देवशयन

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हिन्दू धर्म में देवशयन चार माह के उस काल को कहा जाता है जिसमें यह माना जाता है कि इस समय देवता विश्राम के लिए चले जाते हैं और इस समय में विवाह एवं अन्य मांगलिक कार्य बन्द रहते हैं।[1] देवशयन का समय आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक का माना जाता है। कार्तिक शुक्ल एकादशी को "देव उठनी एकादशी" भी कहा जाता है।[2][3]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "देवशयन एकादशी पर्व मनाया : चार माह तक नहीं होंगे मांगलिक कार्य". दैनिक भास्कर. १ जुलाई २०१२. मूल से 11 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १० जून २०१५.
  2. "कल देव सोएंगे, चार माह नहीं होंगे मांगलिक कार्य". दैनिक नवज्यौति. १० जुलाई २०१४. मूल से 10 जून 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १० जून २०१५.
  3. "तुलसी से विवाह के लिए जागेंगे शालिग्राम". नई दुनिया, दैनिक जागरण. २८ अक्टूबर २०१४. मूल से 3 जनवरी 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १० जून २०१५.