एम डी (आयुर्वेद)

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एम॰डी॰ (आयुर्वेद) अथवा आयुर्वेद वाचस्पति भारत के आयुर्वेद चिकिस्ता संस्थानों में चलने वाला तीन वर्षिय कार्यक्रम है। यह भारत और श्रीलंका के विभिन्न संस्थानों में पढ़ाया जाता है।[1][2] इस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए सामान्यतः एक प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है जिसके लिए आयुर्वेद में स्नातक अथवा कोई डिप्लोमा होना आवश्यक है।[3][1] यह पाठ्यक्रम विभिन्न विषयों में उपलब्ध है यथा कायचिकित्सा आगाद तंत्र, द्रव्य गुण, कुमार भृत्य, मौलिक सिद्धान्त, पंचकर्म, प्रसुति तंत्र एवं स्त्री रोग, रोग एवं विकृत विज्ञान, रस शास्त्र, शरीर रचना, शरीर क्रिया, शल्य तंत्र, शलक्य तंत्र और स्वस्थ वृत्ता आदि।[4]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "MD Ayurveda entrance exam result out". द हिन्दू (अंग्रेज़ी में). 26 जनवरी 2006. अभिगमन तिथि 1 नवम्बर 2018.
  2. "Postgraduate Degree Course [MD (AYU)] [VACHASPATHI]-2012/2015". इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिगियस मेडिसीन. मूल से 7 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 नवम्बर 2018.
  3. पीतकर, उर्मिला ए॰ (2010). "Career options after Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery". International Journal of Ayurveda Research. 1 (3): 192–194. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0974-7788. डीओआइ:10.4103/0974-7788.72495. पी॰एम॰सी॰ 2996581.
  4. "Post-Graduate Course of MD( Ayurveda)". www.nia.nic.in (अंग्रेज़ी में). राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान. मूल से 31 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 नवम्बर 2018.