ब्रह्मशिरा अस्त्र

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ब्रह्मशिर अस्त्र[संपादित करें]

ब्रह्माजी ने ब्रह्मास्त्र से भी अधिक शक्तिशाली ब्रह्मशिर अस्त्र बनाया था। जैसा कि नाम से पता चलता है, इसमें ब्रह्मास्त्र की तुलना में चार गुना अधिक शक्ति थी। इसके नोंक के स्थान पर ब्रह्मा जी के चारों शीश लगे हुए थे। इसके प्रयोग से ब्रह्मास्त्र को भी विलीन किया जा सकता था।


प्राप्ति[संपादित करें]

केवल महर्षि अग्निवेश, भगवान परशुराम और अर्जुन ही इसके आहवान् करने का ज्ञान रखते थे।

ब्रह्मशिर की प्राप्ति अत्यंत ही कठिन है, और उसको साध पाना उससे भी ज्यादा कठिन। ब्रह्मशिर की प्राप्ति भगवान ब्रह्मा की तपस्या के फलस्वरूप होती है।

प्रयोग[संपादित करें]

ब्रह्मशिरा अस्त्र के प्रयोग का केवल एक ही वृत्तांत मिलता है, देवासुर संग्राम में असुर राज जलन्धर द्ववारा देवताओं की सेना पर।