चीन-रूस सीमा विवाद

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चीन-रूसी सीमा संघर्ष (1652-1689) किंग राजवंश और रूस के ज़ार के बीच बार बार होने वाली झड़पों की एक श्रृंखला थी जिसमें रूस ने अमूर नदी के उत्तरी क्षेत्र की भूमि हासिल करने की कोशिश करि परन्तु विफल रहे। इस सीमा संघर्ष में चीन को कोरिया के जोसियन राजवंश से सहायता मिली। शत्रुता का समापन किंग सेना द्वारा अल्बाज़िन (1686) के कोसैक किले की घेराबंदी से हुआ और इसके परिणामस्वरूप 1689 में नेरचिन्स्क की संधि हुई जिसमे चीन को अतिरिक्त भूमि का फायदा हुआ।[1][2]

इतिहास[संपादित करें]

स्टैनोवॉय पर्वत श्रृंखला के दक्षिण में साइबेरिया के दक्षिण-पूर्व कोने में रूस और चीन के बीच दो बार युद्ध लड़ा गया था।भौगोलिक दृष्टि से स्टैनोवॉय पर्वत श्रृंखला उत्तर में आर्कटिक में बहने वाली नदियों को दक्षिण में अमूर नदी से अलग करती है। पारिस्थितिक रूप से, यह क्षेत्र साइबेरियाई बोरियल वन का दक्षिण-पूर्वी किनारा है, जिसमें कुछ क्षेत्र कृषि के लिए अच्छे हैं। सामाजिक और राजनीतिक रूप से, लगभग 600 ईस्वी से, यह चीनी-मांचू साम्राज्य का उत्तरी किनारा था। विभिन्न चीनी राजवंश इस्पे अपनी संप्रभुता का दावा करते, किलों का निर्माण करते और जब वे पर्याप्त मजबूत होते तो कर भी वसूल करते। मिंग राजवंश क्षेत्रीय सैन्य आयोग[3] ने ऐगुन में अमूर के उत्तरी तट पर एक किला बनाया,[4] और निकोलेवस्क-ऑन-अमूर के ऊपर तेलिन में एक प्रशासनिक सीट की स्थापना की।[5]

साइबेरिया में रूसी विस्तार 1582 में सिबिर के खानटे की विजय के साथ शुरू हुआ। 1643 तक वे ओखोटस्क में प्रशांत महासागर तक पहुंच गए। येनिसी नदी के पूर्व में, डौरिया को छोड़कर बाकि की भूमि कृषि के लिए अनुकूल नहीं थी। स्टैनोवॉय पर्वत श्रृंखला और अमूर नदी के बीच की यह भूमि केवल नाममात्र रूप से किंग राजवंश के अधीन थी।

1643 में, रूसी सेना स्टैनोवॉय पर्वत श्रृंखला पर फैल गए, लेकिन 1689 तक उन्हें किंग द्वारा वापस खदेड़ दिया गया। डौरिया के बारे में सुनने वाले पहले रूसी इवान मोस्कविटिन और मैक्सिम पर्फिलेव थे। 1859/60 में यह क्षेत्र रूस द्वारा कब्जा कर लिया गया था और जल्दी ही ये रूसी आबादी से भर गया।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Wurm 1996, p. 828.
  2. China Marches West: The Qing Conquest of Central Eurasia By Peter C. Perdue Published by Harvard University Press, 2005
  3. L. Carrington Godrich, Chaoying Fang (editors), "Dictionary of Ming Biography, 1368–1644". Volume I (A-L). Columbia University Press, 1976. ISBN 0-231-03801-1
  4. Du Halde, Jean-Baptiste (1735). Description géographique, historique, chronologique, politique et physique de l'empire de la Chine et de la Tartarie chinoise. Volume IV. Paris: P.G. Lemercier. पपृ॰ 15–16. Numerous later editions are available as well, including one on Google Books. Du Halde refers to the Yongle-era fort, the predecessor of Aigun, as Aykom. There seem to be few, if any, mentions of this project in other available literature.
  5. Li, Gertraude Roth (2002). "State Building before 1644". प्रकाशित Peterson, Willard J. (संपा॰). The Ch'ing Empire to 1800. Cambridge History of China. 9. Cambridge University Press. पृ॰ 14. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-521-24334-6.