गॉथिक वास्तुकला
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गॉथिक वास्तुकला (Gothic architecture) वास्तुकला की एक शैली है जो यूरोप में उत्तर मध्यकाल में प्रचलित थी। गॉथिक शैली 'रोमनेस्क वास्तुकला' से जन्मी। यह शैली फ्रांस में १२वीं शती में जन्मी तथा १६वीं शती तक प्रचलित रही। उस काल में इसे 'फ्रांसीसी कर्म' (Opus Francigenum) कहा जाता था। 'गॉथिक' शब्द का प्रयोग पुनर्जागरण के बाद के काल में प्रचलित हुआ। गोथिक शैली के बाद पुनरुद्धार वास्तुकला (Renaissance architecture) का जन्म हुआ। इस शैली की मुख्य विशेषताएँ हैं- बिन्दुमय चाप (pointed arch), रिब किया हुआ गुम्बद, अर्धचाप वप्र (flying buttress)। यूरोप के अनेक महान गिरिजाघरों एवं अन्य ईसाई धार्मिक भवन इसी शैली में बने हैं।
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- Mapping Gothic France, a project by Columbia University and Vassar College with a database of images, 360° panoramas, texts, charts and historical maps
- Holbeche Bloxam, Matthew (1841). Gothic Ecclesiastical Architecture, Elucidated by Question and Answer. Gutenberg.org, from Project Gutenberg
- Brandon, Raphael; Brandon, Arthur (1849). An analysis of Gothick architecture: illustrated by a series of upwards of seven hundred examples of doorways, windows, etc., and accompanied with remarks on the several details of an ecclesiastical edifice. मूल से पुरालेखित 9 मार्च 2013. अभिगमन तिथि 17 अक्तूबर 2020.सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link),, from Internet Archive
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