खण्डनखण्डखाद्यम्

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हर्ष ने वेदांत पर एक अप्रतिम ग्रंथ लिखा जिसका नाम है ''खंडनखंडखाद्य" . पूरे भारत मे सिर्फ़ दो - पांच ही पंडित है जिन्हो ने इसका मुखावलोकन किया है,यह ग्रंथ बहुत ही कठिन है ओर ऐसा कहा जाता हैं कि यह ग्रंथ मां सरस्वती से विचार विमर्श के बाद लिखा गया था। विश्व में यह एक बेजोड़ ग्रंथ है। जर्मन यूनिवर्सिटी के विद्वानों ने सभी उत्तम संस्कृत ग्रंथों का भाषांतर किया है पर इस ग्रंथ के भाषान्तर के प्रयास को आधा छोड़ना पड़ा।