दिल्ली में वायु प्रदूषण

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भारत की राजधानी और केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर विश्व के प्रमुख शहरों में सबसे खराब है। विश्व के 1,650 शहरों पर किए गए WHO सर्वेक्षण और अगस्त 2022 में अमेरिका स्थित स्वास्थ्य प्रभाव संस्थान (Health Effects Institute) द्वारा 7,000 विश्व शहरों के सर्वेक्षण ने दिल्ली की हवा को सबसे खराब होने की पुष्टी की। [1]इसका असर दिल्ली के आसपास के जिलों पर भी पड़ता है। [2][3] भारत में वायु प्रदूषण से प्रत्येक वर्ष लगभग 2 मिलियन लोगों के मारे जाने का अनुमान है। वायु प्रदूषण भारत में पांचवां सबसे बड़ा मृत्यु का कारण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में पुरानी सांस की बीमारियों और अस्थमा से मृत्यु दर दुनिया में सबसे अधिक है।

25 नवंबर 2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली में प्रदूषण पर बयान देते हुए कहा, "दिल्ली नरक (नरक)" से भी बदतर हो गई है। [4] सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अरुण मिश्रा ने कहा कि इससे अच्छा है कि बम या विस्पोटक से सबको मार दिया जाए। [5]

दिल्ली में पार्टिकुलेट मैटर का स्तर[संपादित करें]

वायु प्रदूषण का स्तर वायु की गुणवत्ता से मापी जाती है। हवा में मौजूद कण पदार्थ जो PM10 (10 माइक्रोन से छोटे कण) और PM2.5 (2.5 माइक्रोन से छोटे कण, मानव बाल से लगभग 25 से 100 गुना पतले) के बीच के होते हैं। PM2.5 की अधिकता वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को इंगित करता है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. कोशी, जैकब (2022-08-17). "Delhi's PM2.5 levels worst in the world". The Hindu. अभिगमन तिथि 2022-08-18.
  2. "Ambient (outdoor) air pollution in cities database 2014". who.int. WHO. 2014. मूल से 28 March 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 May 2015.
  3. हैरिस, , गार्डिनर (14 February 2015). "Delhi Wakes Up to an Air Pollution Problem It Cannot Ignore". The New York Times. अभिगमन तिथि 30 May 2015.
  4. "'Delhi worse than hell': Supreme Court rebukes Centre, states on air pollution". Hindustan Times (अंग्रेज़ी में). 25 November 2019. अभिगमन तिथि 26 November 2019.
  5. ""Better To Get Explosives, Kill Everyone": Supreme Court On Delhi Pollution". NDTV.com. अभिगमन तिथि 26 November 2019.