बृहत्कथाश्लोकसंग्रहः

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बृहत्कथाश्लोकसंग्रहः पुस्तक की रचना बुधस्वामी के द्वारा संस्कृत में की गई है। यह गुणाढ्य द्वारा पैशाची भाषा में लिखित बड्डकहा (संस्कृत: बृहत्कथा) पर आधारित ग्रंथ है।[1] ध्यातव्य है कि बृहत्कथा अपने मूल रूप में अब अप्राप्य है और इसकी कथाओं का रूपांतरण कथासरित्सागर, बृहत्कथामंजरी तथा बृहत्कथाश्लोकसंग्रहः में विद्यमान है।[2] इसकी एक प्रति नेपाल में प्राप्त हुई थी[3] जिस पर आधारित विवेचन उपलब्ध है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Dwivedi, Hazariprasad (2007). Hazari Prashad Diwedi Granthawali-V-1-11. Rajkamal Prakashan. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-267-1363-9. अभिगमन तिथि 28 दिसम्बर 2021.
  2. वी. डी., महाजन. प्राचीन भारत का इतिहास. एस. चंद प्रकाशन. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-219-0879-5. अभिगमन तिथि 28 दिसम्बर 2021.
  3. प्रसाद, राजेन्द्र (2010). संस्कृत और संस्कृति. प्रभात प्रकाशन. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7315-746-2. अभिगमन तिथि 28 दिसम्बर 2021.