017-18 के वित्तीय वर्ष के दौरान सकल बिजली की खपत 1,149 kWh प्रति व्यक्ति थी। [5] भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और बिजली का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। [8] [largest] 2015-16 के वित्तीय वर्ष में, कृषि में विद्युत ऊर्जा की खपत दुनिया भर में सबसे अधिक (17.89%) दर्ज की गई थी। [5] भारत में सस्ता बिजली शुल्क होने के बावजूद प्रति व्यक्ति बिजली की खपत अन्य देशों की तुलना में कम है। [९]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]