कृष्णकुमार माथुर

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कृष्णकुमार माथुर (१८९३ - १९३६ ई०) प्रसिद्ध भारतीय भूविज्ञानी तथा विख्यात शिक्षाविशारद थे। [1]

परिचय[संपादित करें]

कृष्णकुमार माथुर का जन्म १८९३ ई० में हुआ था। आप बड़े मेघावी छात्र थे। सभी परीक्षाओं में आप प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए तथा सर्वदा आपने योग्यता छात्रवृत्तियाँ पाईं। सन् १९१५ में आप आगरा कालेज से बी० एस सी० परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त कर १९१६ ई० में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये इंग्लैंड चले गए। लंदन विश्वविद्यालय में खनन तथा भूविज्ञान में बी० एस सी० ऑनर्स परीक्षा में सर्वप्रथम रहे और डिलाविचे पदक प्राप्त किया।

लंदन से लौटने पर आप काशी हिंदू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर नियुक्त हुए अैर भूविज्ञान का अध्यापन शुरू किया। जो भी आपके सपर्क में आया, उसपर आपके व्यक्तित्व की छाप पड़ी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय की सेवा के समय दो सत्रों तक आप फकल्टी ऑव साइंस के डीन और अनेक संस्थाओं के सदस्य थे।

भूविज्ञान के क्षेत्र में आपका कार्य अद्वितीय है। डेकन ट्रैप पर किया गया आपका शोध कार्य आज भी अप्रतिम है। आप मुंबई में १९३४ ई० में भारतीय विज्ञान काँग्रेस अधिवेशन में भूविज्ञान विभाग के अध्यक्ष थे। प्रो॰ माथुर बहुत से वैज्ञानिक संस्थाओं के सदस्य और कुछ के संस्थापकों में से थे। ४३ वर्ष की अल्प अवस्था में ही १८ जुलाई १९३६ ई० को लखनऊ में इनका देहावसान हो गया।

सन्दर्भ[संपादित करें]