बिहार लोक सेवा आयोग

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बिहार लोक सेवा आयोग
संक्षेपाक्षर बि.लो.से.आ.
स्थापना 1 अप्रैल 1949; 75 वर्ष पूर्व (1949-04-01)
प्रकार भर्ती एजेंसी
उद्देश्य भर्ती करवाना
मुख्यालय पटना, बिहार
सेवित
क्षेत्र
बिहार
Chairman
श्री आर के महाजन, आईएएस (सेवानिवृत्त)
Members

श्री इम्तियाज अहमद करीमी, बिहार प्रशासनिक सेवा

डॉ. अशोक कुमार शर्मा, बिहार प्रशासनिक सेवा

प्रो. दीप्ति कुमारी

डॉ. अरुण कुमार भगत, बिहार प्रशासनिक सेवा

श्री शोभेन्द्र कुमार चौधरी, बिहार प्रशासनिक सेवा
स्टाफ़
३००
जालस्थल bpsc.bih.nic.in

बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) भारत के संविधान द्वारा बनाई गई एक संस्था है। जो आवेदकों की योग्यता के अनुसार भारतीय राज्य बिहार में सिविल सेवाओं के लिए आवेदकों का चयन करता है।[1][2]

बिहार लोक सेवा आयोग का इतिहास[संपादित करें]

भारत के संविधान के इतिहास से पता चलता है कि कुछ पदों पर नियुक्ति के लिए प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करने की अवधारणा वर्ष 1853 में विचार में आई थी और इसे आकार देने के लिए एक समिति का गठन वर्ष 1854 में  Lord Macaulay की अध्यक्षता में किया गया था। बिहार लोक सेवा आयोग उड़ीसा और मध्य प्रदेश राज्यों के लिए आयोग से अलग होने के बाद 1 अप्रैल 1949 से अस्तित्व में आया था।

इसकी शुरुआत 1965 ई० में भारत सरकार अधिनियम 1965 के तहत किया गया था। जब राज्य लोक सेवा आयोग तथा संध लोक सेवा आयोग का गठन किया गया था और साथ ही साथ बिहार में भी Civil Service का परीक्षा कराने के लिए Bihar Public Service Commission (BPSC) का गठन किया गया।।[3] यह आयोग मुख्य रूप से प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा, वित्त और राजस्व जैसे विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर भारतीय नागरिकों को नियुक्त करने के लिए सरकारी नौकरी भर्ती परीक्षा [4] आयोजित करता है।

भर्ती प्रक्रिया[संपादित करें]

भर्ती दो तरीकों से की जाती है

1. सीधी भर्ती :- सीधी भर्ती मुख्य रूप से प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करने के माध्यम से की जाती है जिसमें चयन निम्नलिखित में से किसी एक प्रक्रिया के आधार पर किया जाता है।

प्रक्रिया 1

Total marks :- 150

Time :- 2 घंटे (hours)

Paper Type :- वस्तुनिष्ट प्रशन(objective question)

Mode of Exam :- offline (pen-paper)

क) प्रारंभिक परीक्षा

बी) प्रारंभिक परीक्षा में सफल उम्मीदवारों की मुख्य (लिखित) परीक्षा।

ग) साक्षात्कार।

प्रक्रिया २

Total Marks :- 1000

Time :- 3 घंटे प्रत्येक पेपर के लिए

Total Exam Paper :- 4

Name Of Each Paper With Marks :- Hindi/हिंदी (100 मार्क्स Only Qualifying), General Studies Paper 1 / सामान्य अध्ययन पत्र 1 (300 मार्क्स), General Studies Paper 2 / सामान्य अध्ययन पत्र 2 (300 मार्क्स) और Optional Paper (300 मार्क्स)

Paper Type :- Subjective (लिखित)

Mode Of Exam :- Offline ( Pen&Paper )

मुख्य (लिखित) और साक्षात्कार

प्रक्रिया 3

केवल साक्षात्कार

2. पदोन्नति :- लोक सेवकों को पदोन्नति इसके लिए गठित विभागीय प्रोन्नति समिति (आयोग की अध्यक्षता में) के माध्यम से तथा राज्य सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार प्रदान की जाती है।

बिहार शिक्षक भर्ती एक लाख से अधिक लोगों को मिली नौकरी, बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति ली गई है. यहां दो चरणों में शिक्षकों की भर्ती हुई. पहले चरण में एक लाख 23 हजार से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति हुई. जबकि, दूसरे चरण में 94 हजार से अधिक शिक्षकों की बहाली हुई है.[5]

वार्षिक रिपोर्ट[संपादित करें]

भारत के संविधान का अनुच्छेद 323 के अनुशार बिहार लोक सेवा आयोग, आयोग द्वारा किए गए कार्यों की वार्षिक रिपोर्ट बिहार के राज्यपाल को प्रस्तुत करता है।[6]  

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Bihar Public Service Commission". www.bpsc.bih.nic.in. अभिगमन तिथि 2021-08-03.
  2. Feb 10, TNN / Updated:; 2017; Ist, 11:33. "BPSC prelims: High Court relief to aspirants challenged | Patna News - Times of India". The Times of India (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2021-08-03.सीएस1 रखरखाव: फालतू चिह्न (link)
  3. "BPSC क्या है". biharseva.com. मूल से 20 दिसंबर 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2022-12-20.
  4. "Bihar BPSC Vacancy". https://www.bihargovtjobs.in. अभिगमन तिथि 2023-07-29. |website= में बाहरी कड़ी (मदद)
  5. "बिहार शिक्षक भर्ती में एक लाख से अधिक लोगों को मिली नौकरी". Prabhat Khabar. 13 January 2024.
  6. "Article-323. Reports of Public Service Commissions. | UPSC". www.upsc.gov.in. अभिगमन तिथि 2021-08-03.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]