दूरस्थ प्रयोगशाला

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दूरस्थ प्रयोग की व्यवस्था और उसके विभिन्न अंग

दूरसंचार प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए सुदूर स्थित किसी प्रयोगशाला के उपकरणों का उपयोग करके वास्तविक प्रयोग (आभासी प्रयोग नहीं) करना, दूर-प्रयोग कहलाता है, और इस प्रकार की प्रयोगशाला दूरस्थ प्रयोगशाला (रिमोट लैबोरेटरी) कहलाती है। इसमें प्रयोग के उपकरण कहीं दूर देश में होते हैं, और प्रयोगकर्ता किसी अन्य जगह पर (जैसे किसी अन्य देश में) होते हैं।

लाभ[संपादित करें]

दूरस्थ प्रयोगशाला के लाभ वैसे तो किसी भी क्षेत्र (विषय) के प्रयोग करने के लिए उपयोगी हैं, किन्तु इंजीनियरी शिक्षा के लिए इनका विशेष महत्व है।

  • समय का कोई बन्धन नहीं, (जब समय हो प्रयोग किया जा सकता है)
  • प्रयोगशाला में जाना आवश्यकता नहीं। (अपने कम्प्यूटर पर बैठे, अपने घर से प्रयोग किया जा सकता है।)
  • एक ही प्रयोगशाला को बहुत से विद्यार्थी उपयोग कर सकते हैं, अतः ऐसी प्रयोगशाला स्थापित करना और चलाना सस्ता पड़ता है।
  • प्रयोग की गुणवत्ता भी अच्छी होती है।
  • अधिक सुरक्षित

हानियाँ[संपादित करें]

किसी प्रयोगशाला में सशरीर जाकर प्रयोग करने की अपेक्षा इसकी कुछ हानियाँ भी सम्भव हैं जो दूरस्थ प्रयोगशाला की प्रकृति पर निर्भर हैं।

  • दूरस्थ प्रयोगशाला में कोई समस्या आने और उस समस्या को सुलझाने का अवसर नहीं मिलता।
  • उपकरण जोड़ने (equipment setup) से विद्यार्थी वंचित रहता है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]